सत्संग में ऐसे प्रमाणित तथ्य बताए गए जो आत्मा को झकझोर देते हैं और बुराई छोड़ने पर मजबूर कर देते हैं।
सत्संग में संत जी ने बताया कि मानव जीवन बहुत अनमोल है इसमें चोरी करना, रिश्वत लेना, किसी की बहन बेटी के साथ दुष्कर्म करना, नशा करना आदि सभी बुराइयों से बचकर मनुष्य को सद्कर्म करके अपना मनुष्य जीवन सफल बनाना चाहिए! और पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की सतभक्ति करके अपना मोक्ष करवाना चाहिए क्योंकि-
मानुष जनम दुर्लभ है ये मिले न बारंबार!
जैसे तरवर से पत्ता टूट गिरे वो फिर नही लगता डार!!
सत्संग में बताया गया
सो नारी जारी करे सुरापान सो बार एक चिलम हुक्का भरे डूबे काली धार
मदिरा पिवे कड़वा पाणी,सत्तर जन्म श्वान (कुत्ते) के जानी
परद्वारा स्त्री का खोले ,
सत्तर जन्म अंधा हो डोले
सत्संग से प्रभावित होकर सभी कैदियों ने नशा चौरी रिश्वत खोरी जेसी सभी बुराइयों को त्यागने का संकल्प लिया और जेल अधीक्षक महोदय को व समस्त स्टाफ को आध्यात्मिक पुस्तके दी गई।
जानकारी जिला सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर मांगीलाल दास पवन दास ने दी।