योगिता अहिरवारविशेष संवाददाता.

NSCN IM: छापेमारी दल को मिले 125 राउंड के साथ एक अमेरिकी मूल की एम 16 असॉल्ट राइफल, 26 राउंड के साथ एक सेल्फ-लोडिंग राइफल, कुछ एके सीरीज की असॉल्ट राइफल और अन्य सामान बरामद हुआ है.
नई दिल्ली:
सेना ने मणिपुर में विद्रोही समूह एनएससीएन (आईएम) के एक अज्ञात ठिकाने को तब ध्वस्त कर दिया जब उसके सदस्य एक गांव के लोगों से वसूली कर रहे थे. उत्तर-पूर्व के सबसे बड़े उग्रवादी समूह NSCN (IM) का केंद्र के साथ युद्ध विराम है और उसे अपने सभी शिविरों के स्थानों की सूचना सेना को देनी होती है. सेना ने अपने बयान में कहा है, ‘6 जुलाई को मणिपुर के केकरु नागा गांव में सेना के जवानों द्वारा NSCN (IM) के एक अज्ञात और अनधिकृत ठिकाने का ध्वस्त कर दिया. NSCN (IM) कैडरों के द्वारा केकरु नागा में कैंपिंग करने और जबरन अवैध वसूली करने के बारे में विशेष इनपुट मिले थे, जिसके आधार पर 5 जुलाई की रात को ऑपरेशन लॉन्च किया गया था.’
साथ ही सेना ने कहा, ‘हालांकि, सैनिकों को अपने शिविर की ओर देख उग्रवादी समूह के कैडर बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, वर्दी और अन्य सामान छोड़कर भाग गए.’ सेना ने कहा कि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) के एक सदस्य सादा कपड़े में था और वह लोगों के बीच छुपने की कोशिश कर रहा था, तभी उसे हिरासत में ले लिया गया.
छापेमारी दल को मिले 125 राउंड के साथ एक अमेरिकी मूल की एम 16 असॉल्ट राइफल, 26 राउंड के साथ एक सेल्फ-लोडिंग राइफल, कुछ एके सीरीज की असॉल्ट राइफल और अन्य सामान बरामद हुआ है.

सेना ने कहा कि वह पुलिस, खुफिया एजेंसियों, नागरिक प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि एनएससीएन (आईएम) के “अनधिकृत ठिकाने” की पहचान की जा सके. सेना ने अपने बयान में कहा, ‘मणिपुर में ऐसे अवैध एनएससीएन (आईएम) शिविरों की पहचान करने और उन्हें नष्ट करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जा रही है. और इसके साथ ही इसके कैडरों द्वारा अत्याचार और इनकी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए काम किया जा रहा है.’
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NSCN (IM) की स्थापान साल 1980 में की गई थी और 85 वर्षीय थुइंगलेंग मुइवा इसका नेतृत्व कर रहे हैं. इस ग्रुप के अन्य इसक चिशी स्वू का तीन साल पहले 87 साल की उम्र में मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से निधन हो गया था. NSCN-IM पर हत्याओं, जबरन वसूली और अन्य विध्वंसक गतिविधियों का आरोप लगता रहा है और भारत से अलग होने की उसकी लगातार मांग के कारण सेना को उस पर कार्रवाई करनी पड़ी