सीहोर में खनिज अधिकारी के खिलाफ कांग्रेस हुई लामबंद

  • जिस अधिकारी को एनजीटी ने निलंबित किया उसे कमलनाथ ने जिला सौंपा

अविचल जैन

भोपाल। मध्यप्रदेश में अवैध उत्खनन के लिए कुख्यात सीहोर जिले में पूरी कांग्रेस जिला खनिज अधिकारी मो. आरिफ खान के खिलाफ लामबंद हो गई है। लेकिन यह अधिकारी इतना पावरफुल है कि पूरी कांग्रेस भी इनका कुछ नहीं बिगाड़ पा रही है। मजेदार बात यह है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें पहली बार जिले की कमान सौंपी थी। लेकिन इनके कथित भ्रष्टाचार और अक्षमताओं के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इन्हें निलंबित करने के निर्देश दिए थे। कांग्रेस सरकार में जोड़ तोड़ कर ये फिर जिला खनिज अधिकारी की कुर्सी पर काबिज हो गए हैं।
पहले यह जान लें कि मो आरिफ खान का मूल पद सहायक भौमिकीविद का है। नियमानुसार उन्हें जिला खनिज अधिकारी नहीं बनाया जा सकता। लेकिन शिवराज सिंह की सरकार में इन्होंने प्रभारी जिला खनिज अधिकारी की कुर्सी तो प्राप्त कर ली, लेकिन इनके समय में पूरे जिले में जमकर अवैध उत्खनन हुआ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे विनय परिहार ने सबूतों के साथ एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में शिकायत दर्ज कराई थी। खास बात यह है कि 7 फरवरी 2017 को सीहोर के तत्कालीन कलेक्टर सुदाम खाड़े ने एनजीटी कोर्ट में खड़े होकर स्वीकार कर लिया था कि जिले में अवैध उत्खनन चल रहा है। वे इसे रोकने में स्वयं को असमर्थ पा रहे हैं। कलेक्टर का यह तर्क सुनते ही एनजीटी ने मो आरिफ खान को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए।
आरिफ खान के हटने के बाद पहली बार सीहोर में 800 से ज्यादा अवैध रेत के ट्रक पकड़े गए और 2 करोड़ से ज्यादा का राजस्व वसूला गया। दिसंबर 2018 में कांग्रेस सरकार बनते ही भोपाल के विधायक आरिफ अकील सीहोर के प्रभारी मंत्री बनाए गए। इसी के साथ मो. आरिफ खान ने सीहोर में पुरानी कुर्सी हथियाने की जोड़ तोड़ शुरू कर दी। 2 फरवरी 2019 को योग्यता न होते हुए भी खनिज विभाग ने मो. आरिफ खान को सीहोर जिले का प्रभारी खनिज अधिकारी बना दिया।

कांग्रेस लामबंद
मो. आरिफ खान की पदस्थापना के बाद यह कहने की जरूरत नहीं है कि पूरे सीहोर में किस तरह अवैध उत्खनन और अवैध रेत का परिवहन शुरू हो गया है। सीहोर के जिला कांग्रेस अध्यक्ष के निधन के बाद कार्यवाहक जिला अध्यक्ष का काम राहुल यादव संभाल रहे हैं। राहुल यादव ने अनेक कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल से मुलाकात कर मो. आरिफ खान का काला चिट्ठा सौंपा है। राहुल यादव का कहना है कि ऐसे कथित भ्रष्ट अधिकारी के कारण कांग्रेस की छवि खराब हो रही है। बताते हैं कि खनिज मंत्री चाहते हुए भी मो. आरिफ खान को नहीं हटा पा रहे। यही कारण है कि सीहोर में अब कांग्रेस के कई नेता प्रभारी मंत्री के खिलाफ भी शिकायतें भेज रहे हैं।

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