
बद्रीनाथ धाम साधना एवं मनोकामना की भूमि हैदेवभूमि उत्तराखंड का बद्रीनाथ धाम भागवत महापुराण का प्राकट्य स्थल है। इसी के महत्व को देखते हुए हरिकथा आयोजन…
देवभूमि उत्तराखंड का बद्रीनाथ धाम भागवत महापुराण का प्राकट्य स्थल है। इसी के महत्व को देखते हुए हरिकथा आयोजन समिति द्वारा बद्रीनाथ धाम पर आचार्य श्री रामानुजजी के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। आचार्य श्री के मार्गदर्शन में समिति ने पितृमोक्षार्थ यहां भागवत कथा रखी। जिसमें मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, व देश के विभिन्न प्रांतों के भक्तों ने भाग लिया।
आचार्यश्री रामानुजजी ने कहा बद्री विशाल में भागवत कथा को सुनना बहुत ही पुण्य का काम है। यह धार्मिक साधना एवं मनोकामना की भूमि है। इसलिए उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है। यहीं पर भागवत महापुराण की रचना महर्षि वेदव्यास ने की थी, जिसे आज पीढियों दर पीढी इस ग्रंथ को जनमानस तक व्यास पीठ से पहुंचाया एवं सुनाया जा रहा है। हरिकथा आयोजन समिति द्वारा सात दिवसीय इस आयोजन के प्रथम दिवस आचार्य श्री रामानुज की सन्निध्य में पोथी यात्रा का आयोजन किया गया। कथा स्थल से पौथी यात्रा बद्रीनाथ मंदिर तक ले जाई गई वहां पर पुजा अर्चना कर पुनः पोथी यात्रा कथास्थल पर पहुंची