कहते हैं भगवान के भक्त की भक्ति पर संशय करना महापाप की श्रेणी में आता है। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बजरंगबली भक्त कमलनाथ की भक्ति से ऐतराज क्यों है? शिवराज सिंह चौहान बार-बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की बजरंगबली की हनुमान भक्ति पर सवाल खड़े करते हैं। हाल ही में शिवराज ने सौंसर स्थित जामसांवली में हनुमान लोक बनाने की घोषणा की है। अब सवाल उठता है कि क्या शिवराज अपने आपको कमलनाथ से बड़ा हनुमान भक्त बताने का प्रयास कर रहे हैं। भक्ति को राजनीति से जोड़ रहे हैं। यह वाकई में धर्म की आड़ में शिवराज की ओछी मानसिकता को दर्शाता है। यह सब जानते हैं कि छिंदवाड़ा में हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना कमलनाथ ने की थी। लेकिन शिवराज अपने बयान में यह कहते हैं कि यहां पर हनुमान जी की मूर्ति तो कमलनाथ से पहले से है। मैंने स्वयं देखा है। यह जगह अपने आपमें एक लोक की तरह है। श्रद्धालुओं के लिए सारी सुविधाएं विद्धमान हैं। विशाल जगह है। लोगों को कोई परेशानी नहीं होती है। खैर, जो कुछ भी हो धर्म के नाम पर इस तरह की राजनीति करना सियासत में शिवराज को शोभा नहीं देता है। शिवराज भी हनुमात भक्त हो सकते हैं लेकिन कोई हनुमान भक्त नहीं हो सकता है ऐसी शिवराज की सोच अशोभनीय है।
मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं सियासी दल अपनी सक्रियता को गति देने का प्रयास कर रहे हैं। कर्नाटक में बजरंग बली के नाम पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच हुई सियासत अब मध्यप्रदेश तक पहुंच गई है। बजरंग बली नाम की गूंज अब भाजपा और कांग्रेस खेमे से सुनाई देने लगी है। दोनों राजनीतिक दलों के बीच खींचतान जारी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार पूरा प्रदेश इस बात से वाकिफ है कि शिवराज छिंदवाड़ा जिले की जिस हनुमान मूर्ति को लेकर सियासत कर रहे हैं वह पूरी तरह से गलत है। भगवान किसी राजनैतिक दल के नहीं हैं, बल्कि वह हर धर्म, वर्ग के लोगों हैं। लेकिन शिवराज जिस तरह की छोटी मानसिकता की राजनीति करने पर अब उतारू है, उसके परिणाम उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव के रिजल्ट में देखने को मिलेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार शिवराज सरकार द्वारा कमलनाथ के हनुमान भक्त होने पर जिस तरह से प्रदेश में सियासत हो रही है ऐसी राजनीति मध्यप्रदेश में कभी नहीं हुई थी। इस तरह की राजनीति प्रदेश में एक अलग तरह का माहौल बनायेगी, जिससे आने वाले समय में धार्मिक वेमन्स्य पैदा हो सकता है।
शिवराज का बेतुका बयान, अपने साथी कैलाश विजयवर्गीय से सीखें, जिन्होंने पित्रेश्वर हनुमान धाम का निर्माण करवाया
धर्म हरेक व्यक्ति का अपना व्यक्तिगत विषय होता है, उसी प्रकार भक्ति भी। ऐसी ही भक्ति भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय की “पित्रेश्वर हनुमान धाम” को लेकर नजर आती है। पित्रेश्वर हनुमान धाम, पितृ पर्वत इंदौर में स्वयं कैलाश विजयवर्गीय ने निर्माण करवाया है। इस पर्वत में हनुमान जी के मंदिर और विशाल मूर्ति के अलावा गौशाला भी है। साथ ही लोगों ने करीब-करीब तीन लाख पौधे अपने पितरों का स्मरण करते हुए लगवाया है। पर इससे इतर कैलाश विजयवर्गीय ने इस धाम को लेकर कभी श्रेय नहीं लिया है, उनकी भक्ति भी श्रेष्ठ है। इससे इतर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का एक बयान आया था जिस बयान में गंभीरता नहीं थी, बयान में जब शिवराज से पूछा गया कि प्रतिमा तो कमलनाथ द्वारा स्थापित करना बताया जाता है। जिस पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह प्रतिमा तो बहुत पहले से है, यह पूरा प्रदेश जानता है। हां, वो (कमलनाथ) यह भी कह सकते हैं कि लालकिला और कुतुब मीनार भी हमने बनवाया है, तो मैं क्या कह सकता हूं। एक संवेदनशील मुख्यमंत्री के मुंह से इस तरह की बयानबाजी बिल्कुल शोभा नहीं देती और भगवान हनुमान, हिंदुत्व या किस धर्म विशेष आदि को लेकर इस तरह की बयानबाजी अशोभनीय है।
हनुमान भक्त हैं कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ हनुमान भक्त हैं और यह बात अभी तक किसी से छुपी नहीं है। कमलनाथ का भगवान हनुमान के प्रति समर्पण का ही परिणाम है कि उन्होंने छिंदवाड़ा जिले में 108 फीट ऊंची भगवान हनुमान की मूर्ति तैयार करवाई जो आज पूरे प्रदेश और देश में चर्चा का केन्द्र है। कमलनाथ हनुमान भक्त हैं और वे वर्षों से हनुमान भक्ति करते आ रहे हैं।
प्रदेश में बजरंगबली की सबसे ऊंची प्रतिमा है विराजित
छिंदवाड़ा के हनुमान मंदिर का निर्माण का भूमिपूजन कमलनाथ ने 25 अक्टूबर 2012 को किया था। यह मंदिर परिसर पांच एकड़ भूमि में फैला हुआ है। हनुमान जी की 101 फीट की मूर्ति राजस्थान के कुशल कारीगरों ने बनाई है। तीन साल के भीतर विशाल प्रतिमा का निर्माण किया गया और 24 फरवरी 2015 को कई विद्वानों, ब्राह्मणों ने भगवान की मूर्ति में प्राण-प्रतिष्ठा की। इस दौरान प्रतिमा पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। छिंदवाड़ा जिले के सिमरिया गांव में मप्र की सबसे ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा विराजित है। 101 फीट ऊंची प्रतिमा की स्थापना खुद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने करवाई है। इस प्रतिमा की स्थापना कराने के बाद कमलनाथ ने इसे सनातन धर्म को समर्पित कर दिया। इसके बाद से ही हनुमान जी की देखभाल सनातन धर्म के लोग कर रहे हैं।
कमलनाथ के क्षेत्र में सेंध लगाने की कोशिश
कमलनाथ ने इसी हनुमान मूर्ति के पास पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा भी करवाई थी। कमलनाथ खुद छिंदवाड़ा से 40 साल तक सांसद रहे हैं। इस बार भाजपा आलाकमान कांग्रेस के इस मजबूत गढ़ को भेदने की साजिश कर रही है जिसके तहत बीजेपी के बड़े नेता तो लगातार छिंदवाड़ा का दौरा कर रहे हैं। अब शिवराज सरकार यहां सौंसर स्थित जामसांवली में हनुमान लोक बनाकर कमलनाथ के हिंदुत्व कार्ड पर सेंध लगाने जा रही है।
राजनीति में भगवान को शामिल करना ठीक नही
अक्सर देखा जाता है कि चुनाव आते ही राजनीतिक दलों को धर्म की राजनीति करने का अवसर मिल जाता है। राजनीति में धर्म को शामिल किया जाने लगता है। लेकिन इस तरह की मानसिकता लोकतांत्रिक व्यवस्था में ठीक नही है। राजनीति में सफल होने के लिए लोगों के बीच जाकर काम भी करना पड़ता है। धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह तो किया जा सकता है लेकिन विकास नहीं किया जा सकता है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक तरफ जहां छिंदवाड़ा में हनुमान जी का विशाल स्थान बनवाया है वहीं दूसरी तरफ उन्होंने क्षेत्र के आदिवासी लोगों के लिए भी काफी काम किया है। उन्हें रोजगार से जोड़ा है। उनके क्षेत्र में विकास के नये नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। यहां तक कि पातालकोट तक में उन्होंने विकास कर वहां के निवासियों की जिंदगी बेहतर की है। उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा है। कहा जा सकता है कि धर्म अपनी जगह है और राजनीति अपनी जगह।
विजया पाठक, संपादक, जगत विजन