सीतापुर / ज्येष्ठ मांह की अमांवस्या तिथि को मनाया जाने वाला वट सावित्री व्रत आज सुहागिनों ने अपने पति की दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना को लेकर धूम धाम से मनाया । कस्बा मिश्रित के सीताकुंड तीर्थ पर स्थित वट बृक्ष जो काफी प्राचीन बताया जाता है । मिश्रित नगर और आस पास के ग्रामीण आंचलों की सुहागिन महिलाऐ इसी वट वृक्ष की पूजा करने आती है । आज सुबह स्नान करने बाद सुहागिन महिलाए पारंपरिक श्रृंगार के साथ पूजन अर्चन की सामग्री लेकर वट बृक्ष के पास पहुंच कर विधि-विधान से पूजा अर्चना की । आदि काल से ऐसी मान्यता चली आ रही है । कि महिलाऐ अपने पति की लम्बी आयु , सुख समृध्दी और संतान प्राप्ति लिए यह वट साबित्री ब्रत रखती है । आज के दिन सुहागिनें वट वृक्ष की बिधि बिधान से पूजा अर्चना करने के साथ ही मौसमी फल अर्पित करके पीले कच्चे सूत के धागे से सात फेरे लगाकर आस्था के साथ वट वृक्ष की परिक्रमा करती है । पूजा अर्चना के बाद सभी महिलाऐ उसी वट वृक्ष के नीचे बैठ कर सत्यवान सावित्री की ब्रत कथा सुनती है । और फल , फूल मेवा , मिष्ठान चढ़ाकर सुख समृद्धि पति के लंबी आयु और संतान प्राप्ति की कामना करती है । इस ब्रत को लेकर आदिकाल से ऐसी मान्यता चली आ रही है । कि आज के ही दिन सावित्री के पति सत्यवान के प्राणों को यमराज ने हरण कर लिया था । परन्तु पतिब्रता सावित्री ने यमराज से लड कर अपने पति के प्राणों को वापस लाई थी । तब से इस व्रत को सुहागिन महिलाऐ करती चली आ रही हैं।
यूपी के सीतापुर से श्रवण कुमार मिश्र की रिपोर्ट