
सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के प्रयासों में शिक्षक ही रोड़ा डाल रहे है। स्थिति यह है तराई क्षेत्रों में दक्षता संवर्धन के माध्यम से शिक्षा का स्तर सुधारने की बात तो दूर रही, यहां तीन-तीन महीनों से शिक्षकों ने छात्रों की हाजिरी ही नहीं ली।
Far from teaching in arbitrary schools of teachers, did not attend the students for three months
रीवा। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के प्रयासों में शिक्षक ही रोड़ा डाल रहे है। स्थिति यह है तराई क्षेत्रों में दक्षता संवर्धन के माध्यम से शिक्षा का स्तर सुधारने की बात तो दूर रही, यहां तीन-तीन महीनों से शिक्षकों ने छात्रों की हाजिरी ही नहीं ली। प्राथमिक माध्यमिक शाला कोरॉव में पदस्थ 10 शिक्षकों का यही रवैया है। निरीक्षण में इनमें दो शिक्षक अनुपस्थित रहे। इस पर अब प्रधानाचार्य सहित10 शिक्षकों के विरुद्ध डीपीसी ने कार्रवाई प्रस्तावित की है
बताया जा रहा है कि त्योंथर विकासखंड अंतर्गत संचालित स्कूलों का निरीक्षण, मॉनीटरिंग टीम की रिपोर्ट के आधार पर सीइओ जिला पंचायत अर्पित वर्मा ने स्वंय किया। संयुक्त दल के निरीक्षण पहुंचने पर प्रधानाध्याक पेड़ के नीचे दो कुर्सियों में बैठे मिले। वहीं बच्चे बाहर खेल रहे थे। मिड लाइन टेस्ट की स्थिति तो और खराब थी। निरीक्षण के दौरान शिक्षकों की लापरवाही देखते हुए कार्रवाई प्रस्तावित की है। इसके सा ही मोलगहना विद्यालय में महिला शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित की है। इस कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया ।
तीन दिन में स्कूल की छत सुधारने का दिया निर्देश
पूर्व माध्यमिक स्कूल में बारिश में छत टपकने के कारण छात्र बाहर जमीन पर बैठते है। यह देख सीइओ ने जनपद पंचायत सीइओ को बुलाकर तीन दिवस के अंदर स्कूल की छत सुधारने एवं पेयजल के लिए हैंडपंप व स्कूल तक सड़क मार्ग बनाने के निर्देश दिए हैं।