
नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र को बड़ी राहत दी है। अब कृषि उपज मंडी समितियों (एपीएमसी) के जरिए एक करोड़ रुपए से अधिक के नकद भुगतान पर टीडीएस नहीं कटेगा। किसानों को उपज का भुगतान मिलने में दिक्कतें सामने आने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। सरकार ने नकद लेन-देन को हतोत्साहित करने और कैशलेस इकोनॉमी की तरफ बढ़ने के लिए आम बजट में एक करोड़ रुपए से ज्यादा नकदी निकालने पर 2% टीडीएस लगाने का प्रस्ताव किया था। यह नियम एक सितंबर से अमल में आया था। एपीएमसी से जुड़े व्यापारी किसानों से उपज तो खरीद रहे थे, लेकिन उन्हें नकद भुगतान करने में दिक्कत आ रही थी। मप्र सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर टीडीएस हटाने की मांग की थी।
मंडी व्यापारियों का कहना था कि किसानों की आय पर वैसे भी आयकर नहीं है। ऐसे में व्यापारियों पर बेवजह टैक्स का भार आ सकता है। कई मंडियों में व्यापारियों को इस नियम के लागू होने की तारीख को लेकर भी भ्रम था। इस मामले में और भी कई समस्याएं थीं।
मंडियों में व्यापारी उपज की खरीद रोकने लगे थे : कई मंडियों में व्यापारियों ने एक सितंबर से किसानों से उपज खरीद करना ही बंद करने का ऐलान कर दिया था। जीरा की प्रमुख ऊंझा (गुजरात) मंडी में व्यापारियों ने किसानों से माल खरीदना बंद करने का फैसला किया था और सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग की थी। कुछ मंडियों में एपीएमसी किसानों को डिजिटल पेमेंट करने पर भी विचार करने लगे थे।
कमलनाथ बाेले- फैसला स्वागत याेग्य : केंद्र सरकार का 2 फीसदी टीडीएस नहीं लगाने का फैसला लेना स्वागत याेग्य है। किसानों के हित में इस संबंध में हमने केंद्र को पत्र लिख इस किसान विरोधी निर्णय को वापस लेने की मांग की थी। इस निर्णय से कृषि मंडियों में व्यापार प्रभावित हो रहा था और किसानों को उनकी उपज का तत्काल नगद भुगतान नहीं मिल पा रहा था। हम शुरू से ही इस निर्णय के विरोध में थे। – कमलनाथ, मुख्यमंत्री