रिपोर्टर रंजीत रजक:- एक बार फिर से दुनिया के कई देश कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। लॉकडाउन सहित तमाम प्रतिबंधों के बाद भी ऑस्ट्रेलिया में मामले बढ़ रहे हैं। वहीं इंडोनेशिया में ऑक्सीजन संकट बढ़ रहा है। तो पाकिस्तान में फिर से लॉकडाउन पर विचार किया जा रहा है। पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस की चपेट में है। भले ही दुनिया में अमेरिका सबसे ज्यादा संक्रमित देश है, लेकिन कई देशों में हालात बिगड़ते जा रहा हैं। लाख प्रतिबंधों के बावूजद संक्रमण के मामलों में गिरावट नहीं हो रही है। संक्रमण के स्ट्रेन दुनिया के कोने-कोने में पहुंचकर तहलका मचा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, इंडोनेशिया, क्यूबा, ब्रिटेन और साउथ कोरिया में स्थिति लगातार बिगड़ रही है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, कुल वैश्विक कोरोना के मामले 186.7 मिलियन से ऊपर है, जबकि मौत का आंकडा 4.02 मिलियन से अधिक हो गया है। वहीं टीकाकरण 3.43 बिलियन से अधिक हो गया है। तो आइये जानते हैं कि दुनिया के किन-किन देशों में कोरोना की क्या ताजा स्थिति है और इससे निपटने कि लिए क्या इंतजाम किया जा रहा हैं।
लॉकडाउन के बाद भी ऑस्ट्रेलिया में नहीं थम रहा संक्रमण
सबसे पहले अगर बात ऑस्ट्रेलिया कि करें तो यहां पर कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए यहां की सरकार ने कई इलाकों में लॉकडाउन भी लगाया हुआ है, लेकिन डेल्टा वेरिएंट लगातार अपना पैर पसार रहा है। लॉकडाउन के बाद भी राजधानी सिड़नी में संक्रमण की रफ्तार नहीं थम रही है। बता दें किया यहां पर इस वक्त डेल्टा वेरिएंट ने लोगों के बीच में खौफ बनाया हुआ है। सोमवार तक ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस के कुल 271 सक्रिय मामले हैं। इनमें से ज्यादातर मामले न्यू साउथ वेल्स में हैं। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने शुरू में कोरोना महाकारी पर काबू पाने पर जश्न भी मनाया था और उसकी अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई थी। हालांकि, अब एक बार फिर से कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट ऑस्ट्रेलिया में पैर पसार रहा है।
स्पेन में भी भी बड़ी मरीजों की संख्या
स्पेन में भी हालात बिगड़ रहे हैं। राजधानी मैड्रिड में एक बार फिर अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। यहां पर भी कोरोना डेल्टा वेरिएंट कहर बरपा रहा है। यह वेरिएंट तेजी से यहां पर फैलता जा रहा है। जो अधिकतर युवाओं और उन लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है। हालांकि, मरीजों की बढ़ती संख्या पहले के मुकाबले कम है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ वर्तमान स्थिति को देखते हुए चेतावनी दी है।