PRIYANKA SINGH reporter
http://rewaरीवा। शहर में पानी सप्लाई व्यवस्था को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच अब मीटर के नाम पर किए गए भुगतान को लेकर सवाल खड़ा हुआ है। जिस कार्य के लिए पहले ही भुगतान कर दिया गया, वह अब तक पूरा नहीं हो सका है। शहर के २५ हजार घरों में नल कनेक्शन में मीटर लगाने के नाम पर पहले ही पांच करोड़ रुपए भुगतान कर दिया गया। इसके कुछ महीने के बाद फिर से नल कनेक्शन की सामग्री के नाम पर पांच करोड़ रुपए का और भुगतान अधिकारियों ने कर दिया। इस दस करोड़ रुपए से अब तक पानी सप्लाई लाइन का रखरखाव करने वाली सीएमआर कंपनी ने कार्य नहीं कराया है। लगातार आ रही शिकायतों के चलते नगर निगम आयुक्त ने इस पूरे मामले की फाइल तलब कर ली है। अधिकारियों से उन्होंने पूछा है कि आखिर ऐसी कौन सी जल्दबाजी रही कि ठेकेदार को एडवांस में बड़ी रकम का भुगतान कर दिया गया।
बताया गया है कि मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत ३५ करोड़ रुपए की लागत से शहर में फिल्टर प्लांट, टंकियां एवं पाइपलाइन बिछाने का कार्य किया गया था। इसका ठेका सीएमआर कंपनी को दिया गया है। साथ ही कंपनी को ३० करोड़ रुपए का अमृत योजना का प्रोजेक्ट भी मिला है। जिसके तहत शहर के उन प्रमुख हिस्सों में भी पाइपलाइन बिछाई गई, जहां पर पहले पानी नहीं पहुंचता था। जहां वर्षों पुरानी पाइपलाइन बिछाई गई थी, उसके स्थान पर नई पाइपलाइन बिछाई। इन दोनों योजनाओं में किए गए कार्यों के रखरखाव की पूरी जवाबदेही पांच साल के लिए कंपनी को ही सौंपी गई है। जानकारी मिली है कि नगर निगम आयुक्त ने दस्तावेजों की पड़ताल शुरू करा दी है। साथ ही सीएमआर कंपनी का भुगतान भी फिलहाल रोक दिया गया। जबकि नियम है कि हर तीन महीने में उसे भुगतान किया जाना है।