
मंदसौर। मल्हारगढ तहसील के ग्राम कनघटटी के समीप स्लेट पेंसिल की खदानों में अवैध उत्खनन जोरों पर चल रहा है। बताते है कि खनन माफिया, सत्ता के दलालों, पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के चलते बीते कुछ माह से अवैध उत्खनन चल रहा है। सभी जिम्मेदार मौन है, क्योकि हर माह की तारीख को मौटी रकम उन्हें बंदी के रूप में मिल रही है। एक चर्चित भाजपा मंडल अध्यक्ष की पार्टनरशिप भी बताई जा रही है।
पिपलयामंडी के समीप ग्राम कनघटटी की स्लेट पेंसिल की खदानें फिर चर्चा में है। रोज 4 जेसीबी यहां पर दिन रात चल रही है और स्लेट पेंसिल का पत्थर निकालकर बेचा जा रहा है। करीब 40 से 50 ट्रेक्टर, डंपर पत्थर रोज निकाला जा रहा है। एक लीज की जमीन की आड में अनेक जगह खुदाई हो रही है। खनिज विभाग के अधिकारी भी बंदी के खेल में मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे है।
पिछले वर्ष कनघटटी की स्लेट पेंसिल की खदानों पर धडल्ले से कार्रवाई हुई थी और इससे खनन माफियाओं में हडकंप मच गया था, लेकिन बीते कुछ माह से माफियाओं ने अवैध उत्खनन का खेल शुरू कर दिया है। प्रतिदिन लाखों का पत्थर निकाला जा रहा है। सूत्र बताते है कि पिपलियामंडी थाने से लेकर खनिज विभाग में तगडी सेटिंग कर रखी है। एक नेताजी के अलावा कनघटटी का नूर लाला, द्वारा लाखों का पत्थर निकाला जा रहा है। इनकी द्वारा अपलोड की जा रही ट्रेक्टर—ट्रॉलियों को कहीं पर भी नहीं रोका जा रहा है। पिपलियामंडी थाने के सामने अवैध उत्खनन से भरे हुए वाहन निकल रहे है
दो साल पहले कलेक्टर ने लगाई थी रोक— बिना रायल्टी चल रही है खदानें—
दो वर्ष पहले तत्कालीन कलेक्टर मनोज पुष्प ने गांव कनघटटी में 24 हेक्टेयर में फैली स्लेट—पेसिंल की खदानों में उत्खनन पर रोक लगा दी थी, लेकिन फिर से शुरू हो गई है। खनिज विभाग की मिलीभगत के चलते लीज समाप्त होने के बावजूद बिना रॉयल्टी चुकाए अवैध उत्खनन जारी है। लीजधारी की मौत 2016 में हो गई थी। इसके बाद कलेक्टर ने रोक लगा दी थी।