मप्र स्थापना दिवस / भारत का दिल कहते हैं इसे, इन ऐतिहासिक जगहों की वजह से विश्व में है खास पहचान

  • भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश का 1 नवम्बर, 1956 को गठन हुआ था
  • मध्यप्रदेश को अपने राजसी स्मारकों और प्रसिद्द इतिहास के लिए भी जाना जाता हैं

भोपाल.भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश का 1 नवम्बर, 1956 को गठन हुआ था। तभी से यह दिन प्रदेश के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। मध्यप्रदेश को अपने राजसी स्मारकों और प्रसिद्द इतिहास के लिए भी जाना जाता है। अपनी ऐतिहासिक घटनाओं के चलते यहांपर कई पर्यटन स्थल हैं। आज मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस के खास मौके पर हम आपके लिए यहांके प्रसिद्द पर्यटन नगरों की जानकारी लेकर आए हैं। तो आइए जानते हैं इनके बारे में।

  • खजुराहो

    खजुराहो

    खजुराहो दुनियाभर के पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। यहां 22 मंदिरों का एक समूह है। जटिल नक्काशी, कामुक मूर्तिकला किसी भी इतिहास प्रेमी को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त है। खजुराहो के मंदिरों को पश्चिमी वर्ग, दक्षिणी समूह और पूर्वी समूह की तीन श्रेणियों में बांटा गया। इनमें से मंदिरों के पश्चिमी समूह ने अधिकतम प्रसिद्धि प्राप्त की है। मंदिरों के अलावा, खजुराहो में दो झील भी हैं। मध्य प्रदेश में खजुराहो एक छोटा सा शहर है। इतिहास में गहरी दिलचस्पी रखने वालों के लिए खजुराहो एक शानदार विषय है। यहां के आकर्षण के केंद्र कंदारी महादेव मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, पारस्वनाथ मंदिर, चित्रगुप्त बीजमंदला मंदिर, देवी जगदाम्बा, चौथ योगिनी, वामन मंदिर, दुलादेव मंदिर हैं।

  • उज्जैन

    उज्जैन

    भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। यह एक अत्यन्त प्राचीन शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ हर 12 वर्ष पर सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है। उज्जैन मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इन्दौर से 55 कि॰मी॰ पर है। उज्जैन के प्राचीन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। उज्जैन मंदिरों की नगरी है। यहाँ कई तीर्थ स्थल है। यह मध्य प्रदेश का पाँचवा सबसे बड़ा शहर है।

  • सांची

    सांची

    सांची प्रदेश राज्य के रायसेन जिलेमें बेतवा नदी के तट स्थित गांव है। यह भोपाल से 46 किमी. और विदिशा से 10 किमी की दूरी पर है। यहां कई बौद्ध स्मारक हैं, जो तीसरी शताब्दी ई.पू से 12वीं शताब्दी के बीच के काल के हैं। यहां का मुख्य आकर्षण सांची का स्तूप, तोरण, और मठ हैं।

  • महेश्वर

    महेश्वर

    महेश्वर मध्य भारत के वाराणसी के रूप में जाना जाता है, महेश्वर भगवान शिव को समर्पित शहर है। यह नर्मदा नदी के तट पर स्थित, महेश्वर के पास बहुत धार्मिक स्थल है और यह प्रदेश के प्रमुख लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है। यह पवित्र शहर हिंदू भक्तों के लिए एक समयप्रसिद्ध आध्यात्मिक केंद्रों में से एक था। आध्यात्मिकता के अलावा, महेश्वर उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र है जो अच्छी भारतीय वास्तुकला को देखना चाहते हैं।

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