एक कहावत है धनी बिना धन सुना इसी तरह किसी दूसरे को नियम का पालन करवाने और उन नियमों को उनको बताने से पहले अपने आप को नियमों के अनुसार देखना पड़ता है और अपने आप को सबसे पहले नियमों के अनुसार पालन करना होता है तब जाकर हम दूसरों को नियम बता सकते हैं लेकिन आष्टा जनपद पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों के इन के मायने उनके लिए कुछ भी नहीं है वैसे तो जनपद पंचायत में अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुने हुए सब हैं लेकिन अध्यक्ष का यहां होना या नहीं होना ना के बराबर है क्योंकि यहां जनपद में उन्हें कोई तवज्जो नहीं देते पूर्व में श्रीमती दीक्षा सोनू गुणवान इनकी शिकायत कर चुकी है लेकिन उनका नतीजा शून्य है जनपद पंचायत में इस बात का जायजा लिया गया है कि सही में क्या जनपद पंचायत में धर्मशाला का काम हो रहा है जहां कोई भी आ जा सकता है हमने जाकर इस बात का जायजा लिया सबसे पहले हम सीईओ अमित कुमार व्यास के कक्ष में गए तो वहां पर हमें खाली कुर्सी मिली फाटक खुला था बिजली चल रही थी पंखे चल रहे थे बाहर बैठे कर्मचारी संघ ने पूछा कि साहब के आने का समय क्या है तो तो उसने कुछ नहीं बताया कहा कि सब आते होंगे अन्य कर्मचारियों को हमने वहां पर जायजा लिया तो सब मोबाइल चलाने में व्यस्त थे ग्रामीण दूर-दूर से अपने काम के लिए इधर से उधर भटकते रहते हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं होता है यह जनपद पंचायत की बहुत बड़ी लापरवाही है
आष्टा से दिनेश सिलोरिया की रिपोर्ट
