केंद्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने जम्मू और कश्मीर के रणबीरबाग में जमे हुए वीर्य स्टेशन की आधारशिला रखी

  1. वीर्य स्टेशन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत कुल 2,163.57 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है
  2. जमे हुए वीर्यस्टेशन कश्मीर प्रांत को उच्च गुणवत्ता और रोग मुक्त जर्मप्लाज्म के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने में सक्षम करेगा
  3. परियोजना और इसके सफल कार्यान्वयन/ निष्पादन से मौजूदा अवसंरचना में वृद्धि होने और जमे हुए वीर्य परियोजना-रणबीर बाग में नई अवसंरचना का निर्माण होने की संभावना है
  4. यह परियोजना एमएसपी दिशा-निर्देशों के अनुसार रणबीर बाग के जमे हुए वीर्य बुल स्टेशन को मजबूती प्रदान करेगी जिससे सालाना 10 लाख से ज्यादा एफएसएस का निर्माण किया जा सके।

 

 

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केंद्रीय मत्स्यपालनपशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने जम्मू और कश्मीर के रणबीरबाग में जमे हुए वीर्यस्टेशन की आधारशिला रखी

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने जम्मू और कश्मीर के रणबीरबाग में जमे हुए वीर्यस्टेशन की आधारशिला रखी। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत इस वीर्य स्टेशन को कुल 2,163.57 लाख रुपये की राशि के साथ स्वीकृति प्रदान की गई है। जमे हुए वीर्यस्टेशन कश्मीर प्रांत को कृत्रिम गर्भाधान हेतु उपयोग किए जाने वाले उच्च गुणवत्ता और रोग मुक्त जर्मप्लाज्म के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने में सक्षम करेगा। श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने अपने संबोधन में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के सभी विभागों को सलाह देते हुए कहा कि वे सभी योजनाओं का शतप्रतिशत उपयोग करें। उन्होंने कहा कि मंत्रालय योजनाओं के उपयोग की समन्वय और निगरानी करेगा।

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जमे हुए वीर्यपरियोजना रणबीर बाग की स्थापना वर्ष 1980 में इंडो-डेनिश परियोजना के अंतर्गत हुई थी। डेनिश सरकार और भारत सरकार के बीच एक सहायता कार्यक्रम ‘दानिडा’ के अंतर्गत जमे हुए वीर्य प्रसंस्करण के उपकरण प्राप्त हुए थे। परियोजना को वर्ष 1982 में क्रायो-संरक्षित वीर्य को संसाधित करने के लिए शुरू किया गया। जमे हुए वीर्य परियोजना रणबीर बाग (पशुधन विकास बोर्ड-कश्मीर), मुख्य रूप से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के कश्मीर प्रांत में मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान में उपयोग की जाने वाली जमे हुए वीर्यखुराक के उत्पादन में लगी हुई है।

यह स्टेशन घरेलू चाराका उत्पादन करने के साथ-साथ लगभग 300 कनाल भूमि में फैला हुआ है। यह स्टेशन केंद्र शासित प्रदेश के गांदरबल जिले में हरमुख पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित है और जैव सुरक्षा के प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है।

वर्ष 2025-26 तक 10.95 लाख जमे हुए वीर्य खुराक का उत्पादन करने, आईएसओ/जीएमपी प्रमाणन निरंतर बनाए रखने, जीएलपी प्रमाणन और सीएमयू द्वारा ग्रेड ए प्राप्त करने के लिए,जमे हुए वीर्य स्टेशन रणबीर बाग को आरजीएम योजना के अंतर्गतसशक्त बनाने की मंजूरी प्रदान की गई है। हाई जेनेटिक मेरिट ब्रीडिंग बुल्स की इस खरीद को साकार करने के लिए न्यूनतम मानक प्रोटोकॉल (एमएसपी)/जैव-सुरक्षा और जैव-सुरक्षा मैनुअल के दिशा-निर्देशों के अनुसार, एक नई प्रसंस्करण और गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला का निर्माण, नई मशीनरी/उपकरणों की खरीद, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण बहुत आवश्यक है।इसका उद्देश्य निम्नलिखित दीर्घकालिक लक्ष्यों की प्राप्ति है:

  1. किसानों को उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता वाले सांडों से गुणवत्तापूर्ण जर्मप्लाज्म उपलब्ध कराना।
  2. स्थानीय मवेशियों काउन्नयन करने के लिए गुणवत्तापूर्ण जर्मप्लाज्म के उपयोग में विस्तार।
  3. पशुओं द्वारा उत्पादन आंकड़ों में वृद्धि करना जिससे दूध और डेयरी उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
  4. उपभोक्ताओं के लिए गोजातीय खेती को स्वरोजगार, ग्रामीण महिला सशक्तिकरण, अतिरिक्त आय स्रोत, न्यूनतम पोषक तत्वों के स्रोत के रूप में पशु प्रोटीन, वसा आदि को एक साधन के रूप में प्रस्तुत करना।
  5. पशुओं की आनुवंशिक संरचना का उन्नयन करके देशी मवेशियों की नस्लों में सुधार।
  6. देशी नस्लों का संरक्षण।
  7. वीर्य स्टेशन की अवसंरचना को मजबूत करना।
  8. मजबूत जैव सुरक्षा उपायों को लागू करना।
  9. प्रारंभिक रूप से लिंग पृथक्कृत वीर्य के साथ कृत्रिम गर्भाधान में वृद्धि करना।
  10. एफएसडी उत्पादन के साथ-साथ लिंग पृथक्कृत वीर्य उत्पादन के लिए उत्कृष्टता का केंद्र बनना।

परियोजना और इसके सफल कार्यान्वयन/ निष्पादन से मौजूदा अवसंरचना में वृद्धि होने और जमे हुए वीर्य परियोजना-रणबीर बाग में नई अवसंरचना का निर्माण होने की संभावना है। इससे कश्मीर प्रांत कृत्रिम गर्भाधान में उपयोग होने वाले उच्च गुणवत्ता और रोग मुक्त जर्मप्लाज्म के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा। बढ़ी हुई कृत्रिम गर्भाधान कवरेज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में डेयरी जानवरों की उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। यह परियोजना एमएसपी दिशा-निर्देशों के अनुसार रणबीर बाग के जमे हुए वीर्यसांड स्टेशन को मजबूत करेगी जिससे सालाना 10 लाख से ज्यादा एफएसएस का निर्माण किया जा सके।

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