मैग्नीफिसेंट में पत्रकारों की मेहमान नवाजी

मैग्नीफिसेंट में पत्रकारों की मेहमान नवाजी !

इंदौर में आयोजित मैग्नीफिसेंट एमपी समिट 2019 को लेकर प्रदेश के पत्रकारों के लिए आगाज भले ही ठीक रहा हो लेकिन अंजाम ऐसा रहा कि इनके लिए सरकार की मेहमान नवाजी नासूर बन गई। वैसे तो तमाम पत्रकारों को बड़ी-बड़ी होटलों में ठहराया गया, रहने-खाने का बेहतर प्रबंध था लेकिन समिट के समाप्त होने के बाद जब पत्रकार होटलों से चैक आउट करने लगे तो बिल होटल प्रबंधन ने इन्हें बिल थमा दिए। बिल देखकर पत्रकारों के होश उड़ गए। आनन-फानन में पत्रकारों ने सरकार के नुमाइंदों को फोन लगाए लेकिन वहां से भी इन्हें टका सा जबाव मिला। आखिर में पत्रकारों को ही खुद पैसा चुकाकर होटलों से बाहर निकलना पड़ा। पत्रकार भोपाल लौटे और सीएम के सामने अपनी पीड़ा रखी।
गजब है प्रदेश की कमलनाथ सरकार और कांग्रेस की मीडिया प्रमुख शोभा ओझा। सीएम कमलनाथ ने भी मीडिया को मैनेज करने का जिम्मा ऐसी महिला को दिया है जिन्हें पता ही नही है कि जब सरकार द्वारा पत्रकारों को किसी खास इवेंट में बुलाया जाता है तो प्रारंभ से लेकर अंत तक का जिम्मा सरकार का होता है। बीच मजधार में ऐसे नही छोड़ा जाता है। इससे पहले ही प्रदेश की पत्रकार बिरादरी प्रदेश सरकार के मीडिया प्रबंधन से खासी नाराज है। उसके बाद भी ऐसे कारनामें शोभा ओझा के कार्यकाल में हो रहे हैं। मतलब सीएम भी अभी आंख बंद किए हुए हैं और शोभा ओझा हैं कि गलती पर गलती करती जा रही हैं। आखिर यह कैसा मीडिया मैनेजमेंट है इनका।
प्रदेश में अब तक हुईं समिट में यह पहला अवसर था जब सरकार ने पत्रकारों को अपने कार्यक्रम में बुलाया और होटलों का बिल भी पत्रकारों से ही चुकवाया। जबकि पत्रकारों को खुद सरकार ने बुलाया था और समिट का बेहतर कवरेज करने की मंशा जाहिर की थी। उसके बदले में पत्रकारों को अपनी ही जेब खाली करनी पड़ी। प्रदेश के इतने बड़े और प्रमुख इवेंट में मीडिया के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है तो हम अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार में पत्रकारों की दुर्दुशा क्या हो गई है। मीडिया के नैतिक मूल्यों पर वार पर वार किये जा रहे हैं।

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