
जावद। जावद में कॉंग्रेस पार्टी द्वारा जब से बाहरी को उम्मीदवार बनाया है तब से स्थानीय कॉंग्रेस कार्यकर्ताओ में गहन आक्रोश देखा जा रहा है। बाहरी उम्मीदवारी का सबसे बड़ा दोषी जिला कॉंग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया को बताया जा रहा है। समंदर पटेल की उम्मीदवारी के विरोध में बीते दिवस जावद विधानसभा में तीनो कॉंग्रेस से उम्मीदवारी कर रहे राजकुमार अहीर, सत्यनारायण पाटीदार व बालकिशन धाकड़ के समर्थकों द्वारा कॉंग्रेस का सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें जिला प्रभारी नूरी खान भी विशेष रूप से उपस्थित रही। कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं की बात को कोई तवज्जों नहीं मिलने से अब विरोध का लावा फूटने की तैयारी मंे है। कॉंग्रेस नेता बालकिशन धाकड़ ने कॉंग्रेस हाईकमान का ध्यान इस और दिलाते हुए कहा कि यदि समय रहते टिकिट बदलकर किसी भी स्थानीय व्यक्ति को उम्मीदवार नहीं बनाया गया तो वे खुद मैदान में आकर स्थानीय नेताओं के सहयोग से कार्यकर्ताओं की भावनानुसार निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
इस संबंध में कॉंग्रेस नेता बालकिशन धाकड़ ने कहा कि जिलाध्यक्ष अनिल चौरसिया ने जावद विधानसभा क्षेत्र में समंदर को टिकिट दिलाने का व जिताने का ठेका लिया है। समंदर पटेल के उम्मीदवार बनने के बाद कार्यकर्ताओं में तगड़ा विरोध है। कॉंग्रेस के लिये हालात बदतर होने की स्थिति आ गई है इसके जिम्मेदार अनिल चौरसिया है।
बीते दिवस कांग्रेस के सम्मेलन में राजकुमार अहीर, सत्यनारायण पाटीदार और बालकिशन धाकड़ के समर्थकों ने भारी संख्या में उपस्थित होकर समंदर पटेल की उम्मीदवारी के विरुद्ध अपनी बात रखी थी। बालकिशन धाकड़ ने बताया कि सम्मेलन में जो निष्कर्ष निकला उसे लगा कि जावद के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पीड़ा को कांग्रेस जिलाध्यक्ष सहित कॉंग्रेस हाईकमान ने नहीं सुना। जानबूझकर बाहरी उम्मीदवार को जावद पर थोंपा गया है । इसमें जो सबसे बड़ा दोषी अनिल चौरसिया है जिसने इंदौरी समंदर पटेल को टिकिट दिलाने व जिताने का ठेका लिया है। बालकिशन धाकड़ ने कहा कि अनिल चौरसिया ने जिला कांग्रेस का व्यवसायिककरण करते हुए जावद के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावना के साथ खिलवाड़ किया है। जानबूझकर जावद की स्थिति को कमलनाथजी के समक्ष गलत तरीके से रखा गया। मनगढ़ंत कहानियां बनाकर समंदर पटेल के पक्ष में बात कही गई।
बालकिशन धाकड़ ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता बीते 20 सालों से क्षेत्र में संघर्ष कर रहे हैं उनकी भावनाओं को आहत किया गया है। जो समंदर पटेल दो माह पहले बीजेपी का था और जिसने 2018 के चुनाव में निर्दलीय लड़कर काँगे्रस को नुकसान पहंुचाया उसके बाद भी उसको टिकिट देना कहीं ना कहीं बड़ी डिलिंग हुई है। जबकि कमलनाथ जी ने स्पष्ट किया था कि कहीं भी बाहरी को मौका नहीं दिया जाएगा। जिसका सर्वे में नाम होगा उसको ही टिकट मिलेगा और स्थानीय को मौका दिया जाएगा लेकिन कमलनाथजी के समक्ष जिला अध्यक्ष अनिल चौरसिया ने जावद क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ गद्दारी करते हुए कमलनाथजी के समक्ष जावद क्षेत्र की गलत जानकारी देकर भड़काया गया। समंदर पटेल को जावद का स्थानीय निवासी बताया गया जिससे कि कमलनाथ जी को जावद की वस्तु स्थिति पता नहीं चल पाई और जैसा जिला अध्यक्ष अनिल चौरसिया ने उन्हें बताया उसी अनुरूप कमलनाथ जी ने जावद से इंदौरी समंदर पटेल को उम्मीदवार बना दिया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया तीनों विधानसभा के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। काँग्रेस हाईकमान के संज्ञान में अनिल चौरसिया की करतूत लाना आवश्यक हो गया है क्योंकि आने वाले समय में अनिल चौरसिया जिला अध्यक्ष रहे तो कांग्रेस को बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा जिसकी भरपाई कभी संभव नहीं हो पाएगी।
बालकिशन धाकड़ ने आरोप लगाया है कि जावद में बाहर से आयातित धाकड़ को बुलाकर अन्याय किया है। समंदर पटेल जावद क्षेत्र में जो बाहुल्य धाकड़ समाज है उससे अलग समंदर पटेल की समाज है। श्री धाकड़ ने बताया कि समंदर पटेल नागर धाकड़ है जो जावद क्षेत्र में स्थित धाकड़ समाज से अलग है। समंदर पटेल जावद विधानसभा क्षेत्र के धाकड़ समाज का उपयोग सिर्फ राजनीति करने के लिए कर रहा है। स्थानीय उम्मीदवारों को टिकट से वंचित किए जाने के कारण उन्हें मजबूरी में निर्दलीय मैदान में उतरना पड़ रहा है।
अनिल चौरसिया ने ली काँग्रेस को हराने की सुपारी
जावद क्षेत्र के काँग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने कहा कि अनिल चौरसिया ने सोमवार को जावद क्षेत्र में समंदर पटेल के कार्यालय उद्घाटन में जिस प्रकार से काँग्रेस से उम्मीदवारी कर रहे नेताओं के लिये औछी भाषा का उपयोग करते हुए भाषण दिया उसे लग रहा है कि अनिल चौरसिया ने भाजपा के उम्मीदवार ओमप्रकाश सकलेचा से भी हाथ मिला लिया। अनिल चौरसिया ने जो भाषण दिया उसमें बहुत अंडशंड बका और तो और चौरसिया ने समंवय बिठाना तो दूर अपने भाषण में ऐसे जहरीले बीज बोए जिससे लगा कि वह भी यह नहीं चाहता है कि सभी के बीच में समन्वय बैठे और जावद से काँग्रेस जीते। उसके हिसाब से उसके भाषण से यह लगा कि उसने समंदर के साथ मिलकर ओमप्रकाश सकलेचा को जीताने का ठेका लिया है। स्थानीय उम्मीदवारी कर रहे काँग्रेस नेताओं के खिलाफ मंच से भाषण देकर उसने सकलेचा के पक्ष में प्रचार किया है। स्थानीय काँग्रेस नेताओं के लिए विरोध रूपी भाषण देना अनिल चौरसिया की पोल खोल रहा है क्योंकि वह समन्वय बिठाने की बात नहीं कर रहा है बल्कि उनके खिलाफ और मंच से भाषण दे रहा है अनिल चौरसिया ने इंदौरी का ठेका उठाया और आगे भी सकलेचा का ठेका उठा रहा है।