
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी वाकपटुता के लिए जाने जाते हैं. कुशल वक्ता होने के साथ-साथा उनके पास एक कवि हृदय भी है.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अपनी वाकपटुता के लिए जाने जाते हैं. कुशल वक्ता होने के साथ-साथा उनके पास एक कवि हृदय भी है. उनका एक कविता संग्रह ‘एक यात्रा’ पहले ही आ चुका है. अभी हाल ही में उन्होंने फिर एक बार कवि होने का परिचय दिया. शनिवार को महाबलीपुरम में समुद्रतट पर टहलते-टहलते प्लागिंग (सुबह की सैर के दौरान प्लास्टिक की बोतल ,कचरा आदि चुनना) करते हुए पीएम मोदी ने एक कविता लिख डाली. इसमें उन्होंने सागर के सूर्य से संबंध, लहरों और उनके दर्द को बताया है. इस कविता को पीएम मोदी ने ट्विटर पर रविवार को साझा किया है.
मामल्लापुरम में बीच पर सफाई करते समय पीएम मोदी के हाथ में थी ये खास चीज
पीएम मोदी ने लिखा, ”कल महाबलीपुरम में सवेरे तट पर टहलते-टहलते सागर से संवाद करने में खो गया. ये संवाद मेरा भाव-विश्व है. इस संवाद भाव को शब्दबद्ध करके आपसे साझा कर रहा हूं”

कल महाबलीपुरम में सवेरे तट पर टहलते-टहलते सागर से संवाद करने में खो गया। ये संवाद मेरा भाव-विश्व है। इस संवाद भाव को शब्दबद्ध करके आपसे साझा कर रहा हूं-
बता दें पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को महाबलीपुरम लेकर पहुंचे थे. यहां दोनों नेताओं के बीच भारत और चीन से जुड़े तमाम मुद्दों को लेकर बातचीत हुई. पीएम मोदी ने कहा कि वे दोनों देशों के बीच मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे.