अजय डोडियार संवाददाता |उज्जैन। उज्जैन विकास योजना (मास्टर प्लान-2031) के लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है। संशोधित नक्शे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को भेज दिए गए हैं। इसरो के नक्शे के आधार पर ही नया मास्टर प्लान तैयार होगा। इसे मोबाइल या कम्प्यूटर पर भी आसानी से देखा जा सकेगा।पहली बार मास्टर प्लान का काम वेब बेस्ड बनाया जा रहा है। इससे प्लान में किसी तरह की त्रुटि नहीं होगी और मौके पर कोई अंतर भी नहीं दिखाई देगा। इसरो से प्राप्त गूगल मैप के आधार पर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन के लिए सर्वे किया गया। इस दौरान यह देखा गया कि इसरो से जो नक्शे भेजे गए हैं वे मौके पर सही हैं या नहीं। इनका मिलान कर सर्वे रिपोर्ट नगर तथा ग्राम निवेश मुख्यालय, भोपाल को भेजी गई थी, जहां से इनको इसरो के पास भेज दिया गया है। इसरो सर्वे रिपोर्ट के आधार पर संशोधित नक्शा तैयार करेगा। इसके आधार पर ही टीएंडसीपी द्वारा प्लान बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पहली बार इसरो के नक्शे के आधार पर प्लान बनाने की कवायद चल रही है। प्लान तैयार होने के बाद इसे मोबाइल एप के जरिए आम लोगों को आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के चार जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत इसक काम हो चुका है, जिनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर शामिल हैं।
छत पर स्वीमिंग पूल तो बता दिया था तालाब (कलर बॉक्स, हाईलाइट करें)
इसरो से जो नक्शा सर्वे के लिए भेजा गया था, उसमें मौके पर कई व्यावहारिक त्रुटियां भी देखने को मिली हैं। मुख्य रूप से ऐसे भवनों को लेकर थी, जिनमें छत पर स्वीमिंग पूल था। इसरो की तस्वीरों में इनको तालाब बता दिया गया था। सर्वे टीम पहुंची तो वहां भवन मिले। ट्रेजर बाजार को भी तीन हिस्सों में बता दिया था। इसमें भी सुधार कर भेजा गया।