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38 वर्ष बेदाग शासकीय सेवा कर निवृत्त हुए रमेशचंद्र हिहोर का भोला भण्डारा परिवार ने किया सम्मान

38 वर्ष बेदाग शासकीय सेवा कर निवृत्त हुए रमेशचंद्र हिहोर का भोला भण्डारा परिवार ने किया सम्मान

थांदला। हर व्यक्ति का सपना देश व समाज की सेवा का होता है जिसे खुशनसीब इंसान ही पूरा कर पाता है ऐसे ही इंसान है थांदला के रहने वाले रमेशचन्द्र हिहोर जो इस वनांचल में सहायक शिक्षक के पद पर रहकर ग्रामीण आदिवासी बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए पूरी निष्ठा व समर्पण के साथ शासकीय सेवा के 38 वर्ष पूर्ण कर सेवा निवृत्त हुए। इस अवसर पर उनके परिजनों ने उनके उत्कृष्ट कार्यों व पारिवारिक जिम्मेदारियों के कुशल निर्वहन में उनके योगदान को याद करते हुए उनकी सेवा निवृत्ति का भव्य आयोजन रखा। आयोजन उनके निज निवास शांति कालोनी में पूजा पाठ के साथ रखा गया जहाँ उनके सहचर्य कर्मचारियों के अलावा इष्ट मित्रों ने आकर उनकी कुशल शांतिपूर्ण शासकीय सेवा निवृत्ति की बधाई देते हुए उनके शेष पारिवारिक जीवन की हार्दिक शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर भोला भण्डारा परिवार के श्रीमंत अरोड़ा, तुलसी मेहते, दिनेश चतुर्वेदी, राजू धानक, मोहनलाल चौहान, मनोज उपाध्याय, आत्माराम शर्मा, पवन नाहर, मिश्रीलाल मालवीय, मनोहरदास चौहान, मोहनलाल चौहान, मनीष जैन, मनीष अहिरवार, राकेश जोझा, नीरज सौलंकी, विवेक व्यास, अनिल पाठक आदि ने उपस्थित होकर उन्हें शाल माला पहनाकर महाकाल की तस्वीर भेंट करते हुए बधाई दी। उल्लेखनीय है कि भोला भण्डारा परिवार से जुड़कर सेवा कार्यों में अग्रणी रहने वाले हिहोरजी मेघनगर विकासखंड में सहायक शिक्षक के रूप में पदस्थ थे जो 31 दिसम्बर 2024 को सेवा निवृत्त हो गए है। इनके सफल शासकीय सेवा कार्यों के लिए उन्हें बधाई देते हुए भारतीय मानवाधिकार सहकार ट्रस्ट के प्रदेश सचिव पवन नाहर ने कहा कि वनांचल में आदिवासियों को समझाइश देते हुए उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करना चुनोती पूर्ण होता है ऐसे में हिहोरजी ने करीब 38 वर्ष पूर्व अभावों में प्रभावी कार्य किये है जो सराहनीय है। अपने कर्तव्य के प्रति वफादार हिहोर बाउजी को उनके शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए सदा याद किया जाएगा। इस अवसर पर उनके परिजनों में लक्ष्मणसिंह, गलसिंह, दलसिंह, मानिया, राकेश, दिनेश, लल्लु, सुरेश, मोहन, सुकीया, अमरसिंह, राजेश, कमलेश, महेश, विजय, संजय के साथ नन्हें आयुष व कोणार्क सहित समस्त हिहोर परिवार को उनके ऐतिहासिक निवृत्ति आयोजन के लिए बधाई दी।

महाकुम्भ में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 'जन भागीदारी से जन कल्याण' और भारत सरकार की विगत 10 वर्षों में उपलब्धियों, कार्यक्रमों, नीतियों एवं योजनाओं पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी का आज 13 जनवरी को शुभारम्भ हुआ

महाकुम्भ में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 'जन भागीदारी से जन कल्याण' और भारत सरकार की विगत 10 वर्षों में उपलब्धियों, कार्यक्रमों, नीतियों एवं योजनाओं पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी का आज 13 जनवरी को शुभारम्भ हुआ

महाकुम्भ 2025 प्रयागराज में त्रिवेणी मार्ग पर प्रदर्शनी परिसर में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एकता के महाकुम्भ में 'जन भागीदारी से जन कल्याण' और भारत सरकार की विगत 10 वर्षो में उपलब्धियों, कार्यक्रमों, नीतियों एवं योजनाओं पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी का आज 13 जनवरी को शुभारम्भ हुआ। शुभारंभ के दिन ही प्रदर्शनी में सैकड़ो की भीड़ इकट्ठा हुई और प्रदर्शनी का अवलोकन किया। त्रिवेणी मार्ग प्रदर्शनी परिसर में आयोजित यह प्रदर्शनी मेला अवधि 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आमजन के अवलोकन के लिए निःशुल्क खुली रहेगी। डिजिटल प्रदर्शनी में एनामॉर्फिक वाल, एलईडी टीवी स्क्रीन, एलइडी वाल, होलोग्राफिक सिलेंडर के माध्यम से विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदर्शित हो रही है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से जन सामान्य को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, नमो ड्रोन दीदी, लखपति दीदी, वेव्स, प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना, मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, डिजिटल इंडिया, प्रधानमंत्री आवास योजना, विद्याँजली, आत्म निर्भर भारत, स्किल इंडिया, एक भारत श्रेष्ठ भारत, प्रधान मंत्री उज्जवला योजना, हर घर जल योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, आज़ाद भारत के तीन नये कानून, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के साथ साथ नारी सशक्तिकरण की योजनाओं तथा विभिन्न अन्य योजनाओं की जानकारी दर्शकों और जन सामान्य को मिल रही है। सूचना प्रसारण मंत्रालय के द्वारा डिजिटल प्रदर्शनी के अतिरिक्त महाकुंभ 2025 में 200 से अधिक आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लोक और शास्त्रीय कार्यक्रमों को भी विभिन्न स्थलों पर प्रदर्शित किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से भी विकसित भारत एवं भारत सरकार की विगत 10 वर्षों में उपलब्धियों, योजनाओं कार्यक्रमों और नीतियों को जन सामान्य के बीच में प्रदर्शित किया जा रहा है। इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक संपूर्ण महाकुंभ मेला अवधि के दौरान किया जाएगा। प्रत्येक सांस्कृतिक कार्यक्रम एक अनूठी कहानी बताते और अपने क्षेत्र के स्थानीय रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और आध्यात्मिकता को दर्शाता है, जो महाकुंभ में आने वाले जन सामान्य के लिए के लिए एक शानदार दृश्य और कलात्मक अनुभव बनता है। इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सैकड़ो की संख्या में प्रतिभाशाली कलाकार भाग ले रहे हैं, जो विभिन्न क्षेत्रीय नृत्य और गायन शैलियों का प्रतिनिधित्व कर रहे है।

विशाल भंडारा चार घण्टे चला सात हजार लोगों ने लिया महाप्रसादी

विशाल भंडारा चार घण्टे चला सात हजार लोगों ने लिया महाप्रसादी

छिंदवाड़ा युवा पत्रकार संगठन एवं महाकौशल संपादक संघ के संयुक्त तत्वाधान में 7 अक्टूबर दिन सोमवार को जवाहर ग्राउंड, कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने शाम 7 बजे देवी मां को महाप्रसादी से कार्यक्रम की शुरुवात हुई आरती के पश्चात कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष शेषराव यादव द्वारा जोत प्रज्वलित की गई फिर प्रारंभ हुआ आध्यात्मिक और धार्मिक भावनाओ से जोड़ने का सिलसिला देवी जागरण श्री श्री भवानी म्यूजिकल ग्रुप एक से बढ़कर एक प्रस्तुति पेश की गईlअर्पणा किशोरी के गीतों पर झूम उठे स्रोत! पुणे महाराष्ट्र से भजन गायिका सपना वैष्णव, की कव्वाली मां शेरावाली को श्रोता द्वारा सराहा गया सिवनी जिले से पूजा सनोडिया एवं महाकौशल की व्याख्यात गायिका राखी देव सिंहा ने भी शानदार गीतों की प्रस्तुति पेश की समय अभाव के कारण जागरण सुनाने आए श्रोता को मायूस होना पड़ा क्योंकि यह कार्यक्रम पत्रकार द्वारा आयोजित किया गया था प्रशासन की जो गाइडलाइन थी उसको फॉलो किया गया! विशाल भंडारा चार घण्टे चला सात हजार लोगों ने लिया महाप्रसादी भंडारे में साबूदाना की खिचड़ी और खीर का वितरण किया गया देवी जागरण और विशाल भंडारे का आयोजन युवा पत्रकार संगठन मध्य प्रदेश व महाकौशल संपादक संघ द्वारा किया गया है। देवी जागरण एवं विशाल भंडारे को सफल बनाने के लिए राजेश तांत्रिक, शुभम सहारे,जितेंद्र अलबेला, अमन डेहरिया,उषा रावत, अखिल सूर्यवंशी ,रवि वेलबंशी, सुरेंद्र गोनेकर सहित पूरी टीम ने जी जान से मेहनत की थी, और कार्यक्रम को सफल बनाया। आभार व्यक्त युवा पत्रकार संगठन मध्य प्रदेश के सचिव जितेंद्र अलबेला द्वारा किया गया श्री पिपलेश्वर पूर्व मुखी हनुमान मंदिर दुर्गा उत्सव समिति के अध्यक्ष कमलेश पटेल और समिति के सभी सदस्यों ने तन मन से भंडारे में मोर्चा संभाल रखा और अपना कार्यक्रम समझ कर काम किया ! इस कार्यक्रम की उपलब्धि यह रही जो समय तय किया गया था उसी समय में कार्यक्रम शुरू हो गया था

पूजा विश्वकर्मा सिटी रिपोर्टर दैनिक दिव्य गौरव छिंदवाड़ा  संविधान दिवस पर कांग्रेेस सेवादल द्वारा डॉ.भीमराव जी  को दी गयी श्रद्धांजलि

पूजा विश्वकर्मा सिटी रिपोर्टर दैनिक दिव्य गौरव छिंदवाड़ा संविधान दिवस पर कांग्रेेस सेवादल द्वारा डॉ.भीमराव जी को दी गयी श्रद्धांजलि

छिन्दवाड़ा:- आज कांग्रेस सेवादल के पदाधिकारियों के द्वारा स्थानीय आम्बेडकर चौराहा पहंुचकर संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर इस अवसर पर संबोधित करते हुये जिला कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष सुरेश कपाले ने बताया कि भारत का संविधान दुनिया का लिखित सबसे बड़ा संविधान है। हर साल 26 नवम्बर देश के लिये खास दिन होता है साल 1949 में 26 नवम्बर को भारत के संविधान सभा ने हमारे देश के संविधान को अपनाया था । संविधान को 26 जनवरी 1950 लागू हुआ था। इस संविधान में भारत को एक समाजवादी ,धर्मनिरपेक्ष सम्प्रभु लोकतंत्र गणराज्य बनाया इसी दिन को संविधान के महत्व के रूप में याद किया जाता है। भारतीय संविधान दो साल 11 महीने 18 दिनों में तैयार किया गया था भारतीय संविधान में हमें नागरिकों को 6 मौलिक अधिकार और 11 मौलिक कर्त्तव्य दिये गये है । 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया था तब भारत एक गणराज्य बना । भारत के संविधान की प्रस्तावना संविधान का सार है। यह संविधान के उद्देश्यों को बताती है इसे संविधान की आत्मा कहा जाता है भारतीय संविधान में पहला संशोधन 1951 में हुआ था भारतीय संविधान में 26 नवम्बर 1949 अंगीकृत किया गया यह एक ऐतिहासिक दिन था इसी दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस अवसर पर कांग्रेस सेवादल के पदाधिकारी उपस्थित थे जिसमें जिला कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष सुरेश कपाले ,जिला कांग्रेस सेवादल उपाध्यक्ष राकेश मरकाम ,रमेश बेले ,गजेन्द्र इंदौरकर ,योगेश पाण्डे जिला महिला सेवादल अध्यक्ष डॉ.शबाना यास्मीन खान ,सिंधु यादव ,सलीका तिरकाम ,अर्चना करमेले ,बानो मैडम ,कदीर मंसूरी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस सेवादल के पदाधिकारी उपस्थित थे।

स्वामी विवेकानन्द जयंती पर निकली भव्य शोभायात्रा,मानस भवन से पुष्पवर्षा कर विधायक ने किया स्वागत

स्वामी विवेकानन्द जयंती पर निकली भव्य शोभायात्रा,मानस भवन से पुष्पवर्षा कर विधायक ने किया स्वागत

आष्टा । युवाओ के प्रेरणास्रोत मार्गदर्शन स्वामी विवेकानंद जी की 162 वीं जयंती आज आष्टा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने धूमधाम से मनाई । इस उपलक्ष्य में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नगर इकाई आष्टा एक विशाल शोभायात्र स्थानीय मानस भवन से निकाली गई । मानस भवन में आष्टा विधायक श्री गोपालसिंह इंजीनियर भी आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए । मानस भवन से निकली शोभायात्र का मुख्य गेट पर परिषद के कार्यकर्ताओं,छात्र नेताओं के साथ उपस्तिथ विधायक श्री गोपालसिंह इंजीनियर ने निकली शोभायात्रा पर पुष्पवर्षा कर यात्रा को रवाना किया। निकली शोभायात्रा मानस भवन, गल चौराहा,बुधवारा,बड़ा बाजार गंज से होते हुए मानस भवन पर समाप्त हुई । निकली शोभायात्रा का जुलूस मार्ग पर पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया चित्र विधायक कार्यालय आष्टा

सांची के बौद्ध स्तूप की पवित्रता देश-विदेश में विख्यात है - केन्द्रीय मंत्री श्री रिजिजू शांति और कल्याण के लिए भगवान बुद्ध के बताए मार्ग पर चलना होगा केन्द्रीय मंत्री श्री रिजिजू ने सांची में दो दिवसीय महाबोधी महोत्सव का किया शुभारंभ

सांची के बौद्ध स्तूप की पवित्रता देश-विदेश में विख्यात है - केन्द्रीय मंत्री श्री रिजिजू शांति और कल्याण के लिए भगवान बुद्ध के बताए मार्ग पर चलना होगा केन्द्रीय मंत्री श्री रिजिजू ने सांची में दो दिवसीय महाबोधी महोत्सव का किया शुभारंभ

संवाददाता गोविन्द दुबे उदयपुरा रायसेन/ भारत सरकार के अल्पसंख्यक तथा संसदीय कार्य विभाग मंत्री श्री किरेन रिजिजू द्वारा रायसेन जिले की विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी सांची स्थित बुद्ध जम्बूदीप पार्क में आयोजित दो दिवसीय महाबोधी महोत्सव का दीप प्रज्जवलन कर शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर महाबोधि सोसायटी के चीफ वानगल उपतिस नायक थेरो, स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री यशवंत मीणा, सांची विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी भी उपस्थित रहे। महोत्सव के प्रारंभ में केन्द्रीय मंत्री श्री रिजिजू ने कहा कि मध्यप्रदेश के लोगों को इस बात का एहसास होगा कि वह कितने पवित्र स्थान के पास रहते हैं। सांची के बौद्ध स्तूप की पवित्रता और ज्ञान देश-विदेश में विख्यात है। पूरे विश्व में बौद्ध धर्म को मानने वालों के मन में यह इच्छा जरूर होती है कि वह अपने जीवनकाल में भारत दर्शन करें और सांची की पवित्र नगरी जरूर देखें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र में दुनिया को संदेश दिया कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है। सम्राट अशोक के बाद दुनिया को इतना बड़ा संदेश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिया है। इस दुनिया में समृद्धि और शांति के लिए भगवान बुद्ध की शरण में जाना होगा। भारत सरकार के नेतृत्व में वर्ष 2014 में बुद्ध जयंती को मनाने के लिए समिति ने निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि कोई भी देश अगर दुनिया में प्रभाव डालना चाहता है तो उसको भगवान बुद्ध के बताए शांति के मार्ग पर चलना होगा। दुनिया इस रास्ते पर चलकर ही खुशहाल और समृद्ध रहेगी। बुद्ध विहार और अन्य स्थलों को विकसित किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री श्री रिजिजू ने कहा कि भारत देश सामान्य देश नहीं है, यह सदियों से लोगों को शांति का संदेश देता आ रहा है। उन्होंने सांची महोत्सव का उल्लेख करते हुए कहा कि सांची महोत्सव मनाने की शुरूआत वर्ष 1952 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में हुई थी। तभी से यह महोत्सव मनाया जा रहा है। सांची में भगवान बुद्ध के दो महान अनुयायी सारिपुत्र और महामोदग्लायान, इनके अस्थि अवशेष हैं। भारत के पास परम्परा, आध्यात्म की विरासत है। महाबोधि सोसायटी के चीफ वानगल उपतिस नायक थेरो, सांची विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री अरविंद दुबे, पुलिस अधीक्षक श्री पंकज पाण्डे भी उपस्थित रहे। बौद्ध कलाओं पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां महाबोधि महोत्सव के प्रथम दिवस प्रख्यात कलाकारों द्वारा बौद्ध कलाओं पर आधारित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गईं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की पहली कड़ी में जापानी लोक नृत्य एवं गायन की प्रस्तुति दी गई। इसके उपरांत कृति थियेटर एण्ड स्पोर्ट अकादमी नागपुर के कलाकारों द्वारा भगवान बुद्ध की जीवन कथा पर केन्द्रित महानाट्य धम्मचक्र की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की अगली कड़ी में भोपाल आकृति मेहरा एवं साथी द्वारा भक्ति संगीत की प्रस्तुति दी गई।

गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से विकास खण्ड मेजा में हुआ सम्पन्न

गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से विकास खण्ड मेजा में हुआ सम्पन्न

प्रयागराज। 76वें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर विकास खण्ड मेजा प्रयागराज में गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम बहुत ही भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि गंगा प्रसाद मिश्रा(बाबू जी) ने की एवं ध्वजारोहण संयुक्त खण्ड विकास अधिकारी आनन्द प्रकाश पाण्डेय ने किया।सर्वप्रथम एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने सभी अधिकारी/कर्मचारी को कतारबद्ध कराया तत्पश्चात सहायक विकास अधिकारी पंचायत अखिलेश तिवारी ने कॉशन के साथ राष्ट्रगान कराया।तमाम राष्ट्रभक्त अमर शहीदों के अमर रहे के जोरदार नारे लगवाए गए और अन्ततः सभी अधिकारी/कर्मचारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक स्थल पर पहुँचकर एक-एक कर माल्यार्पण किया एवं वीर शहीदों की याद में अमर रहे के जोरदार नारे लगाए गए।इस अवसर पर उपस्थित ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि गंगा प्रसाद मिश्रा ने कहा कि हमें अपने देश की एकता एवं अखंडता के लिए हमेशा खड़े रहना चाहिए और यह शपथ ले कि अब हमारे देश को कोई भी गुलाम नही बना सकेगा चाहे इसके लिए हमें अपने आपको बलिदान ही क्यों न देना पड़े।इस अवसर पर उपस्थित संयुक्त खण्ड विकास अधिकारी आनन्द प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि देश की निरन्तरता प्रगति के लिए हमें अपने देश के संविधान का परिपालन कर अपने देश के गणतंत्र को मजबूत करना चाहिए जिससे हमारा राष्ट्र एक विकसित राष्ट्र बन सके।इस अवसर पर उपस्थित सहायक विकास अधिकारी पंचायत अखिलेश तिवारी ने कहा कि देश की वास्तविक आजादी का मूल अर्थ है कि हमारे राष्ट्र का अन्तिम पायदान पर खड़ा नागरिक भी मजबूत हो जिससे वास्तविक गणतंत्र का स्वरुप निरुपित हो सके और हमें हमेशा अपने राष्ट्र के सशक्तीकरण के लिए एकजुट रहकर अपने संविधान का सम्मान करना चाहिए।इस अवसर पर उपस्थित एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने कहा कि यदि हमें अपने संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखते हुए समर्पण की भावना रखेंगे तो निश्चित ही हमारा राष्ट्र विकसित राष्ट्र बन एक दिन विश्वगुरु अवश्य कहलाएगा।इस गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण सुशांतु पाण्डेय, जे०ई०आर०एस० अनिल धुर्वे, वरिष्ठ सहायक स्थापना बाबू बृजेश द्विवेदी,टी०ए० कृष्ण मुरारी यादव,कंप्यूटर ऑपरेटर राजमणि कोटार्य,कंप्यूटर ऑपरेटर अजय यादव,बोरिंग टेक्नीशियन अशोक सिंह,सहायक बोरिंग टेक्नीशियन चंचल सिंह पटेल,कंप्यूटर ऑपरेटर प्रमुख पटल मयंक शुक्ला एवं क्षेत्रीय गणमान्य जनों में वरिष्ठ समाजसेवी शेष मणि शुक्ला,शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय,शिक्षाविद जोखू लाल पटेल,हिन्दू महासभा महामंत्री राकेश तिवारी,मण्डल महामंत्री भाजपा मेजा संजय तिवारी, समाजसेवी आशुतोष मिश्रा एवं नलकूप मिस्त्री जन्मंजय प्रजापति सहित विकास खण्ड के बहुत से अधिकारी/कर्मचारी तथा तमाम क्षेत्रीय गणमान्य जन उपस्थित रहे।

मां संतोषी मां मंदिर प्रांगण परसराम कांप्लेक्स के सामने विशाल भंडारा संपन्न हुआ

मां संतोषी मां मंदिर प्रांगण परसराम कांप्लेक्स के सामने विशाल भंडारा संपन्न हुआ

आष्टा नगर में मंगलवार को प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी मां संतोषी मां मंदिर समिति द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया संतोषी माता की पूजन अर्चना कर सर्वप्रथम छोटी-छोटी कन्याओं को भोज कराया एवं माता रानी के भंडारे में नगर के सभी जनप्रतिनिधि एवं धर्म प्रीमिबंधु हजारों की संख्या में उपस्थित होकर माता रानी के भंडारे का धर्म लाभ लिया मातृशक्ति अधिक संख्या में रही इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कैलाश परमार, नगर पालिकाअध्यक्ष प्रतिनिधि राय सिंह मेवाड़ा, पार्षद आरती सुभाष नामदेव, पार्षद रवि शर्मा, पार्षद अंजलि विशाल चौरसिया, पार्षद लता तेजपाल मुकाती, पार्षद तारा कटारिया, महासंघ अध्यक्ष रूपेश राठौर सिध्दांत जयसवाल, राहुल वाल्मीकि,उपस्थित हुए संतोषी मां मंदिर समिति अध्यक्ष राकेश मुन्ना सोनी, राहुल कुशवाहा, मनोज कुशवाहा, अमरचंद कुशवाहा, दलकिशोर कुशवाहा ने स्वागत सम्मान किया मां पार्वती धाम गौशाला अध्यक्ष नरेंद्र कुशवाहा पूर्व पार्षद ने मंच संचालन किया

आंबेडकर जी की पुण्यतिथि परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाई गई

आंबेडकर जी की पुण्यतिथि परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाई गई

अविनाश महाराज/संवाददाता उज्जैन। महिदपुर में संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर जी की पुण्यतिथि ब्लॉक कांग्रेस एवं शहर कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में क्षेत्रीय विधायक दिनेश जैन बोस की गरिमामयी उपस्थिति में परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाई गई। उक्त जानकारी जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अरुण बुरड़ ने देते हुए बताया कि कार्यक्रम के प्रारम्भ में बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। विधायक दिनेश जैन बोस ने अपने उदबोधन में संविधान निर्माता डॉ भीमरावजी आम्बेडकर जी एवम भारतीय संविधान के बारे में अपने अपने विचार व्यक्त करते कहा कि भाजपा संविधान में परिवर्तन करना चाहती है हमारे नेता राहुल गांधी व जीतू पटवारी इसको लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ रहे है। आपने सभी से एकजुट होकर बाबा साहेब के बताए मार्गो पर चलने का आव्हान किया। उपस्थित कांग्रेसजनों ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस सदस्य रणछोड़ त्रिवेदी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष सगीर बेग, अशोक बुरड़, मुजाहिद नागोरी,पार्षदगण रईस कुरेशी, बाबा नागोरी, इकबाल नागोरी, जाकिर सांगा,राधेश्याम गोलवी, हाजी युनुस परवेज, दिनेश बारोठ, धर्मेन्द्र नरवरिया, शकील पाकीजा, कुद्दूस कुरेशी, सुमन सोनगरा, शैलू जोशी, संजय वर्मा, दिनेश बघेल, हारुन छीपा, आत्माराम परमार, लेखराज मल्होत्रा, ईश्वरलाल,बहादुर परमार, आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शहर कांग्रेस अध्यक्ष सगीर बेग ने किया। आभार विजय रावल ने माना।

भागवत गीता ज्ञान से प्रेरित करने एवं गीता की जानकारी दी गई शा. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कालूखेड़ा मै

भागवत गीता ज्ञान से प्रेरित करने एवं गीता की जानकारी दी गई शा. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कालूखेड़ा मै

प्रहलाद पवार हेमंत सिंह देवड़ा दिव्य गौरव पिपलोदा तहसील कालूखेड़ा शा.उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कालूखेड़ा में शासन द्वारा चलाए जा रहे गीता महोत्सव के अंर्तगत बच्चो को परीक्षा से पूर्व अभ्यास हेतु एवम भागवत गीता ज्ञान से प्रेरित करने एवम उन्हें गीता की जानकारी देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यालय प्राचार्य शिवनारायण चौधरी ने सर्वप्रथम भगवान कृष्ण के चित्रपट पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। इसके पश्चात प्राचार्य ने बच्चो को भगवत गीता का ज्ञान देते हुवे कहा की मनुष्य के साथ जब भी कुछ बुरा होता है, तो वो अक्सर अपने कर्म की उपेक्षा कर अपने भाग्य को कोसने लगता है। वह बात-बात पर यह कहता नजर आता है कि मेरी किस्मत ही खराब है। वह यह भूल जाता है कि भाग्य का धागा उसके कर्मों से जुड़ा है जिसे वह अनदेखा कर रहा है। इसके पश्चात संस्कृत के शिक्षक रामकृष्ण उपाध्याय ने गीता के 18 अध्याय के श्लोकों का अर्थ बच्चो को बताए एवम उनको भगवान कृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र में जो ज्ञान अर्जुन को दिया उसके महात्म्य का वर्णन किया। गीता का बखान विद्यालय के छात्र योगेश शर्मा ने किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक रूपसिंह राठौर ने किया एवम आभार घनश्याम शर्मा ने प्रकट किया। इस मौके पर विद्यालय के वरिष्ट शिक्षक रामनिवास शाह,चेतन दास बैरागी,सलीम शाह,विष्णु रावत,जया मोदी,खलील शाह,गोर्धन लाल मालवीय,प्रीति चुंडावत,ज्योति शर्मा,शैलेंद्र सिंह चंद्रावत,रेखा कुमावत,मिट्टू सिंह सिसौदिया,गोविंद सिंह सिसोदिया,भावेश शिकारी,सुरेश प्रजापत,गिरीश पटेल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के शिक्षक रामकृष्ण उपाध्याय का पुष्प माला से बच्चो ने स्वागत किया।

खेल खबरे

*ग्राम सिलौटा खुर्द में विशाल अहिरी नृत्य मंडई प्रतियोगिता का आयोजन हुआ*

*ग्राम सिलौटा खुर्द में विशाल अहिरी नृत्य मंडई प्रतियोगिता का आयोजन हुआ*

बिछुआ न्यूज:- बिछुआ विकास खण्ड में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष में भी ग्राम पंचायत सिलोटाकलां के अंतर्गत ग्राम सिलौटा खुर्द में विशाल अहिरी नृत्य मंडई मेला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। चौरई विधायक सुजीत सिंह चौधरी ने कार्यक्रम में शिरकत किए। इस उत्सव में अहीर समाज के लोग परंपरागत लोक नृत्य करते हैं। इस दौरान नर्तक दल विशेष परिधानों में सज-धजकर, लोकगीत गाते हुए, मांदर की थाप और बैंड-बाजों के साथ आते हैं और अपनी शानदार प्रस्तुति दी गई। विधायक सुजीत सिंह चौधरी की ओर से 5000 की राशि और एक कला मंच घोषणा किए। विधायक सुजीत सिंह चौधरी, राजेश मुन्ना पटेल, पृथ्वीराज सिंह ठाकुर ,सचिन वर्मा, धनपत उईके, महेश ककोड़े, पूसू उईके,जयपाल सरयाम सरपंच,राजाराम उईके ,मोहनलाल धुर्वे, दयाराम नागवंशी ,भजन इनवाती,सीताराम उईके ग्राम वासी आदि मौजूद रहे

खिलाड़ियों को भत्ता और आर्थिक मदद की मांग पर ABVP का प्रदर्शन, शाहिद भगतसिंह शासकीय महाविद्यालय,आष्टा  में ताला बंदी।

खिलाड़ियों को भत्ता और आर्थिक मदद की मांग पर ABVP का प्रदर्शन, शाहिद भगतसिंह शासकीय महाविद्यालय,आष्टा में ताला बंदी।

खिलाड़ियों को उचित भत्ता एवं आर्थिक मदद करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने शाहिद भगतसिंह शासकीय महाविद्यालय में ताला डाला। पुलिस की समझाइश के बाद ताला खोला । सुबह जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के शाखा आष्टा को जानकारी मिली कि कुछ छात्र छात्राओं को राज्य स्तरीय एवं अन्य जगहों पर खेलने जाना हे किंतु प्रभारी प्राचार्य नदारद है एवं जो कर्मचारी मौजूद हे वह शांतिपूर्ण जवाब नहीं दे रहे हैं तुरंत सभी छात्र आक्रोशित हो गए उन्होंने बात करने के बाद कॉलेज में ताला बंदी की । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना था कि जब शासन सभी को सहायता देता हे तो फिर आष्टा कॉलेज में क्यों नहीं। आष्टा के नए नगर निरीक्षक को पता चला तो उन्होंने बल थाने से भेज कर छात्रों को समझाइश देकर ताला खुलवाया।

68 वी मध्यप्रदेश शालेय राज्य प्रतियोगिता के लिए चयनित हुईं बिछुआ की छात्राएं

68 वी मध्यप्रदेश शालेय राज्य प्रतियोगिता के लिए चयनित हुईं बिछुआ की छात्राएं

बिछुआ न्यूज:- बिछुआ आदिवासी विकास खण्ड स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित खेल गतिविधियों में 17 वर्ष बालिका किक्रेट में विभागीय राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिछुआ की छात्राएं कुमारी भारती खोरगडे, कुन्ती विश्वकर्मा, एवं दुर्गा उईके, ने दक्षिण क्षेत्र की ओर से छिंदवाड़ा जिले का प्रतिनिधित्व किया ओर अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। संस्था प्राचार्य मिथलेश कुमार इवने ने बताया कि 68 वी मध्यप्रदेश शालेय राज्य प्रतियोगिता का आयोजन कटनी जिले में 19 नवम्बर से 24 नवम्बर तक आयोजित हो रही है। इस प्रतियोगिता हेतु छात्राओं का चयन हुआ है। संस्था पीटीआई संजीव गौतम ने बताया कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रदर्शन के आधार पर मध्यप्रदेश दल का चयन होगा। जनजातीय कार्य विभाग की खेल प्रतियोगिता विभाग प्रमुख सहायक आयुक्त सत्येन्द्र सिंह मरकाम के संरक्षण एवं जिला खेल अधिकारी अनुरोध शर्मा के मार्गदर्शन मे सम्पन्न हो रही है। इस उपलब्धि पर बीईओ श्रीमती रजनी अगामे, प्राचार्य मिथलेश कुमार इवने, वी के पडोले, नीरज आसाटी, एल.के मिश्रा, व्यायाम शिक्षक लक्ष्मी डेहरिया, ललित गुप्ता, सुधीर गौतम, शिक्षक गण गणेश घाघरे, स्वाति भट्ट, स्वाति शुक्ला, प्रमोद बागडे, नीतू पवार, संजय परतेती, ब्लाक खेल समन्वयक प्रकाश डेहरिया समेत स्टाफ के शिक्षक शिक्षिकाओं ओर छात्राओं ने शुभकामनाएं दी।

सचिन सहारे खेलेंगे मध्य प्रदेश राजस्थान लीग (एमआरसीएल लीग)

सचिन सहारे खेलेंगे मध्य प्रदेश राजस्थान लीग (एमआरसीएल लीग)

बिछुआ न्यूज:- बिछुआ छिंदवाड़ा में नागदा विधानसभा क्षेत्र में आईपीएल की तर्ज पर क्रिकेट महासंग्राम संजीवनी फाउंडेशन ग्रुप के तत्वाधान में 31 दिसंबर से 5 जनवरी में होगा मध्य प्रदेश और राजस्थान के हजारों खिलाड़ियों द्वारा इसमें रजिस्ट्रेशन किया गया और इसकी ट्रायल दोनो राज्यो में कई जिलों में हुई इस टूर्नामेंट में 16 टीम हिस्सा लेगी टूर्नामेंट की विजेता टीम को 11 लाख और उपविजेता टीम को 5 लाख रुपए नगद इनाम संजीवनी फाउंडेशन द्वारा दिया जायेगा इस एमआरसीएल लीग का मेगा ऑक्शन इंदौर के इंटरनेशनल कन्वेक्शन में हुआ 550 खिलाड़ियों की बोली लगी गई जिसमे सचिन सहारे का चयन मालवा राइडर्स की टीम में हुआ सचिन सहारे अपनी खेल का जौहर नागदा विधानसभा के ग्रामीण खेल परिसर में दिखाएंगे सचिन सहारे का चयन छिंदवाड़ा के जिले में खिलाड़ियों को उत्साहित और एक आधार प्रदान करेगा सचिन सहारे इस से पूर्व भी देश के कई बड़े छोटे प्रतियोगिता में हिस्सा लेते आए है और छिंदवाड़ा जिले का नाम रोशन करते है इस से पूर्व भी रीवा में आयोजित भैय्याजी लाल टूर्नामेंट में शिरकत किया और अपने खेल से सभी को प्रभावित किया

जिलाध्यक्ष की दौड़ में आखिर कौन मारेगा बाजी काका या दादा?

जिलाध्यक्ष की दौड़ में आखिर कौन मारेगा बाजी काका या दादा?

अभिषेक दमाडे की रिपोर्ट Harda : हरदा की दोनों विधानसभाओं में कांग्रेस के विधायक होने की वजह से सबसे पावरफुल पद सत्ता पक्ष के जिलाध्यक्ष का ही माना जाता हैं। हरदा जिले में जिलाध्यक्ष बनने के लिए काफी दिग्गज नेता या तो स्वयं अपनी दावेदारी कर रहें है या किसी तरह से कोशिश में लगे हैं कि उनका कोई व्यक्ति जिलाध्यक्ष बन जाए और इससे उनका राजनीतिक पावर भी बना रहें। जिले में कुछ नाम काफी चर्चा में है जो जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ में है नम्बर 1 पर राजेश वर्मा (काका) जो अभी भाजपा जिलाध्यक्ष के पद पर काबिज हैं, विधानसभा चुनाव में जिले की दोनों सीटों पर हार जाने के बाद पूर्व जिलाध्यक्ष अमर सिंह मीणा को हटाकर राजेश वर्मा को जिलाध्यक्ष बनाया गया आपको बता दें कि राजेश वर्मा उर्फ काका छात्र नेता रहें हैं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 1988 से लेकर 2002 तक नगर संयोजक, विभाग प्रमुख एवं प्रांत उपाध्यक्ष की जवाबदारी का निर्वाहन भी उन्होंने किया। इसी तरह विद्या भारती, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, स्वदेशी जागरण मंच जैसे कई संगठन का दायित्व पूरा करते हुए भाजपा में प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के जिला संयोजक, शासकीय महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष तथा जिला सांसद प्रतिनिधि के रूप में भी काम किया। इसके साथ ही पार्टी ने जिस उम्मीद से इन्हें जिला अध्यक्ष बनाया था उसमें खरे उतरते हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड बहुमत से विजय बनाया था तथा इनकी कार्यशैली से भाजपा सदस्यता अभियान में भी काफी अच्छा परिणाम देखने को मिले। दुसरे नम्बर पर उपेन्द्र गद्रे जो हरदा क्षेत्र में दादा के उपनाम से विख्यात हैं इन्हें हरदा जिले में यदि चुनाव जिताने में चाणक्य की उपाधि दी जाए तो कम नही होगी। 1991 से भाजपा ने इन्हें चुनाव प्रभारी बनाया था और उन सभी चुनाव में इन्होंने भाजपा को विजय दिलाई थी। वर्तमान में ये टिमरनी शासकीय महाविद्यालय में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष हैं। पूर्व में मंडल महामंत्री, जिला उपाध्यक्ष, नगर परिषद उपाध्यक्ष के पद का दायित्व पर भी आसीन रहें। इन्हें स्पष्ट और निष्पक्ष कहने वाले नेता के रूप में भी जाना जाता हैं। विधानसभा चुनाव प्रभारी के रूप में इन्होंने वर्ष 2008, 2018 में लोकसभा चुनाव संयोजक 2008, 2024 नगर पालिका हरदा चुनाव प्रभारी रहें और 2017 में चुनाव भी जीता चुके हैं इसीलिए यह माना जा रहा हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में चुनाव जितने के लिए इनकी जिलाध्यक्ष पद पर ताजपोशी हो सकती हैं।

अतुल कनेरिया रहटगांव *मगरधा में अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया 🌳

अतुल कनेरिया रहटगांव *मगरधा में अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया 🌳

हरदा सामान्य वनमण्डल* के मगरधा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत दिनांक 09 जनवरी, 2025 को *मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड - मध्यप्रदेश वन विभाग के द्वारा सहप्रायोजक मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज व्यापार एवं विकास सहकारी संघ मर्यादित और मध्यप्रदेश कैम्पा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किए जा रहे "अनुभूति : प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम" का आयोजन श्री अशोक कुमार (भा.व.से.) मुख्य वन संरक्षक वन वृत नर्मदापुरम के निर्देशन में सफलता पूर्वक किया गया। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मगरधा एवं शासकीय हाई स्कूल बड़झिरी के 126 छात्र-छात्राओं के दल को वनभ्रमण करवा कर प्रकृति की प्रत्यक्ष अनुभूति करवाई गई। शिविर के प्रारंभ में श्री हरिओम सोलंकी अनुभूति प्रेरक ने अनुभूति वर्ष 2024-25 की मुख्य थीम "मैं भी बाघ - हम हैं बदलाव" के विषय में जानकारी देते हुए अनुभूति शिविर के ' प्रतीक चिन्ह (लोगो) ' के बारे में समझाया। सुबह-सुबह पक्षी दर्शन के पश्चात स्वल्पाहार कराया गया उसके बाद 126 विद्यार्थियों के दल को चार दलों में बांटकर नेचर ट्रेल शुरू की गई जिसके अंतर्गत शिविरार्थियों को प्रकृति व्याख्यान के लिए माचक नदी के किनारे प्रकृति पथ भ्रमण कराया गया जिसमें तितलियों के जीवनचक्र पर चर्चा, *वृक्षों का पर्यावरण में महत्व, वन्यप्राणियों की खाद्य श्रृंखला में भूमिका, गिद्धों का महत्व जैसे विषयों पर विस्तार से समझाया गया। मुख्य अतिथि श्री शेर सिंह गिन्नारे कमिश्नर आयकर विभाग उज्जैन एवं वन्य जीव विशेषज्ञ द्वारा वन्यजीवों के महत्व के बारे में जानकारी दी एवं विद्यार्थियों को वन्य जीव संरक्षण एवं संवर्धन में योगदान देने के लिए प्रेरित किया एवं मुख्य अतिथि श्री अनिल चोपड़ा वन मंडल अधिकारी सामान्य वन मंडल हरदा द्वारा विद्यार्थियों को बायोडायवर्सिटी एवं उसके महत्व के बारे में बताते हुए संवहनीय तरीके से प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने की जानकारी दी। प्रकृति भ्रमण के दौरान चर्चा किए विषयों पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें सभी प्रतिभागियों के द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम,द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। शिविर में सभी प्रतिभागियों के भोजन की व्यवस्था भी की गई। भोजन के पश्चात विद्यार्थियों को बिना सिले कपड़े से थैला बनाने का प्रदर्शन किया गया। पेपर बाघ वितरित कर "मैं भी बाघ" के थीम सॉन्ग का एक बार पुनः संचालन कर शिविर के रोमांच को और बढ़ाया गया। अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पश्चात प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र दिए गए और सभी को प्रकृति, वन और पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई और प्रो प्लेनेट पीपल (P3) के समान Life mission की प्रकृति अनुकूल जीवनशैली को अपने जीवन में अपनाने हेतु प्रेरित किया गया। विद्यार्थियों से शिविर के अंत में फीडबैक लिया गया एवं अनुभूति बुकलेट का पेपर फीडबैक भरवाया गया। सायंकाल के साथ सफल अनुभूति कार्यक्रम के एक दिवसीय शिविर का समापन किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्री शेर सिंह गिन्नारे कमिश्नर आयकर विभाग उज्जैन एवं वन्य जीव विशेषज्ञ, श्री अनिल चोपड़ा वन मंडल अधिकारी सामान्य वन मंडल हरदा, श्री ओमप्रकाश बिडारे उपवन मंडल अधिकारी दक्षिण हरदा सामान्य, श्री मुकेश रघुवंशी वन परिक्षेत्राधिकारी मगरधा एवं समस्त वन विभाग के कर्मचारी (उप वनक्षेत्रपाल , वनपाल, वनरक्षक एवं अन्य सहयोगी स्टाफ) उपस्थित रहे ।

गाडरवारा स्टेट चैंपियनशिप खेलने के लिए खिलाड़ी रवाना।।

गाडरवारा स्टेट चैंपियनशिप खेलने के लिए खिलाड़ी रवाना।।

कबड्डी कोच अंकित जोशी ने बताया कि सालेय राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता रीवा में 3 नवंबर से 6 नवंबर तक खेली जाना है जिसके लिए नर्मदा पुरम संभाग की टीम रवाना हुई जिसमें टिमरनी न्यू एस बी एस कबड्डी क्लब के 6 खिलाड़ी अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे वहां से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन होगा जो की राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता भी नवंबर माह में गाडरवारा में ही होगा 17 वर्ष बालक तौफीक शाह विकलेश पानशे अजेश धुर्वे जबकि बालिका वर्ग में प्रियांशी राजपूत टीना केवट रोशनी का चयन हुआ है इस उपलब्धि पर नर्मदा खेल अकादमी के अध्यक्ष संजय शाह कबड्डी क्लब के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र भारद्वाज सुनील दुबे कैलाश डूडी जगदीश शर्मा मंगल सिंह यादव रामनिवास जाट अरुण वर्मा पंकज तिवारी रामजीवन गोदारा राजकुमार चंदेल हिना अली खान नीतिका बोराशी सुरेश बघेल रोहित रहड़वा धन्नालाल जाट विजय सावनेर ने बधाई दी।।।

विभागीय राज्य स्तर क्रिकेट मे बिछुआ ब्लाक के 04 खिलाड़ियों का चयन*

विभागीय राज्य स्तर क्रिकेट मे बिछुआ ब्लाक के 04 खिलाड़ियों का चयन*

बिछुआ न्यूज:- बिछुआ के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा विभागीय राज्य स्तर में कुमारी भारती खोरगडे ,कुंती विश्वकर्मा ,दुर्गा उईके ,शिवानी बट्टी का चयन हुआ है जो कि 16 नवम्बर को अमरवाड़ा स्टेडियम में अपना प्रदर्शन किया। उनके चयन पर सहायक आयुक्त जनजाति कार्यविभाग सत्येन्द्र सिंह मरकाम, टा्ईवल जिला खेल अधिकारी अनुरोध शर्मा, बीईओ श्रीमती रजनी आगामे, प्राचार्य मिथलेश कुमार इवने, प्राचार्य वी के पडोले, पीटीआई संजीव गौतम, ललित गुप्ता, श्रीमती लक्ष्मी डेहरिया, गणेश घाघरे, स्वाति शुक्ला, स्वाति भट्ट, प्रमोद बागडे, रामप्रसाद परतेती, जयदेव कडवे, मोनिका पलवार, रेखा भमोरे, रूपाली हुरडे, नीतु पवार, संजय परतेती, सीमा बघेल, नीना पाटिल, रानी चौरिया, चारूमित्रा चौरे, प्रज्ञा इंदौरकर, कविता मालवीय, विनोद ठाकरिया, ब्लॉक खेल समन्वयक प्रकाश डेहरिया,समेत स्टाफ के शिक्षक शिक्षिकाएं और छात्राओं ने शुभकामनाएं दी।

29 खेल विधाओं में 9,000 से अधिक एथलीटों को भारतीय रेलवे का व्यापक सहयोग भारत के खेल क्षेत्र को आकार देकर राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता को बढ़ावा दे रहा है

29 खेल विधाओं में 9,000 से अधिक एथलीटों को भारतीय रेलवे का व्यापक सहयोग भारत के खेल क्षेत्र को आकार देकर राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता को बढ़ावा दे रहा है

भारतीय रेलवे ने अपने खेल प्रकोष्ठ रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) के माध्यम से 1928 से देश भर में खेलों को बढ़ावा देने में बहुत योगदान दिया है। हॉकी, एथलेटिक्स और टेनिस को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया यह छोटा सा संगठन अब देश में खेलों को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण संगठन बन गया है और वर्तमान में इसके पास 29 खेल क्षेत्र हैं- जिसमें 18 व्यक्तिगत खेल और 11 टीम खेल शामिल है। आरएसपीबी 28 राष्ट्रीय खेल महासंघों और विश्व रेलवे खेल संघ से भी संबद्ध है। भारतीय रेलवे ने नौकरियों के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित करके बड़ी संख्या में खिलाड़ियों की सहायता की है। अभी तक 29 खेल विधाओं में 9000 से अधिक खिलाड़ी भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं, जिनमें से लगभग 3000 सक्रिय खिलाड़ी हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित आयोजनों में भारतीय रेलवे के खिलाड़ियों का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। यह गर्व की बात है कि प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनीत 32 खिलाड़ियों में से पाँच खिलाड़ी भारतीय रेलवे से हैं। खिलाड़ियों और उनके कार्यक्रमों का विवरण इस प्रकार है: सुश्री ज्योति याराजी, एससीआर (एथलेटिक्स-100 मीटर बाधा दौड़) सुश्री अन्नू रानी, ​​पीएलडब्ल्यू (एथलेटिक्स-भाला फेंक) सुश्री सलीमा टेटे, एसईआर (हॉकी) श्री स्वप्निल सुरेश कुसाले, सीआर (शूटिंग-50 मीटर 3पी) श्री अमन, एन.आर. (कुश्ती-57 किग्रा फ्रीस्टाइल) इन 5 अर्जुन पुरस्कारों के साथ, भारतीय रेलवे में कुल 183 अर्जुन, 28 पद्मश्री, 12 ध्यानचंद, 13 द्रोणाचार्य और 9 मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेता हैं, जो भारत में किसी भी एक संगठन के लिए ऐसे पुरस्कार विजेताओं की अपने आप में सबसे बड़ी संख्या है। पुरस्कार विजेताओं को 17 जनवरी, 2025 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु सम्मानित करेंगी। भारतीय रेलवे इन रत्नों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है।

महिलाओ/बालिकाओं की सुरक्षा एवं जागरूकता हेतु "मै हूँ अभिमन्यु"अभियान के तहत हुआ दौड़ काआयोजन

महिलाओ/बालिकाओं की सुरक्षा एवं जागरूकता हेतु "मै हूँ अभिमन्यु"अभियान के तहत हुआ दौड़ काआयोजन

पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार महिलाओ/बालिकाओं की सुरक्षा एवं जागरूकता हेतु प्रत्येक जिले में "मै हूँ अभिमन्यु" अभियान चलाया जा रहा हैl इसी क्रम में आज दिनांक 06 अक्टूबर 2024 को प्रातः पुलिस आयुक्त कार्यालय से रविंद्र भवन तक दौड़ का आयोजन किया जाएगाl अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री पंकज श्रीवास्तव ने दौड़ में सम्मिलित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए महिलाओ के प्रति सम्मान एवं सुरक्षा की भावना जागृत करने इत्यादि मार्गदर्शन दिया उपरांत दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना कियाI दौड़ में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्रीमती नीतू ठाकुर, नगर रक्षा समिति के संयोजक एवं सदस्य, आरंभ संस्था व सृजन के बालक सम्मिलित हुए l

देश-विदेश

विश्व एड्स दिवस 2024

विश्व एड्स दिवस 2024

विश्व एड्स दिवस, 1988 से प्रति वर्ष 01 दिसंबर को मनाया जा रहा है। यह एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस)/एड्स (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लोगों को एकजुट करने तथा महामारी के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है। यह सरकारों, संगठनों और समुदायों के लिए इस रोग की वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डालने तथा इसके रोकथाम, उपचार एवं देखभाल में की गई प्रगति को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन को वैश्विक रूप से सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य अवलोकनों में से एक के रूप में मान्यता प्रदान की गई है, जो न केवल जागरूकता फैलाता है बल्कि उन लोगों को भी याद भी करता है जिनकी मौत एचआईवी/एड्स के कारण हुई है। यह स्वास्थ्य सेवाओं तक विस्तारित पहुंच जैसे मील के पत्थर का भी उत्सव मनाता है। एचआईवी जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के बारे में ज्ञान को बढ़ावा देकर, विश्व एड्स दिवस एचआईवी से लड़ने तथा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज एवं स्वास्थ्य अधिकार प्राप्त करने के बीच के अभिन्न संबंधों पर प्रकाश डालता है। 2024 का विषय: "सही रास्ता अपनाएं: मेरी सेहत, मेरा अधिकार!" विश्व एड्स दिवस 2024 का विषय, "सही रास्ता अपनाएं: मेरी स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!" है, जो स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच और लोगों को अपने स्वास्थ्य प्रबंधन में सशक्त बनने के महत्व पर बल देता है। यह उन प्रणालीगत असमानताओं को संबोधित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है जो कमजोर आबादी को एचआईवी के आवश्यक रोकथाम एवं उपचार सेवाएं प्राप्त करने से वंचित करती है। वर्ष 2024 का विषय मानवाधिकारों की भूमिका को उजागर करता है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी लोगों को, उनकी पृष्ठभूमि या परिस्थितियों पर ध्यान दिए बिना, स्वास्थ्य अधिकार प्राप्त हो सके। अधिकार-आधारित दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करके, 2024 का अभियान समावेशिता को बढ़ावा देने, कलंक को कम करने और एचआईवी/एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने के लिए वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करने की कोशिश करता है। एचआईवी/एड्स की वर्तमान स्थिति: एक वैश्विक एवं राष्ट्रीय दृष्टिकोण एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (यूएनएड्स) द्वारा जारी वैश्विक एड्स अपडेट 2023 के अनुसार, वैश्विक स्तर पर एचआईवी/एड्स से लड़ने में महत्वपूर्ण प्रगति प्राप्त की गई है। भारत जैसे देशों में नए एचआईवी संक्रमण मामलों में कमी आई है, जहां एक मजबूत कानूनी संरचना और बढ़े हुई वित्तीय निवेशों ने 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने के लक्ष्य की प्राप्ति करने की दिशा में प्रगति की है। विशेष रूप से, भारत की पहचान कमजोर आबादी के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कानूनों को मजबूत बनाने के रूप हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर, भारत एचआईवी अनुमान 2023 रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में 25 लाख से ज्यादा लोग एचआईवी से पीड़ित हैं। इसके बावजूद, देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें वयस्क एचआईवी प्रसार 0.2% दर्ज किया गया है और अनुमान है कि वार्षिक रूप से नए एचआईवी संक्रमणों की संख्या 66,400 है, जिसमें 2010 के बाद से 44% की कमी आयी है। भारत ने 39% की वैश्विक कमी दर को पीछे छोड़ दिया है, जो निरंतर किए गए मध्यवर्तनों की सफलता को दर्शाता है। 16.06 लाख एचआईवी (पीएलएचआईवी) से पीड़ित लोगों के लिए 725 एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) केंद्रों के माध्यम से मुफ्त उच्च गुणवत्ता वाले आजीवन उपचार की उपलब्धता (जून 2023 के अनुसार) और 2022-2023 में किए गए 12.30 लाख वायरल परीक्षण भारत द्वारा प्रभावित जनसंख्या के लिए देखभाल सुविधा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। भारत की एचआईवी/एड्स महामारी पर प्रतिक्रिया: एक व्यापक दृष्टिकोण भारत में एचआईवी/एड्स महामारी के खिलाफ लड़ाई 1985 में शुरू हुई। इसे विभिन्न जनसंख्या समूहों एवं भौगोलिक स्थानों में वायरस का पता लगाने के लिए सीरो-सर्वेक्षण के साथ शुरू किया गया। अभियान का प्रारंभिक चरण (1985-1991) एचआईवी मामलों की पहचान, ट्रांसफ्यूजन से पहले रक्त सुरक्षा सुनिश्चित करना और लक्षित जागरूकता उत्पन्न करने पर केंद्रित था। इस अभियान में 1992 में राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) की शुरूआत के साथ तेजी आई। यह देश में एचआईवी/एड्स से निपटने के लिए एक व्यवस्थित एवं व्यापक दृष्टिकोण की शुरुआत थी। 35 वर्षों में, एनएसीपी विश्व के सबसे बड़े एचआईवी/एड्स नियंत्रण कार्यक्रमों में से एक बन चुका है। एनएसीपी चरणों का विकास एनएसीपी के पहले चरण (1992-1999) में जागरूकता फैलाने और रक्त सुरक्षा सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी गई। दूसरे चरण (1999-2007) की शुरुआत के साथ, रोकथाम, पहचान और उपचार के लिए सीधे मध्यवर्तन प्रस्तुत किए गए। राज्यों को प्रभावी कार्यक्रम प्रबंधन क्षमता से युक्त किया गया। तीसरे चरण (2007-2012) में गतिविधियों का प्रमुख विस्तार हुआ, जिसमें विकेंद्रीकृत कार्यक्रम प्रबंधन जिला स्तर तक पहुंचा। चौथे चरण (2012-2017) में पहले के प्रयासों को एकीकृत किया गया, जिसमें सरकारी वित्तपोषण में वृद्धि हुई और कार्यक्रम की स्थिरता सुनिश्चित की गई। विस्तारित एनएसीपी के चौथे चरण (2017-2021) में कई ऐतिहासिक पहलों को शुरू किया गया, जिसमें एचआईवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017 को पारित करना शामिल है, जो एचआईवी-पॉजिटिव लोगों को समान अधिकारों की गारंटी प्रदान करता है और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकता है। यह अधिनियम सितंबर 2018 में प्रभावी हुआ और इसने एचआईवी (पीएलएचआईवी) से ग्रसित लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत की कानूनी संरचना को मजबूत किया। इस चरण के दौरान, सरकार ने 2017 में 'टेस्ट और ट्रीट' नीति की शुरुआत की, यह सुनिश्चित करते हुए कि एचआईवी से निदान प्राप्त प्रत्येक व्यक्ति को उनके नैदानिक चरण की परवाह किए बिना मुफ्त एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) प्राप्त हो। पीएलएचआईवी लोग, जिन्होंने उपचार बंद कर दिया, उन्हें फिर से जोड़ने के लिए 2017 में 'मिशन संपर्क' पहल की शुरुआत की गई। 2020-2021 के दौरान, कोविड-19 महामारी ने कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां सामने आई। हालांकि, एनएपीसी ने कार्यक्रम की समीक्षा, समन्वय और क्षमता निर्माण के प्रयासों को बढ़ाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया। कई महीनों की दवाओं का एकसाथ वितरण करके और सामुदाय-आधारित एआरटी रिफिल जैसी नवाचारों के माध्यम से महामारी के दौरान उपचार सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित की गई। एनएसीपी का पांचवां चरण: एचआईवी/एड्स की समाप्ति पर नये सिरे से ध्यान केंद्रित करना एनएसीपी का पांचवां चरण केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में 2021-26 के लिए 15,471.94 करोड़ रुपये की लागत के साथ शुरू किया गया। एनएसीपी के पांचवे चरण का उद्देश्य पिछली उपलब्धियों को आगे बढ़ाना और लगातार चुनौतियों का समाधान करना, साथ ही 2010 के आधारभूत मूल्य से 2025-26 तक वार्षिक नए एचआईवी संक्रमण एवं एड्स संबंधित मृत्यु दर में 80% तक कमी लाना है। इसके अतिरिक्त, एनएसीपी के पांचवें चरण का उद्देश्य जोखिम और असुरक्षित आबादी के लिए गुणवत्तापूर्ण एसटीआई/आरटीआई सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच को बढ़ावा देते हुए ऊर्ध्वाधर ट्रांसमिशन का दोहरा उन्मूलन, एचआईवी/एड्स से संबंधित कलंक को समाप्त करना है। एनएसीपी के पांचवें चरण को आठ मार्गदर्शक सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करके विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण, तालमेल निर्माण, प्रौद्योगिकी एकीकरण, लिंग-संवेदनशील प्रतिक्रियाएं और साझेदारी को बढ़ावा देना शामिल है। इस चरण में लागत प्रभावी सेवा वितरण के लिए मौजूदा सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के साथ प्रमुख सहयोग की योजना बनाई गई है। एनएसीपी के पांचवें चरण का मुख्य उद्देश्य एचआईवी/एड्स का रोकथाम एवं नियंत्रण: 95% उच्च जोखिम वाले व्यक्ति तक व्यापक रोकथाम सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना। 95-95-95 लक्ष्य की प्राप्ति: एचआईवी पॉजिटिव 95% लोग अपनी स्थिति से अवगत हों, निदान किए गए 95% लोगों का उपचार होता रहे और उन रोगियों में से 95% वायरल दमन प्राप्त करें। यह सुनिश्चित करके ऊर्ध्वाधर ट्रांसमिशन का समाप्त करना कि एचआईवी ग्रसित 95% गर्भवती महिलाओं ने वायरल लोड का दमन किया है। एचआईवी और प्रमुख आबादी के साथ रहने वाले 10% से कम लोग कलंक एवं भेदभाव का अनुभव करें। एसटीआई (यौन संचारित संक्रमण)/आरटीआई (प्रजनन प्रणाली संक्रमण) रोकथाम एवं नियंत्रण: जोखिम वाली आबादी को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना। सिफलिस के ऊर्ध्वाधर ट्रांसमिशन को समाप्त करना। निष्कर्ष विश्व एड्स दिवस 2024 एचआईवी/एड्स की समाप्ति की दिशा में किए जाने वाले कार्यों की याद दिलाता है। एनएसीपी का पांचवां चरण और इसके अधिकार-आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से, भारत ने रोकथाम, उपचार एवं देखभाल में महत्वपूर्ण प्रगति प्राप्त की है। हालांकि, प्रणालीगत असमानताओं और सामाजिक कलंक जैसी चुनौतियों पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसका विषय "सही रास्ता अपनाएं: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!" जिसमें समावेशिता को बढ़ावा देने, मानवाधिकारों को बनाए रखने और समान स्वास्थ्य देखभाल पहुंच सुनिश्चित करने का सामूहिक अभियान शामिल है। जैसे-जैसे दुनिया 2030 तक एड्स को समाप्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के नजदीक पहुंच रही है, भारत सहयोगात्मक कार्रवाई, नवीन रणनीतियों और स्वास्थ्य समानता के प्रति एक अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण प्रस्तुत करता है। संरचनात्मक चुनौतियों का समाधान करके एवं सफल मध्यवर्तनों को बढ़ावा देकर, भारत एचआईवी/एड्स के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए तैयार है, जो सभी के लिए एक स्वस्थ, कलंक मुक्त भविष्य सुनिश्चित करता है। संदर्भ https://www.who.int/campaigns/world-aids-day https://x.com/MoHFW_INDIA/status/1828618507556155485/photo/1 https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2058434 Lok Sabha Unstarred Question No. 2555 Dated 4th August, 2023 https://naco.gov.in/sites/default/files/NACP_V_Strategy_Booklet.pdf https://x.com/MoHFW_INDIA/status/1068693667731238912/photo/1 Kindly find the pdf file

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्वयं सहायता समूह भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की क्षमता का परिचायक है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्वयं सहायता समूह भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की क्षमता का परिचायक है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के माध्यम से वाईएसआर कडप्पा में विकास पहल को मजबूत किया डॉ. सिंह ने महिला-नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूह की सराहना करते हुए इन्हें आर्थिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया मोरागुडी में केंद्रीय रसोई की आधारशिला रखी: स्कूली बच्चों के लिए शिक्षा और पोषण को बढ़ावा देना गंडिकोटा के पर्यटन विकास की परिकल्पना: डॉ. जितेंद्र सिंह ने विरासत-नेतृत्व वाली आर्थिक रूपरेखा प्रस्तुत की केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मोरागुडी गांव में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से संबद्ध लगभग 3,000 महिलाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन एजेंडे की प्रमुख प्राथमिकता के रूप में "महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास" के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की क्षमता को दर्शाते हैं। डॉ. सिंह ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) के तहत वाईएसआर कडप्पा की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और पर्यटन सहित प्रमुख विकास प्राथमिकताओं पर जोर दिया। डॉ. सिंह ने मोरागुडी गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से मुलाकात की। ये समूह वित्तीय साक्षरता, खाद्य प्रसंस्करण और हथकरघा और बाजरा आधारित उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देकर ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा रहे हैं। पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) जैसी केंद्रीय योजनाओं द्वारा समर्थित, ये एसएचजी आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए आशा की किरण का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इनके प्रयासों की सराहना की और सीडैप जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से भविष्य में कौशल विकास को प्रोत्साहित किया, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में रोजगार और उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ाना है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम से पहले ने एक प्रदर्शनी का दौरा किया जिसमें स्थानीय खाद्य पदार्थों और उपयोग संबंधी उत्पादों सहित विविध प्रकार की वस्तुओँ को प्रदर्शित किया गया था। इस प्रदर्शनी में प्रतिभागियों की रचनात्मकता और उद्यमशीलता की भावना को दर्शाया गया, जिसमें स्वदेशी वस्तुओं और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया गया। उनकी इस यात्रा के दौरान शिक्षा और बुनियादी ढांचे का विकास भी प्रमुख प्राथमिकताएं थीं। मोरागुडी के जिला परिषद हाई स्कूल में डॉ. सिंह ने एक केंद्रीय रसोई की आधारशिला रखी। यह सुविधा स्कूली बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करेगी, जिससे मध्याह्न भोजन कार्यक्रमों का प्रभावी वितरण सुनिश्चित होगा। उन्होंने सड़क, जल निकासी व्यवस्था, आवास और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सहित चल रही बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी निरीक्षण किया। ये पहल जिले में दीर्घकालिक, सतत विकास के लिए आधार तैयार करने में महत्वपूर्ण हैं। डॉ. सिंह ने बाद में, गंडिकोटा का दौरा किया जो अपने बेहतरीन परिदृश्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए विख्यात एक ऐतिहासिक स्थल है। स्थानीय अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान, उन्होंने इस क्षेत्र के लिए आर्थिक उत्प्रेरक के रूप में पर्यटन क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गंडिकोटा को एक प्रमुख विरासत स्थल के रूप में विकसित करके, सरकार का लक्ष्य इस स्थल के अद्वितीय आकर्षण और इतिहास को संरक्षित करते हुए रोजगार के अवसर पैदा करना है। डॉ. सिंह ने समान विकास को बढ़ावा देने में आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) के महत्व को दोहराते हुए कहा, "एडीपी ने हमें दिखाया है कि केंद्रित शासन और सहयोग के साथ, हम सबसे अविकसित क्षेत्रों का भी उत्थान कर सकते हैं और स्थानीय निवासियों को देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों के बराबर अवसर प्रदान कर सकते हैं। यह हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का प्रमाण है, जो एक समावेशी और प्रगतिशील भारत में विश्वास करते हैं।" डॉ. सिंह की वाईएसआर कडप्पा यात्रा ने न केवल एडीपी के तहत जिले की उपलब्धियों को उजागर किया, बल्कि उन चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला जो अभी भी बनी हुई हैं। उनके विस्तृत आकलन और विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत से इन कमियों को दूर करने के लिए योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि जिला समग्र विकास की दिशा में आगे बढ़ता रहे। डॉ. सिंह का सक्रिय दृष्टिकोण नीतियों को प्रभावशाली कार्यों में बदलने के सरकार के संकल्प को दर्शाता है। एडीपी जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, प्रशासन स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे पूरे भारत में सतत प्रगति के लिए एक विस्तृत योजना तैयार हो सके। वाईएसआर कडप्पा का परिवर्तन केवल एक जिले के विकास की कहानी नहीं है, बल्कि देश में समान विकास के भविष्य के लिए एक परिकल्पना है।

सत्य एवं न्याय के साथ खड़े रहना ही मूल भारतीय संस्कृति है जिला मंत्री राजेश तिवारी

सत्य एवं न्याय के साथ खड़े रहना ही मूल भारतीय संस्कृति है जिला मंत्री राजेश तिवारी

।। भारत की असली पहचान यहाँ के सन्त,ऋषि मुनियों से है। सत्य,पुण्य एवं न्याय में ही रचे बसे यहाँ के संस्कारी रीतियों से है ।। प्रयागराज। सत्य एवं न्याय के साथ खड़े रहना ही मूल भारतीय संस्कृति है यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने समाजसेवी अजय कुमार सिंह(अज्जू भैया) से उनके निज निवास ओनउर मेजा प्रयागराज में कही।संज्ञानित कराते चले कि जिला मंत्री का मेजा तहसील के ओनउर ग्राम पंचायत से बहुत ही गहरा लगाव है क्योंकि जिला मंत्री पूर्व समय में जब भी गंगापार भदोही जिले की ओर जाया करते थे तो इसी ग्राम पंचायत से नाव के सहारे उसपार एवं इसपार आया जाया करते थे जिस कारण जिला मंत्री को इस ग्राम पंचायत के अत्याधिक गणमान्य जनों से जान पहचान है।जिला मंत्री इधर औंता महावीर के दर्शन हेतु हेतु पधारे थे।उसी दरमियान समीप होने पर ओनउर ग्राम पंचायत पहुँच गए और अपने अत्यधिक प्रियजनों को एक ही जगह बुलाकर एक शिष्टाचार भेंटवार्ता की।जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि सत्य एवं न्याय के साथ खड़े रहना ही मूल भारतीय संस्कृति है क्योंकि अपने देश समूचे विश्व में पहचान यहाँ के प्राचीन पौराणिक परम्पराओं से है और यहाँ कि प्राचीन पौराणिक परम्पराएं सब सत्य एवं न्याय पर आधारित हैं जिस कारण अपने भारत देश की वास्तविक पहचान एवं इसकी मूल संस्कृति सत्य एवं न्याय से जानी जाती है।जिला मंत्री ने आगे यह भी कहा कि आज करीब बीस वर्षों बाद अपने प्रियजनों से मिलकर बड़ी प्रसन्नता हुई और सभी को विषम से विषम परिस्थिति होने पर भी सदैव सत्य एवं न्याय के साथ खड़े रहने पर जोर दिया ताकि हमारे देश का गौरव सदैव विश्व में प्रख्यापित रहे।जिला मंत्री ने आगे यह भी व्यक्तव्य कहा कि भारत की असली पहचान यहाँ के सन्त,ऋषि मुनियों से है,सत्य,पुण्य एवं न्याय में ही रचे बसे यहाँ के संस्कारी रीतियों से है।इस अवसर समाजसेवी अजय कुमार सिंह(अज्जू भैया) ने कहा कि जिला मंत्री का सम्पूर्ण जीवन ही सत्य एवं न्याय के प्रति समर्पित है और यह हमारे मेजा प्रयागराज का गौरव है जो ऐसे महान विभूति का जन्म हमारे क्षेत्र में हुआ।जिला मंत्री बचपन से लेकर आजतक ठीक उसी धारा में प्रवाहित हो रहे हैं जो जाकर सत्य एवं न्याय पर रुकती है।इस साहित्यिक एवं देश गौरव की वार्ता के दौरान शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय शिक्षाविद जोखू लाल पटेल,आलोक गुप्ता एवं संतोष निषाद सहित ग्राम पंचायत के बहुतायत लोग मौजूद रहे।

पी.एम् श्री. स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय कालूखेड़ा कक्षा 9 वी एवम 11 वी लेटरल एंट्री प्रवेश परीक्षा-2025- 26 हेतु ऑनलाइन पंजीयन 30 अक्टूबर तक

पी.एम् श्री. स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय कालूखेड़ा कक्षा 9 वी एवम 11 वी लेटरल एंट्री प्रवेश परीक्षा-2025- 26 हेतु ऑनलाइन पंजीयन 30 अक्टूबर तक

हेमंत सिंह देवड़ा प्रहलाद पंवार दिव्य गौरव पिपलोदा तहसील पी.एम् श्री. स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय कालूखेडा, रतलाम शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा संचालित सह शैक्षिक आवासीय संस्था है, यहाँ छात्र छात्राओं को उत्तम शिक्षा, भोजन और आवासीय व्यवस्था उपलब्ध है। छात्राओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए शिक्षा निःशुल्क है , जबकि सामान्य और अन्य पिछाडा वर्ग के छात्रो से 600/- प्रतिमाह और शासकीय सेवारथ कर्मचारियों (माता अथवा पिता) के छात्रो से 1500/- प्रतिमाह नवोदय विकास निधि के रूप में शुल्क लिया जाता है | इस विद्यालय में रतलाम जिले के पिपलोदा, रतलाम एवं सैलाना विकास खंडो के अभ्यर्थी 1 अक्टूबर 2024 से नवोदय विद्यालय समिति की वेबसाईट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर, 2024 है। इसकी परीक्षा 08 फरवरी, 2025 को आयोजित की जायेगी। नवोदय प्राचार्य एसएन पुरवार ने बताया की नवमी कक्षा के लिए अभ्यर्थी का जन्म 1 मई 2010 से 31 जुलाई 2012 के बीच और ग्यारहवीं कक्षा के लिए अभ्यर्थी का जन्म 1 जून 2008 से 31 जुलाई 2010 के बीच होना जरुरी है। साथ ही अभ्यर्थी का रतलाम जिले के पिपलोदा, रतलाम एवं सैलाना ब्लाक के विद्यालयों में अध्ययनरत एवं निवासी होना आवश्यक है ।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा छतरपुर में ‘‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा‘‘ में हुए शामिल

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा छतरपुर में ‘‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा‘‘ में हुए शामिल

भोपाल, 21/11/2024। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा श्रीश्री 1008 श्री बागेश्वर धाम महाराज जी की ‘‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा‘‘ में शामिल हुए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा छतरपुर जिले के ग्राम बसारी में पदयात्रा में शामिल हुए और ग्राम कदारी तक पदयात्रियों के साथ चले। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने पदयात्रा के दौरान कहा कि सनातन हिंदू एकता पदयात्रा सामाजिक समरसता के साथ सनातन को ताकत देने का कार्य करेगी। हिंदू समाज के साधु-संतों ने हमेशा ही समाज को सही दिशा दिखाने व सनातन की रक्षा का कार्य किया है। संत ही समाज के सच्चे पथ प्रदर्शक हैं। संतों के आशीर्वचन से ही संस्कृति की जीवंतता बनी रहने के साथ सुसंस्कृत समाज की स्थापना हो सकती है। इस तरह की यात्राएं सनातन को मजबूत करने के साथ भारत को विश्व गुरू बनाने और देश को परम वैभव पर ले जाने का कार्य करेंगी। संतों ने करोड़ों लोगों को आध्यात्मिकता से जोड़ने का कार्य किया भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि संत समाज ने करोड़ों लोगों को आध्यात्मिकता से जोड़ने का कार्य किया। ज्ञान की अविरल धारा बहाकर करोड़ों लोगों को आध्यात्मिक रूख की तरफ मोड़ने में साधु समाज की भूमिका अहम है। सच्चे संत जाति, धर्म, मत, पंथ, सम्प्रदाय आदि दायरों से परे होते हैं। ऐसे संतों का जहां भी अवतरण हुआ है वहां भारतीय संस्कृति के वैदिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार होकर समाज में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। प्रधानमंत्री जी सनातन की धर्म ध्वजा वैश्विक स्तर पर फहराने का कार्य कर रहे हैं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि ‘‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा‘‘ सामाजिक समरसता के साथ सनातन को ताकत देने का कार्य करेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सनातन मान्यताओं, परंपराओं को ताकत देने का कार्य किया जा रहा है। अयोध्या में भगवान रामलला मुस्कुरा रहे हैं। काशी और महाकाल में भव्य कॉरिडोर के साथ धर्मस्थलों को पुराना वैभव दिलाने के लिए भाजपा सरकारें लगातार कार्य कर रही हैं। श्री नरेन्द्र मोदी जी वैश्विक स्तर पर सनातन की धर्म ध्वजा को फहराने का कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रदेश शासन के मंत्री श्री दिलीप अहिरवार, पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक श्रीमती ललिता यादव, जिला अध्यक्ष श्री चंद्रभान सिंह गौतम, विधायक श्री राजेश बबलू शुक्ला, श्री अरविंद पटेरिया, पूर्व विधायक श्री प्रद्युम्न सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष श्री मलखान सिंह उपस्थित रहे। (आशीष उषा अग्रवाल) प्रदेश मीडिया प्रभारी

बाल विवाह मुक्ति बेटियों को खुला आसमान देगा

बाल विवाह मुक्ति बेटियों को खुला आसमान देगा

- ललित गर्ग - देश में बाल विवाह की प्रथा को रोकने, बढ़ते बाल-विवाह से प्रभावित बच्चों के जीवन को इन त्रासद परम्परागत रूढ़ियों की बेड़ियों से मुक्ति दिलाने के लिये सरकार ने बाल-विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करके एक सराहनीय एवं स्वागतयोग्य उपक्रम से हिम्मत और बदलाव की मिसाल कायम की है। यह एक शुभ संकेत एवं श्रेयस्कर जीवन की दिशा है। यह किसी समाज के लिये बेहद नकारात्मक टिप्पणी है कि सदियों के प्रयास के बावजूद वहां बाल विवाह की कुप्रथा विद्यमान है। यहां यह विचारणीय तथ्य है कि समाज में ऐसी प्रतिगामी सोच क्यों पनपती है? क्यों लोग परंपराओं के खूंटे से बंधकर अपने मासूस बच्चों एवं बचपन से खिलवाड़ करते हैं? हमें यह भी सोचना होगा कि कानून की कसौटी पर अस्वीकार्य होने के बावजूद बाल विवाह की परंपरा क्यों जारी है? ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत दूरगामी मानवीय सोच से जुड़ा एक संवेदनशील आह्वान एक नई सुबह की आहट एवं क्रांति के विस्फोट की संभावना है। यह अभियान सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक संकल्प है, एक रोशनी है, एक मंजिल है, एक सकारात्मक दिशा है। एक वादा है देशभर में बाल विवाह पर जागरूकता फैलाने और समाप्त करने का। यह नये भारत-सशक्त भारत की बुनियाद है। बाल विवाह रोकने के तमाम कार्यों, योजनाओं और कानूनों के बावजूद अगर कामयाबी नहीं मिल रही है, तो जाहिर है, एक विशेष अभियान छेड़कर केन्द्र सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है। यह राष्ट्रीय अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 22 जनवरी, 2015 को शुरू की गई प्रमुख योजना ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की सफलता से प्रेरित है, जो विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए लड़कियों के बीच शिक्षा, कौशल, उद्यम और उद्यमिता को बढ़ावा देने एवं बेटियों की आशाओं, आकांक्षाओं, संकल्पों से भरे सपनों की उड़ान को खुला आसमान देने में सक्षम होगा। यह सुखद बात है कि बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के लिए सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 2029 तब बाल विवाह की दर को पांच प्रतिशत से नीचे लाने के मकसद से विशेष कार्य योजना बनाने का आग्रह किया है। यह बचपन की मासूमियत छीनने वाली ‘बालविवाह’ की बेड़ियों को तोड़ते हुए जागृति का एक शंखनाद किया है, एक समाज-क्रांति के बीज को रोपा गया है। सभी जानते हैं कि कम आयु के बच्चे अपने भविष्य के जीवन के बारे में परिपक्व फैसला लेने में सक्षम नहीं होते। साथ ही वे इस स्थिति में भी नहीं होते कि उनके जीवन पर थोपे जा रहे फैसले का मुखर विरोध कर सकें। उनके सामने आर्थिक स्वावलंबन का भी प्रश्न होता है। लेकिन अभिभावक क्यों इस मामले में दूरदृष्टि नहीं रखते? सही मायने में बाल विवाह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ही है। इसीलिये बाल-विवाह पर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि कानून परंपराओं से ऊपर है। कोर्ट का कथन तार्किक है कि जिन बच्चों की कम उम्र में शादी करा दी जाती है क्या वे इस मामले में तार्किक व परिपक्व सोच रखते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा भी है कि यह समय की मांग है कि इस कानून को लागू करने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाए। इस बाबत उन समुदायों व धर्मों के लोगों को बताया जाना चाहिए कि बाल विवाह कराया जाना एक आत्मघाती कदम है। यह समझना कठिन नहीं है कि कम उम्र में विवाह कालांतर जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य के लिये भी घातक साबित होता है। उनकी पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती और वे अपनी आकांक्षाओं का कैरियर भी नहीं बना सकते। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का कथन इस सामाजिक बुराई के उन्मूलन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है। केंद्रीय मंत्री ने उचित ही कहा है कि बाल विवाह मानवधिकारों का उल्लंघन और कानून के तहत अपराध है। अच्छी बात है, सरकार ने अब एक तरह से मान लिया है कि कानून को जितना काम करना था, उसने किया इसके आगे अब विशेष अभियान की जरूरत है। बाल विवाह को रोकने के लिए अकेले कानून के भरोसे न बैठते हुए ठोस जागृति-अभियान की अपेक्षा है। अब सरकार ने इस सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिये कमर कसी है, तो उसका स्वागत होना चाहिए एवं इस अभियान को व्यापक रूप देना चाहिए। बाल विवाह की कुरीति को देश में व्यापकता से देखने को मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह मानवाधिकार उल्लंघन का सबसे खराब स्वरूप है। ठोस प्रयासों के बावजूद आज भी लगभग पांच में से एक लड़की का विवाह विधि सम्मत आयु 18 वर्ष से पहले कर दिया जाता है। किसी शहर में अगर एक विवाह सत्र में 1000 शादियां होती हैं, तो उनमें से 200 शादियों में दुल्हन की उम्र शादी लायक वैध नहीं होती। बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को यह भी बताया कि पिछले एक साल में लगभग दो लाख बाल विवाह रोके गए हैं। मतलब, सामाजिक संस्थाएं और पुलिस काम तो कर रही हैं, पर मंजिल अभी दूर है। बाल विवाह की सर्वाधिक संख्या पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, राजस्थान, बिहार, झारखण्ड, असम और आंध्रप्रदेश में है। देश में 300 ऐसे जिले हैं, जहां बाल विवाह की दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। ऐसा लग रहा है, लोग बेटियों का जीवन तो बचा रहे हैं, प्राथमिक शिक्षा भी देने लगे हैं, पर उन्हें अधिक पढ़ाने और आगे बढ़ाने पर उनका ध्यान नहीं है। बेटियों की जब कम उम्र में शादी होती हैं तो श्रम बल के रूप में न केवल उनकी उत्पादकता, बल्कि देश की क्षमता पर भी असर पड़ता है। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ की भविष्य दृष्टि से प्रेरित नये समाज की संरचना का दूरगामी प्रकल्प है। बच्चों पर बाल विवाह थोपना उनके अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने की स्वतंत्र इच्छा का भी दमन है। भले ही मजबूरी में वे इस थोपे हुए विवाह के लिये राजी हो जाएं, लेकिन उसकी कसक जीवन पर्यंत बनी रहती है। जो उनके स्वाभाविक विकास में एक बड़ी बाधा बन जाता है। निश्चय ही इस बाबत बदलाव लाने के लिये कानून में जरूरी बदलाव लाने के साथ ही समाज में जागरूकता लाने की भी जरूरत है। इन सब दृष्टियों से यह अभियान सदियों से चली आ रही इस त्रासद परम्परा से मुक्ति का माध्यम बनेगा। पढ़ी-लिखी लड़की अगर विवाह-योग्य उम्र से ब्याही जाए, तो वह परिवार और समाज के लिए उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है। कम उम्र में विवाह से न केवल संतानों की गुणवत्ता बल्कि परिवार की आर्थिक, सामाजिक और मनावैज्ञानिक क्षमता पर भी असर पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि बाल विवाह दर में सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक गिरावट दक्षिण एशियाई देशों में देखी गई है, जिसमें भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नए अभियान के अन्तर्गत इस परम्परागत विसंगति एवं विडम्बना को दूर करने के लिये व्यापक प्रयत्न किये जायेंगे। प्रारंभिक कार्ययोजना के अन्तर्गत बाल विवाह रोकने के लिए बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल का भी शुभारंभ किया गया है। इस पोर्टल के जरिये बाल विवाह के विरोध में जागरूकता बढ़ाई जाएगी, बाल विवाह की शिकायत भी यहां दर्ज कराई जा सकती है एवं कार्य प्रगति की निगरानी भी की जाएगी। इस पोर्टल को सही ढंग से चलाया गया, गांवों और पंचायतों से जोड़ लिया गया, तो इसके सकारात्मक परिणाम आ सकते है। बाल विवाह मुक्त अभियान देश भर में युवा लड़कियों के सशक्तिकरण के सरकार के प्रयासों का प्रमाण है। यह प्रगतिशील और समतापूर्ण समाज सुनिश्चित कर हर बच्चे की क्षमता को पूर्णता से साकार करेगा। इस अभियान का संदेश 25 करोड़ नागरिकों तक पहुंचने की उम्मीद है। यह निर्विवाद है कि देश को विकसित बनाने के लिए महिलाओं की पूरी शक्ति का उपयोग जरूरी है और महिला शक्ति बढ़ाने के लिए बाल विवाह को रोकना ही होगा। आज सामाजिक सोच एवं ढांचे में परिवर्तन लाने की शुरुआत हो गयी है, इसमें सृजनशील सामाजिक संस्थाओं का योगदान भी महत्वपूर्ण होगा। आवश्यकता है वे अपने सम्पूर्ण दायित्व के साथ आगे आये। अंधेरे को कोसने से बेहतर है, हम एक मोमबत्ती जलाएं। प्रेषकः (ललित गर्ग)

शीतकालीन चारधाम यात्रा पूर्ण कर काशी पधार रहे हैं शंकराचार्य जी महाराज

शीतकालीन चारधाम यात्रा पूर्ण कर काशी पधार रहे हैं शंकराचार्य जी महाराज

दैनिक दिव्य गौरव नरसिंहपुर गोविन्द दुबे।। वाराणसी,22.12.24 उत्तराखंड में चारधाम शीतकालीन यात्रा पूर्ण कर दो दिवसीय प्रवास पर 24,25 दिसम्बर को काशी पधार रहे हैं परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज।शंकराचार्य जी महाराज के काशी आगमन पर संत व भक्तगण पुष्पवर्षा व जयघोष के साथ उनका स्वागत व वंदन करेंगे। उक्त जानकारी देते हुए परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि शीतकाल में बद्रीनाथ,केदारनाथ धाम का कपाट बंद होने के बाद भी भगवान बद्रीविशाल,भगवान केदारनाथ का पूजन बंद नही होता बस स्थान परिवर्तित हो जाता है।और शीतकाल में चारधाम यात्रा से और अधिक पुण्यलाभ होता है।इसी बात को समस्त सनातनियों को बताने व दर्शन,पूजन हेतु परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज ने पिछले वर्ष से शीतकालीन यात्रा प्रारम्भ की है।महाराज जी के इस यात्रा से लोगों को शीतकालीन चारधाम यात्रा के दर्शन पूजन से होने वाले पुण्य की जानकारी तो प्राप्त ही हो रही है।साथ ही उत्तराखंड सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति हो रही है। महाराजश्री के आगमन पर श्रीविद्यामठ में वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य उनके चरण पादुका का पूजन भी करेंगे।महाराजश्री के प्रवास के दौरान विविध धार्मिक व मांगलिक अनुष्ठान संपन्न होंगे। प्रेषक संजय पाण्डेय-मीडिया प्रभारी। परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज

धर्म बांटने की नहीं, जोड़ने की जीवन पद्धति है

धर्म बांटने की नहीं, जोड़ने की जीवन पद्धति है

 ललित गर्ग  विश्व धर्म दिवस हर साल जनवरी के तीसरे रविवार यानी इस वर्ष 19 जनवरी को मनाया जा रहा है। यह दिन दुनिया के सभी धर्मों की विविधता और संस्कृति का जश्न मनाने का दिन है। इस दिन को मनाने का मकसद, धर्मों के बीच समझ, सौहार्द और शांति को बढ़ाना है क्योंकि धर्म दीप नहीं, चिराग नहीं, बिजली नहीं, बल्कि यह सूर्य है और उसी की भांति यह बिना किसी भेदभाव के सबको आलोक एवं मंगल बांटता है। धर्म जीवन का अभिन्न अंग है, तत्व है। इसके अस्तित्व को नकारने का अर्थ है स्वयं के अस्तित्व को नकारना। दुनिया में असंख्य लोग जिस सबसे गहरी श्रद्धा के साथ जिसे पूजते हैं, वह धर्म है। धर्म ही कामधेनु है, धर्म ही कल्पतरु है। जिसने धर्म को सही रूप में स्वीकार कर लिया, समझ लीजिये कि उसने जीवन की सर्वोच्च निधि को प्राप्त कर लिया। धर्म की इसी महत्ता के कारण विश्व धर्म दिवस की शुरुआत साल 1950 में संयुक्त राज्य अमेरिका के बहाईयों की राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा ने की थी। बहाई धर्म के अनुयायियों का मानना है कि सभी धर्मों में समान विशेषताएं हैं और उनका समान रूप से सम्मान किया जाना चाहिए। प्रारंभ में एक बहाई अनुष्ठान के रूप में विश्व धर्म दिवस धर्म की एकता और प्रगतिशील रहस्योद्घाटन के बहाई सिद्धांतों से प्रेरित था, जो धर्म को मानवता के इतिहास में निरंतर विकसित होने के रूप में वर्णित करता है। यह उन विचारों को उजागर करके इन सिद्धांतों को बढ़ावा देता है कि दुनिया के धर्मों में अंतर्निहित आध्यात्मिक सिद्धांत सामंजस्यपूर्ण हैं और धर्म मानवता को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज इस दिवस की सर्वाधिक प्रासंगिकता एवं उपयोगिता है। आज की दुनिया में, जहाँ सांस्कृतिक और धार्मिक तनाव अक्सर सुर्खियों में छाए रहते हैं, विश्व धर्म दिवस का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि हमारे मतभेदों के बावजूद, हम एक समान मानवता, शांति और कल्याण की सार्वभौमिक इच्छा साझा करते हैं। अंतर-धार्मिक संवाद के माध्यम से, हम एक-दूसरे की मान्यताओं और परंपराओं के बारे में जान सकते हैं, गलतफहमियों को दूर कर सकते हैं और आपसी समझ के पुल बना सकते हैं। इससे सहिष्णुता, सम्मान और सहयोग को बढ़ावा मिलता है, जो अंततः एक अधिक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण दुनिया का मार्ग प्रशस्त करता है। भारतीय संस्कृति की आत्मा धर्म है। यही कारण है कि यहां अनेक धर्म पल्लवित एवं पुष्पित हुए हैं। सबने अपने-अपने ढंग से धर्म की व्याख्या की है। सुप्रसिद्ध लेखक लार्ड मोर्ले ने लिखा है, ‘‘आज तक धर्म की लगभग दस हजार परिभाषाएं हो चुकी हैं, पर उनमें भी जैन, बौद्ध आदि कितने ही धर्म इन व्याख्याओं से बाहर रह जाते हैं।’’ लार्ड मोर्ले की इस बात से यह चिंतन उभर कर सामने आता है कि ये सब परिभाषाएं धर्म-सम्प्रदाय की हुई है, धर्म की नहीं। सम्प्रदाय अनेक हो सकते हैं, पर उनमें निहित धर्म का संदेश सबका एक है। पंथ, संप्रदाय या वर्ग तक ही धर्म को सीमित नहीं किया जा सकता। धर्म बहुत व्यापक है। धर्म न तो पंथ, मत, संप्रदाय मंदिर या मस्जिद में है और न धर्म के नाम पर पुकारी जाने वाली पुस्तकें ही धर्म है। धर्म तो सत्य, करूणा और अहिंसा है। आत्मशुद्धि का साधन है। जीवन परिवर्तन एवं उसे सकारात्मक दिशा देने का माध्यम है। जिन लोगों ने सामाजिक सहयोग को धर्म का ताना-बाना पहना दिया है, किसी को भोजन देना, वस्त्र की कमी में सहायता प्रदान करना, रोग आदि का उपचार करना अध्यात्म धर्म नहीं, किन्तु पारस्परिक सहयोग है, लौकिक धर्म है। इनदिनों प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ, भारतीय धर्म और संस्कृति का प्रतीक है जो दुनिया को एकजुट करने का सशक्त माध्यम है। यह दुनिया भर में सनातन धर्म की महत्ता को दिखाता है। महाकुंभ में शामिल होने से आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं और पाप धुल जाते हैं। यह सनातन धर्म का सबसे अहम और पवित्र आयोजन है जिसमें शामिल होने से मोक्ष मिलता है, आत्मा की शुद्धि होती है। कुंभ हो या हज यात्रा या फिर क्रिश्चयन समुदाय का वेटिकन मास, धर्म की पुकार सदियों से इंसानों को एक स्थान पर खींचती आई है। हर सभ्यता में मनुष्य एक तय समय पर अपने ही जैसे विश्वास के लोगों से मिलता है और धार्मिक अनुष्ठान कर एक बेहतर दुनिया एवं जिंदगी की कामना करता है। धर्म और आस्था की डोरी सदियों से मानवों को अपनी ओर खींचती आई है। धर्म का भाव, मुक्ति की कामना लाखों लोगों को एक सूत्र में पिरोती है। इसलिए ऐसी गतिविधियों में मनुष्य बिना बुलाये ही भारी संख्या में जमा हो जाता है। दुनिया में हर स्थान पर धार्मिक क्रियाओं के लिए हर कोने में एक निश्चित जगह पर लाखों-करोड़ों लोग जमा होते हैं। सनातन, बहाई, इस्लाम, ईसाइयत हर धर्म के लोग अपनी परंपरा को मनाने के लिए एक निश्चित स्थान पर जमा होते हैं। मान्यता है कि सनातन में कुंभ की परंपरा लगभग 2500 साल से ज्यादा समय से चलती आ रही है, इस्लाम के मानने वाले लगभग 1400 सालों से हज पर जाते रहे हैं जबकि क्रिश्चयन समुदाय के लोग 1700 सालों से ईस्टर संडे मनाते आ रहे हैं। वेटिकन मास का आयोजन भी सालों से होता आ रहा है। धर्म जीवन का रूपान्तरण करता है। पर जिनमें धर्म से परिवर्तन घटित नहीं होता उन धार्मिकों ने शायद धर्म के वास्तविक स्वरूप को आत्मसात नहीं किया है। उन धार्मिकों से हैरान हो जाना चाहिए जो वर्षों से धर्म करते आ रहे हैं, किंतु जीवन में परिवर्तन नहीं आ रहा है। धार्मिक की सबसे बड़ी पहचान है कि वह प्रेम और करुणा से भरा होता है। धार्मिक होकर भी व्यक्ति लड़ाई, झगड़े, दंगे-फसाद करे, यह देखकर आश्चर्य होता है। धार्मिक अधर्म से लड़े, असत्य से लड़े, बुराई से लड़े यह तो समझ में आता है, किन्तु एक धार्मिक दूसरे धार्मिक से लड़े, यह दुख का विषय है। धार्मिक होने की पहली प्राथमिकता है नैतिकता। धार्मिक होकर यदि व्यक्ति नैतिक नहीं है तो यह धर्म के क्षेत्र का सबसे बड़ा विरोधाभास है। आज देश की लगभग -एक अरब पचास करोड़ की आबादी में -सौ करोड़ जनता धार्मिक मिल सकती है पर जहां तक ईमानदारी एवं नैतिकता का प्रश्न है, -दो करोड़ भी संभव नहीं है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि बेईमान धार्मिकों की संख्या अधिक है। एक धार्मिक कहलाने वाला व्यक्ति चरित्रहीन हो, हिंसा पर उतारू हो, आक्रांता हो, धोखाधड़ी करनेवाला हो, छुआछूत में उलझा हुआ हो, भ्रष्टाचार करता हो, दहेज के नाम पर बालिकाओं का उत्पीड़न करता हो और भी अनेक अनैतिक आचरण करता हो, क्या वह धार्मिक कहलाने का अधिकारी है? पुत्र, पत्नी, परिवार, पैसा, पद-प्रतिष्ठा इनके पीछे आम आदमी जहां पागल बना दौड़ रहा है, वहां इस सचाई को भी नकारा नहीं जा सकता कि इन सबसे ऊपर की चीज सुख-शांति का रास्ता अजाना-अचीन्हा मार्ग धर्म है। धर्म शून्य व्यक्ति बाहर से सब कुछ पाकर भी अंतस् में रिक्तता का अनुभव करता है। धार्मिक व्यक्ति वस्तु जगत की न्यूनता को भी आंतरिक संपदा के कारण पूर्णता में बदल देता है। क्योंकि वह जानता है पदार्थ सापेक्ष सुख अस्थायी है। धार्मिक आस्था और सम्यक् आचरण से होने वाली सुखानुभूति स्थायी होती है। भारतीय मनीषा में धर्म केवल ईश्वरीय आस्था ही नहीं है, वह वैश्विक व्यवस्था है। सृष्टि का सार्वभौम, सर्वकालिक नियम है। जीवन पद्धति है। धर्म मजहबी विश्वास या बंधन नहीं है। वह आंतरिक प्रकाश है, ज्ञान और आनंदमयी चेतना का स्पंदन है। धर्म वह आचार-संहिता है, जिसमें सर्वोदय-सबका अभ्युदय, सबका विकास निहित है। इसलिये विश्व धर्म दिवस मनाते हुए हमें धर्म के वास्तविक स्वरूप को अंगीकार करना चाहिए। धर्म मनुष्यता का मंत्र है, उन्नति का तंत्र है। पशुता को मनुजता में रूपांतरित करने का यंत्र है। धर्म एक मर्यादा है, वह जीवन को मर्यादित करता है। व्यक्ति और समाज की उच्छृंखल वृत्तियों-प्रवृत्तियों का नियमन करता है। धर्म सम्मत जीवन वह है, जहां मनुष्य किसी भी प्राणी को हानि पहुंचाएं बिना नैतिक समाज में अपनी मिसाल खड़ी कर सके। बिना किसी को कष्ट दिए, स्वयं सत्कर्म में लगा रहे। क्योंकि धर्म उत्कृष्ट मंगल है-समस्त विघ्न, बाधाओं, कष्टों का निवारक, सिद्धिदायक, यह विश्वशांति का अमोघ साधन है। प्रेषकः (ललित गर्ग)

निगम द्वारा सड़कों आदि पर स्वतंत्र  विचरण करने  वाले 21 पषु कांजी हाउस भेजने की  कार्यवाही की

निगम द्वारा सड़कों आदि पर स्वतंत्र विचरण करने वाले 21 पषु कांजी हाउस भेजने की कार्यवाही की

भोपाल, 22 अक्टूबर 2024 नगर निगम द्वारा सड़कांे एवं सार्वजनिक स्थलों पर विचरण करने वाले आवारा पषुओं को पकड़कर कांजी हाउसों भेजने की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। इसी तारतम्य में निगम के गौवर्धन परियोजना -रु39यााखा के अमले ने मंगलवार को सीएम हेल्पलाईन सहित अन्य माध्यमों से प्राप्त षिकायतों पर कार्यवाही के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में स्वतंत्र विचरण करने वाले 215 पषुओं को पकड़कर कांजी हाउस में भेजा साथ ही 22 प-रु39याुओं को समर्धा गौ-रु39यााला भेजने की कार्यवाही की। निगम आयुक्त श्री हरेन्द्र नारायन के निर्देष पर निगम की गौवर्धन -रु39यााखा ने कटारा हिल्स कोलार रोड रतनपुर सड़क करोद जेल रोड एवं नारियल खेड़ा अ-रु39याोका गार्डन लाल घाटी एयरपोर्ट सहित अन्य स्थानों पर स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहे 21 पषुओं को पकड़कर कांजी हाउसों में भेजा साथ ही 22 प-रु39याुओं को -रु39यााहजहांनाबाद कांजी हाउस से समर्धा गौ-रु39यााला भेजने की कार्यवाही की।

गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर दूध तलाई गुरुद्वारा मे दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर दूध तलाई गुरुद्वारा मे दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुद्वारा साहिब उज्जैन में गुरु अरदास में सम्मिलित हुए मुख्यमन्त्री डॉ. यादव का सिख समाज ने किया सम्मान और अभिनंदन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार सुबह दूध तलाई स्थित गुरुद्वारा साहिब पहुंचे और निशान साहिब सेवा में सम्मिलित हुए, इस अवसर पर सिख समाज के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यहां गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष माथा ठेका और गुरु अरदास में सम्मिलित हुए। गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की वीरता को स्कूल शिक्षा पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने पर सिख समाज ने मुख्यमंत्री का आभार माना। इस अवसर पर सरोपा भेंट कर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का सम्मान और अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार सुबह दूध तलाई स्थित गुरुद्वारे में पहुंचे। यहां उन्होंने अरदास में भाग लिया। इस दौरान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पगड़ी बांधकर स्वागत किया। सिख समाज ने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री का आभार माना और उनके गौरवमय कार्यकाल के लिए प्रार्थना की। इस दौरान सिख समाज के सुरेंद्र सिंह अरोड़ा, ग्रंथी चरण सिंह गिल, इकबाल सिंह गांधी, सभापति श्रीमति कलावती दीदी, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन में मैराथन को दिखाई हरी झंडी मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रविवार को सुबह मुंगी चौराहा उज्जैन से मैराथन "गुड फॉर हेल्थ" को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम सब प्रण ले कि सुबह-सुबह भ्रमण अवश्य करें और योग करें, जिससे जीवन में आनंद बढ़ता है और स्वस्थ जीवन से बड़ा कोई आनंद नहीं होता है। स्वस्थ जीवन ही सबसे बड़ा सुख है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन की जनता को आने वाले मकर सक्रांति पर्व की बधाई और शुभकामना दी। विधायक श्री अनिल जैन कालूहेडा, सभापति श्रीमती कलावती देवी जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।