सीएम शिवराज के लंगड़े समाधान से बंगलावासी परेशान, बोले- सालों पहले पूर्वजों ने खरीदी थी जमीन, अब फिर जमा करानी पड़ेगी लाखों रूपये की राशि, कड़े नियमों में संशोधन करें सरकार

नीमच। शहर के बंगला व बगीचा क्षेत्रों में निवासरत नागरिक अब भी नारकीय जीवन जी रहे हैं। बंगला-बगीचा समस्या का शत-प्रतिशत समाधान नहीं होने से नागरिकों को मकान निर्माण की अनुमतियां नहीं मिल रही है। अन्य योजनाओं का लाभ भी क्षेत्रवासी नहीं उठा पा रहे हैं। बैंक भी इन क्षेत्रों में निवासरत लोगों को ऋण मुहैया नहीं कराती है। ऐसी तमाम प्रकार की परेशानियों के बीच जीवन जी रहे नागरिकों को समस्या के शत-प्रतिशत समाधान की आस है। नागरिकों का कहना है कि सरकार को व्यवस्थापन बोर्ड के जटिल नियमों को सरल कर व लीज रेंट सहित अन्य करों को कम कर जनता को राहत देनी चाहिए। — बंगला-बगीचा क्षेत्र में निवासरत लोगों की पीड़ा- ‘नागरिकों को स्वयं की भूमि पर मकान निर्माण की अनुमति नहीं मिलने से परेशानी होती है। बंगला-बगीचा क्षेत्रों में गत कई सालों में नपा के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से नागरिकों ने नव निर्माण किए हैं। भूखंडों से संबंधित मूल दस्तावेज होने के बाद भी नागरिकों की सुनवाई नहीं हो रही है। व्यवस्थापन बोर्ड में बैठे अधिकारी-कर्मचारी मनमानी करते हैं। समस्या के समाधान के बाद भी नागरिकों को राहत नहीं मिली है। लीज रेंट सहित अन्य तरह के टैक्स जनता पर थोपे जा रहे हैं जो उचित नहीं है। – विजय राठौड़, बंगलावासी – ‘स्वयं की भूमि व भूखंडों पर मालिकाना हक के लिए जनता को परेशान होना पड़ रहा है। प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने 2017 में केबिनेट में मसौदा पारित कर समस्या का समाधान किया था। लेकिन इसकी जटिल प्रक्रिया व व्यवस्थापन बोर्ड के कड़े नियमों के कारण आज तक समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो पाया है। सरकार ने नागरिकों को स्वयं की भूमि व भूखंडों पर किरायेदार बनाने की तैयारी की है। पूर्व में हमारे बुजुर्गों ने जमीने खरीदी थी। अब हमें फिर से नपा में राशि जमा कर जमीन पर किरायेदार बनना पड़ रहा है। सरकार ने सिर्फ राजस्व कमाने की मंशा को ध्यान में रख समस्या का समाधान किया है। जनता की समस्या व हैसियत से सरकार को कोई सरोकार नहीं है। – राधेश्याम शर्मा, बंगलावासी

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