भोपाल.राजधानी भोपाल (bhopal boat tragedy)में खटलापुरा घाट पर हुए दर्दनाक हादसे से पहले खुशियां फैली हुई थीं. पूरे मोहल्ले में हर्षोल्लास था. बच्चे-युवा-महिलाएं सब झूमते-नाचते बप्पा को विदा करते हुए अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे लगा रहे थे. लेकिन वो क्या जानते थे कि दरअसल वो बप्पा को नहीं बल्कि अपने ही बेटों-भाइयों-पति को अंतिम विदाई दे रहे हैं.
खुशी-खुशी हुए विदा-भोपाल के पिपलानी 100 क्वॉटर के बस्ती वालों ने खूब-हंसी खुशी बप्पा को विदा किया था. मोहल्ले की बहू-बेटियों ने मोहल्ले से ही गणपति बप्पा को नाच-गाकर विदा किया. उसके बाद युवाओं की टोली मूर्ति लेकर आगे बढ़ चली. रास्तेभर नाचते, गाते युवा खटलापुरा घाट पहुंचे. लेकिन वहां से फिर कभी लौटकर नहीं आए.

मोहल्ले की महिलाओं ने भी खुशी-खुशी चल समारोह को विदा किया
लौट के फिर ना आए-खटलापुरा घाट में गणेश विसर्जन के दौरान जिन 11 युवकों की डूबने से मौत हुई वो बड़े धूमधाम से गुरुवार रात 11 बजे पिपलानी इलाके से गणेश प्रतिमा को लेकर रवाना हुए थे.इनके उल्लास का सिलसिला खटलापुरा तक चला.रास्ते भर गणपति बप्पा के जयकारे गूंज रहे थे.डीजे पर सब जमकर डांस कर रहे थे. मोहल्ले वाले युवाओं की टोली और मूर्ति को विदा करने के बाद अपने घरों को लौट गए और सो गए.
लौट के फिर ना आए-खटलापुरा घाट में गणेश विसर्जन के दौरान जिन 11 युवकों की डूबने से मौत हुई वो बड़े धूमधाम से गुरुवार रात 11 बजे पिपलानी इलाके से गणेश प्रतिमा को लेकर रवाना हुए थे.इनके उल्लास का सिलसिला खटलापुरा तक चला.रास्ते भर गणपति बप्पा के जयकारे गूंज रहे थे.डीजे पर सब जमकर डांस कर रहे थे. मोहल्ले वाले युवाओं की टोली और मूर्ति को विदा करने के बाद अपने घरों को लौट गए और सो गए.