उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 (UP Assembly Election 2017) के लिए मतदान आखिरी चरण में था. मतदान के बाद 12 मार्च को मतगणना होनी थी. इससे ठीक दो दिन पहले यानी 10 मार्च को गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के पास तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का फोन आया. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने उनका विदेश दौरा रद्द कर दिया है. मतगणना से 48 घंटे पहले यह शायद पहला संकेत था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने बहुमत मिलने पर उत्तर प्रदेश के सीएम (CM) के तौर पर योगी आदित्यनाथ का नाम तय कर लिया था.
पहली बार बताया यूपी का सीएम बनने का पूरा घटनाक्रम
योगी आदित्यनाथ ने News18 Network के Editor-in Chief राहुल जोशी के साथ Exclusive Interview में यूपी विधानसभा चुनाव, 2017 में बीजेपी के तीन-चौथाई बहुमत हासिल करने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर पहली बार विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि मैं सीएम बनने की दौड़ में कहीं नहीं था. न ही मेरी ऐसी कोई इच्छा थी. मैंने पार्टी के निर्देश के मुताबिक राज्य में चुनाव प्रचार किया. उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 25 फरवरी को मुझसे कॉल कर बात की. उन्होंने कहा, ‘एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल पोर्ट लुईस जा रहा है. आपको भी साथ जाना चाहिए. मैंने उन्हें बताया कि 6 मार्च तक यूपी चुनाव में व्यस्त हूं. इसलिए विदेश यात्रा पर नहीं जाना चाहता.’
यूपी के सीएम ने बताया, ‘इस पर सुषमा स्वराज ने कहा कि आप 6 मार्च के बाद चले जाइए. अगर आप सहमति दें तो हम चाहते हैं कि आप ही प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें. मैंने कहा कि 6 मार्च के बाद मेरे पास समय होगा. इसलिए तब मैं जा सकता हूं.’ यूपी में मतदान 8 मार्च, 2017 को पूरा हो गया. मैं 8 मार्च को दिल्ली चला गया. मेरा पासपोर्ट पहले ही भेजा जा चुका था. मुझे 10 मार्च को बताया गया कि मेरा पासपोर्ट वापस भेज दिया गया है और मुझे विदेश यात्रा पर जाने की जरूरत नहीं है. अगले दिन मतगणना होनी थी, इसलिए मैं वापस गोरखपुर (Gorakhpur) चला गया. बीजेपी (BJP) ने यूपी में अपना परचम लहराया. 13 मार्च को होली के कारण मैं गोरखपुर में ही रुक गया.
अमित शाह ने जरूरी बातचीत के लिए दिल्ली में ही रुकने को कहा
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि होली के बाद 16 मार्च को पार्लियामेंट्री पार्टी मीट के लिए मैं दिल्ली पहुंच गया. मेरी अमित शाह से मुलाकात हुई. हमने चुनाव पर चर्चा की. इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि आप दिल्ली (Delhi) में ही रुकें. हमें जरूरी बात करनी है. जब उनसे पूछा गया कि क्या इस मुलाकात में शाह ने पार्टी के फैसले के बारे में कोई जानकारी दी तो उन्होंने कहा कि उस समय कुछ स्पष्ट नहीं था. मैं सोच रहा था कि चुनाव हो चुके हैं. नतीजे भी आ चुके हैं. फिर वह मुझसे क्या चर्चा करना चाहते हैं. मैंने 17 मार्च को संसद (Parliament) में एक सवाल पूछा. इसके बाद वापस गोरखपुर लौट गया. शाम को शाह का मेरे पास फोन कॉल आया और उन्होंने पूछा कि आप कहां हैं. मैंने कहा कि मैं गोरखपुर में हूं
चार्टर्ड प्लेन से 18 मार्च की सुबह 11 बजे गोरखपुर से दिल्ली लौटा
यूपी के सीएम ने कहा, ‘शाह ने मुझसे कहा कि जब मैंने आपको दिल्ली में रुकने को कहा था तो आप लौट क्यों गए. इस पर मैंने कहा कि दिल्ली में मेरे पास कोई काम नहीं था. इसलिए मैं लौट आया. फिर उन्होंने कहा कि आप दिल्ली लौट आइए. हमें बहुत ही जरूरी बात करनी है. उस समय न तो कोई ट्रेन थी और न ही कोई फ्लाइट थी. इसलिए अमित शाह ने कहा कि मैं कल सुबह आपके लिए चार्टर्ड प्लेन भेज रहा हूं. आप दिल्ली पहुंच जाइए, लेकिन इस बारे में किसी को बताइगा नहीं. मैं सुबह करीब 11 बजे दिल्ली पहुंच गया था.
शाह ने मुझे लखनऊ जाने और सीएम बनाए जाने की जानकारी दी
योगी आदित्यनाथ ने बताया, ‘दिल्ली पहुचने पर शाह ने मुझसे कहा कि इसी फ्लाइट से वापस लखनऊ लौटिए, क्योंकि शाम 4 बजे आपको विधायक दल का नेता चुना जाएगा. आपको कल यूपी के सीएम के तौर पर शपथ लेनी है.’ बीजेपी की ओर से 18 मार्च को घोषणा कर दी गई और अगले दिन योगी आदित्यनाथ ने यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) ने उप-मुख्यमंत्री (Deputy CM) के तौर पर शपथ ली. इसके छह महीने के भीतर योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के सांसद के तौर पर इस्तीफा दे दिया. फिर वह उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में निर्विरोध चुन लिए गए.
