उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज जीवन के हर क्षेत्र में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रवाद की बात करते हुए उन्होंने आयुर्वेद जैसी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को अपनाने की अपील की। श्री धनखड़ राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के छात्रों से एक संवाद के दौरान पूछे गए एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। आर्थिक क्षेत्र में राष्ट्रवाद को बढ़ाने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ पैसे ज्यादा कमाने के लिए दीवाली के दिये या पतंग जैसी चीजें बाहर से मांगना उचित नहीं है। हमें हर हाल में देश को आगे रखना चाहिए। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री धनखड़ ने विश्वास व्यक्त किया कि एक बार आयुर्वेद और आयुष की पद्धति देश गति पकड़ेगी तो तेजी से बढ़ती चली जायेगी। आयुर्वेद के छात्रों का भविष्य उज्ज्वल है।
अपने सम्बोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे जैसी 5 हजार वर्ष पुरानी सभ्यता और कहीं नहीं दिखती। हमारा अथर्ववेद स्वास्थ्य के लिए ज्ञान का भंडार है। कोरोना महामारी के दौरान आयुर्वेद के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेद किट बहुत काम आयी।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में लैंगिक समानता की चर्चा करते हुए श्री धनखड़ ने खुशी व्यक्त की कि आज दुनिया भर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेटियों का डंका बज रहा है। आयुष्मान भारत जैसे जन कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतना कुछ किया गया है उसकी कभी कल्पना नहीं की थी। उन्होंने कहा कि मैंनें कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतनी जल्दी इतना कुछ हो जाएगा। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा की आने वाले समय में जब लोग पूछेंगे कि शिव-शक्ति और तिरंगा कहां है तो जवाब दिया जाएगा चांद पर है, पूछा जाएगा यह नाम कब पड़ा जवाब दिया जाएगा 23 अगस्त 2023 को।
उपराष्ट्रपति ने आगे यह भी कहा कि हम में से कुछ लोग 2047 में नहीं होंगे लेकिन जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, हमें पूरा विश्वास है कि हम टॉप पर होंगे। भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदला है और यह एक बहुत बड़ा परिवर्तन है हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारे देश के लोग हैं। और यह कामयाबी तभी मिलेगी जब हमारे लोग स्वस्थ होंगे। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता अभियान के परिणाम अब दिखने लगे हैं।
इस अवसर पर डॉ (श्रीमती) सुदेश धनखड़, डॉक्टर मुंजपारा महेंद्र भाई, माननीय राज्य मंत्री आयुष, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, श्री वैद्य राजेश कुटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, प्रोफेसर संजीव शर्मा, वाइस चांसलर, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर, संस्थान के अधिकारी गण, फैकल्टी मेंबर, संस्थान के विद्यार्थी तथा अन्य कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।