उज्जैन जनसंपर्क द्वारा लाखों का झोलझाल यूट्यूब चैनलों को जनसंपर्क नहीं देता मान्यता तो कैसे हुए लाखों के बिल पास

राज जोशी उज्जैन बड़ी ही आश्चर्यजनक बात है। कुछ पत्रकारों पर अत्याचार होता है लेकिन वहां अपना मुंह बंद कर लेते हैं। और अपनी कलम को चलने से रोक देते हैं। नतीजा यह होता है कि उनके हर कार्य में बाधा व रुकावट आना शुरू हो जाती है। सत्य परेशान हो सकता है। लेकिन पराजित नहीं, कहावत बिल्कुल सही है। आज हम आपको ऐसे ही जनसंपर्क की काली करतूतें बताने जा रहे हैं। जो पत्रकारों से भेदभाव कर अपनी मनमर्जी चलाता है। उज्जैन जनसंपर्क कार्यालय सयुंक्त संचालक रश्मि देशमुख मैडम का कहना है। कि सांध्य दैनिक अखबारों की कोई वैल्यू नहीं होती क्योंकि उनकी खबरें बासी हो जाती है। जिसका वीडियो फुटेज भी हमारे पास उपलब्ध है। उनकी जुबानी भला आपको यहां अधिकार बोलने का किसने दिया पहले तो यह बताएं सालों से जो पेपर चल रहे हैं। क्या उनकी कोई वखत नहीं है। आपको शासन प्रशासन ने जनसंपर्क कार्यालय में बैठाया है। पत्रकारों से तालमेल बिठाकर उनसे समन्वय व्यवहार करें। एवं शासन प्रशासन के अच्छे कार्यों से अवगत कराएं ताकि वे अपने अखबारों में खबरें प्रकाशित कर सके। परंतु आपके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता आप अपने पद का दुरुपयोग कर पत्रकारों से दुर्व्यवहार व्यवहार करते हुए। आपके द्वारा पत्रकारों को जनसंपर्क ग्रुप से रिमूव किया जा रहा है। जो कि गलत है। जिन पत्रकारों के चैनल वा अखबार प्रतिदिन खबरें प्रकाशित करते हैं। उन्हें आपको ग्रुप से रिमूव करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर आप ऐसा कर रहे हो। तो आप अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हो जो कि गलत है। आपका कहना है जनसंपर्क कार्यालय यूट्यूब चैनल वेब पोर्टल को मान्यता नहीं देता फिर आप किस मुंह से कह रहे हो। कि धार में हुवे मुख्यमंत्री कार्यक्रम की लिंक को खोलकर यूट्यूब चैनल एवं वेब पोर्टल पर पत्रकार लाइव खबरें प्रकाशित करें। यूट्यूब चैनलों को जब जनसंपर्क मान्यता प्राप्त नहीं करता तो महाकाल लोक लोकार्पण के दौरान नरेंद्र मोदी जी के आगमन पर जनसंपर्क द्वारा यूट्यूब चैनल को लाखों रुपए के बिल कैसे पास किए गए सोचने वाली बात है। आपके द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं दी जाती फिर एक ही व्यक्ति के नाम से लगभग 30 बिल लाखों रुपए, के, होटल के बिल कैसे पास हुए। हजारों रुपए की गाड़ियों के बिल कैसे पास हुए। जनसंपर्क द्वारा यूट्यूब चैनलो को मान्यता नहीं दी जाती है। जनसंपर्क मैडम की नजर में लगता है। यूट्यूब चैनलों की उज्जैन में कोई वखत नहीं है। इसीलिए बाहर से बुलाए गए। यूट्यूबरो को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। इसके पीछे का राज बहुत जल्द होगा खुलासा सभी लाखों के बिल पर है। संयुक्त संचालक जनसंपर्क रश्मि देशमुख के साइन क्या हैं जनसंपर्क का झोलझाल बहुत जल्द खुलासा होगा

,

Leave a Reply