निष्पक्ष पत्रकारिता पर लगाई जा रही बंदिशें चिंता का विषय

भोपाल । वरिष्ठ लेखिका एवं पत्रकार मृणाल पाण्डेय ने केन्द्र सरकार की मीडिया के प्रति व्यवहार पर खेद व्यक्त करते हुऐ जो आरोप लगाया वह वर्तमान परिदृश्य में अटल सत्य है ।

मृणाल पाण्डेय ने एक इंटरव्यू में कहा की मीडिया को अपने पक्ष में लिखने को मजबूर कर रहा है सत्ता पक्ष। प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया के रवैए पर भी ऐतराज़ करते हुऐ मृणाल पाण्डेय ने कहा कि पंजाब के आतंकवाद के समय निष्पक्ष रूप दिखाता कौंसिल कश्मीर मामले में सरकार का पक्ष ले रहा है जो ठीक नही । मृणाल पाण्डेय का बयान आज की पत्रकारिता को आईना दिखा रहा है । उत्तरप्रदेश में मिड डे मील कांड को उजागर करने वाले पत्रकार के ख़िलाफ़ योगी सरकार द्वारा एफआईआर कराना इस बात का प्रमाण है कि मीडिया आपातकाल से गुज़र रहा है जहाँ लोकतंत्र दम तोड़ रहा है वही निष्पक्ष पत्रकारिता पर लगाई जा रही बंदिशें चिंता का विषय है । यह वह दौर है जब सत्ता पक्ष का गुणगान करने वाले , तलवे चाटते पत्रकार सत्ता पक्ष की आंखो के नूर बने हैँ और सच उजागर करने वाले प्रताड़ित किये जा रहे हैँ । देश की दशा और दिशा दोनों पर आघात हो रहा । सच्ची पत्रकारिता का गला घोंटा जा रहा है जो लोकतंत्र के लिऐ अशुभ संकेत हैं । पत्रकार और पत्रकारिता असुरक्षित है जो चिंता का विषय है । सत्ता पक्ष की यह दमन कारी नीति ठीक नही । अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति भारत , वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखिका मृणाल पाण्डेय के वक्तव्य का समर्थन करता है । मीडिया बहुत बुरे दौर से गुज़र रही है । यह आपातकाल नही तो क्या है ?

सैयद ख़ालिद कैस राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिती भारत

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