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विकसित मध्यप्रदेश की ओर एक और कदम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत श्रीअन्न एवं फल किये दान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पेरिस पैरालंपिक-2024 में भारतीय खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रर्दशन पर दी बधाई

मनोरंजन खबरे

केदार क्षेत्र के शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में कल गोपाष्टमी दिनाङ्क 9 नवम्बर 2024 ई. को मध्याह्न 12  बजे परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती 1008 जी महाराज की पत्रकारवार्ता आहूत की गई है।

केदार क्षेत्र के शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में कल गोपाष्टमी दिनाङ्क 9 नवम्बर 2024 ई. को मध्याह्न 12 बजे परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती 1008 जी महाराज की पत्रकारवार्ता आहूत की गई है।

दैनिक दिव्य गौरव नरसिंहपुर गोविन्द दुबे।। इस दौरान पूज्यपाद महाराजश्री सभी प्रदेशों में गौप्रतिनिधियों को गौध्वज स्थापना हेतु रवाना करेंगे। समस्त सम्मानित पत्रकारबन्धुओं से सादर अनुरोध है कि उक्त पत्रकार वार्ता में कृपया समय से पधारें। प्रेषक संजय पाण्डेय-मीडिया प्रभारी। परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज

महिदपुर नगर में 100 वे मंगलवार पर श्री हनुमान चालीसा पाठ असाड़ी गली में संपन्न हुआ

महिदपुर नगर में 100 वे मंगलवार पर श्री हनुमान चालीसा पाठ असाड़ी गली में संपन्न हुआ

उज्जैन महिदपुर दैनिक दिव्य गौरव(राज कछवाय) महिदपुर जन जागरण एवं सामाजिक समरसता ,सनातनी संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु विगत वर्षों से प्रति मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जागरण टोली के माध्यम से संचालित श्री हनुमान चालीसा का पाठ नगर में मंगलवार को परिवारो के घर पर आयोजित किया जाता है, इसी तारतम्य में 100 वा भव्य संगीत मय श्री हनुमान चालीसा का पाठ लाभार्थी राठी परिवार के घर पर आषाढी गली में संपन्न हुआ ,इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवक संघ के माननीय जिला संघ चालक श्री हाकम सिंह डोडिया द्वारा हनुमान चालीसा के विषय के बारे में बताया की शुरुआत में शाखा टोली के माध्यम से प्रति मंगलवार को हनुमान चालीसा पाठ करने के विषय में चर्चा हुई, प्रारंभ में इसका स्वरूप बहुत छोटा था, लेकिन वर्तमान सभी समाज जनो के सहयोग से इसका स्वरूप व्यापक हो गया क्योंकि यह पाठ निशुल्क 1 घंटे की समय सीमा आयोजित किया जाता है पाठ परिवार के घर पर आयोजित होने के कारण समाज के लोग जुड़ गए ,अब यह पाठ समाज के लोगों के माध्यम से संचालित हो रहा है इसके पश्चात हनुमान चालीसा पाठ में 1 से लेकर 100 पाठ तक सक्रिय भूमिका निभाने वाले सदस्यों को सम्मानित किया गया इसमें मुख्य रूप से प्रकाश शर्मा, नारायण राव दीपक आंजना अनुराग ठक्कर ,चेतन पाठक ,वीरेंद्र सोनी भादर सिंह आदि लोगों का सम्मान किया गया कार्यक्रम में नगर के गणमान्य लोग के अलावा संगठन के पदाधिकारी डॉ रामप्रसाद पांडे ,भगवान सिंह पवार ,आशीष राठी ,विमल पाठक एवं नगर कार्यकारिणी की टोली एवं सैकड़ों को संख्या में धर्म प्रेमी लोग उपस्थिति रहे ,कार्यक्रम का संचालन अवनीश जी पंड्या एवं आभार आशीष जी राठी द्वारा व्यक्त किया गया

छठ पर्व पर सभी व्यवस्थाएं बेहतर -सजयंग  से सुनि-िरु39यचत की जाएं

छठ पर्व पर सभी व्यवस्थाएं बेहतर -सजयंग से सुनि-िरु39यचत की जाएं

भोपाल, 28 अक्टूबर 2024 महापौर श्रीमती मालती राय ने निर्दे-िरु39यात किया है कि छठ पर्व पर विभिन्न घाटों व स्थानों पर निगम द्वारा की जाने वाली सभी व्यवस्थाओं को समय से पूर्व बेहतर -सजयंग से सुनि-िरु39यचत करें। यह निर्दे-रु39या महापौर श्रीमती राय ने छठ पर्व की पूजा की तैयारियों के संबंध में आहूत निगम अधिकारियों की बैठक में दिए। बैठक में अपर आयुक्त श्री रणबीर कुमार, अधीक्षण यंत्री श्री उदित गर्ग, श्री सुबोध जैन के अलावा जलकार्य विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे। महापौर श्रीमती मालती राय ने सोमवार को आई.एस.बी.टी स्थित महापौर कार्यालय के सभाकक्ष में निगम अधिकारियों की बैठक आहूत कर छठ पर्व पर निगम द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की। महापौर श्रीमती राय ने निर्दे-िरु39यात किया कि छठ पर्व पर विभिन्न घाटों एवं अन्य पूजा स्थलों पर साफ-ंउचयसफाई, पेयजल, प्रका-रु39या आदि की समुचित व्यवस्था बेहतर -सजयंग से सुनि-िरु39यचत करें। श्रीमती राय ने निर्दे-िरु39यात किया कि छठ पूजा हेतु बनाए गए अस्थायी जला-रु39यायों आदि पर आव-रु39ययकतानुसार मरम्मत व पुताई आदि भी कराई जाए तथा छठ पूजा उपरांत पूजन सामग्री नि-ुनवजयपादन, साफ-ंउचयसफाई की व्यवस्था भी सुनि-िरु39यचत की जाए।

श्री कृष्ण गौशाला समसवाड़ा गोपाष्टमी के पावन पर्व पर किया गया हवन पूजन का आयोजन*

श्री कृष्ण गौशाला समसवाड़ा गोपाष्टमी के पावन पर्व पर किया गया हवन पूजन का आयोजन*

बिछुआ न्यूज:- बिछुआ विधानसभा चौरई विकासखंड अंतर्गत ग्राम समसवाड़ा स्थित श्री कृष्ण गौशाला मैं आज गोपाष्टमी के पावन पर गौशाला संचालक के द्वारा गौ माता की पूजा पाठ कर यज्ञ हवन आहुति का आयोजन किया गया इस आयोजन में साईं प्रसाद स्व सहायता समूह के सदस्यों के द्वारा विधि विधान के साथ गौ माता की पूजा एवं हवन आहुति का कार्यक्रम किया गया जिसमें मध्य प्रदेश मीडिया संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गया प्रसाद सोनी, चौरई मीडिया संगठन अध्यक्ष अजीत पांडे ,वरिष्ठ पत्रकार गजानन सोनी, राजेश उईके ,सुरेंद्र सोनी एवं पशु चिकित्सक डॉ आर एस सिंह समसवाड़ा क्षेत्रीय पशु चिकित्सक एवं क्षेत्र के समाजसेवी गौ प्रेमी लोग उपस्थित रहे। *मध्य प्रदेश मीडिया संगठन श्री कृष्ण गौशाला किस संचालन करता को किया सम्मानित* चौरई विकासखंड की श्री कृष्ण गौशाला सबसे शानदार गौशाला सभी प्रकार के कार्य साफ सफाई पानी की व्यवस्था भूसा एवं नेपियर घास आदि व्यवस्थाएं पूर्ण रूप से अपडेट पाई गई साईं प्रसाद महिला स्व सहायता समूह के द्वारा श्री कृष्ण गौशाला समसवाड़ा का संचालन किया जा रहा है समूह का कार्य सराहनीय पाया गया जिसके चलते मध्य प्रदेश मीडिया संगठन के द्वारा श्री कृष्ण गौशाला समसवाड़ा के संचालन करता को सम्मानित किया गया

म्यूजिक वीडियो 'मैं बच्चन का फैन' जारी

म्यूजिक वीडियो 'मैं बच्चन का फैन' जारी

तीर्थेश्वर प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित म्यूजिक वीडियो 'मैं बच्चन का फैन' को प्रोड्यूसर तीर्थानंद राव ने सदी के महानायक कहे जाने वाले अभिनेता अमिताभ बच्चन के जन्मदिन के अवसर पर तीर्थेश्वर प्रोडक्शन के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर जारी किया है जो फिलवक्त अमिताभ बच्चन के प्रशंसकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। अमिताभ बच्चन को समर्पित इस म्यूजिक वीडियो के गीत को तीर्थानंद राव ने लिखा है और मशहूर पार्श्व गायक सुदेश भोसले ने खूबसूरती से गाया है। संगीत निर्देशक अविनाश पाठक ने इस गाने को अपने मधुर संगीत से सजाया है। म्यूजिक वीडियो 'मैं बच्चन का फैन...' का निर्देशन अकरम खान ने किया है। गाने को अभिनेता ईश्वर चित्ते पर फिल्माया गया है। भविष्य में भी तीर्थेश्वर प्रोडक्शन के बैनर तले प्रोड्यूसर तीर्थानंद राव और भी कर्णप्रिय गाने बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही वो दो फीचर फिल्मों के निर्माण की दिशा में भी अग्रसर हैं। दोनों फीचर फिल्मों के लिए कास्ट एंड क्रेडिट्स की चयन प्रक्रिया वर्तमान समय में तेज गति से जारी है। प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

भौतिक ही नहीं, आध्यात्मिक रोशनी का पर्व है दीपावली

भौतिक ही नहीं, आध्यात्मिक रोशनी का पर्व है दीपावली

-ललित गर्ग- दीपावली एक समृद्धि, खुशहाली एवं रोशनी का लौकिक पर्व है। यह जितना भौतिक पर्व है, उतना ही आध्यात्मिक पर्व भी है, इसलिये यह केवल बाहरी अंधकार को ही नहीं, बल्कि भीतरी अंधकार को मिटाने का पर्व भी बने। हम भीतर में धर्म का दीप जलाकर मोह और मूर्च्छा के अंधकार को दूर कर सकते हैं। दीपावली के मौके पर सभी आमतौर से अपने घरों की साफ-सफाई, साज-सज्जा और उसे संवारने-निखारने का प्रयास करते हैं। उसी प्रकार अगर भीतर चेतना के आँगन पर जमे कर्म के कचरे को बुहारकर साफ किया जाए, उसे संयम से सजाने-संवारने का प्रयास किया जाए और उसमें आत्मा रूपी दीपक की अखंड ज्योति को प्रज्वलित कर दिया जाए तो मनुष्य शाश्वत सुख, शांति एवं आनंद को प्राप्त हो सकता है। दीपावली का सम्पूर्ण पर्व एक ऊर्जा है, एक शक्ति है, एक प्रकार की गति है। एक सत्य से दूसरे सत्य की ओर अनवरत, अनिरुद्ध गति ही दीपावली की जीवंतता है। जीवन के अनेक अनुभवों का समवाय है दीपावली। एक अनुभूति से दूसरी अनुभूति तक की यात्रा में जो दीपावली के विलक्षण एवं अद्भुत क्षणों की गति है, वही जीवन की वास्तविकता है। जीवन एक यात्रा है, सतत यात्रा। ठीक इसी तरह दीपावली भी एक यात्रा है, एक प्रस्थान है, कुछ नया पाने की, अनूठा करने की। समय बह रहा है, जीवन बीत रहा है। वर्ष पर वर्ष, माह पर माह, दिन पर दिन एवं पलों पर पल बीत रहे हैं, सांसों के घट रीत रहे हैं। इन घटती सांसों को अर्थपूर्ण बनाने, सम्पूर्णता से जी लेने एवं उपयोगी करने का पर्व है दीपावली। वृक्ष भी जीते हैं, पशु-पक्षी भी जीते हैं, परंतु वास्तविक जीवन वे ही जीते हैं, जिनका मन मनन का उपजीवी हो। मननशीलता की संपदा मानव को सहज उपलब्ध है। अपेक्षा है उसका सम्यक् उपयोग और विकास कर जीवन को सार्थक दिशा प्रदान करें। उजालों का स्वागत करें। दीपावली की रात भारत भूमि पर आसमान उतर आता है। ज्यों आकाश में तारे टिमटिमाते हैं, सो उस रात धरा पर दिए टिमटिमाते हैं। चांद से रीती इस रात का हर पक्ष उजला है। अमावस कहकर कोई याद नहीं रखता इसे। इसमें इतना उजास जो है। कहते हैं सूनी राह पर, अकेले द्वार पर, कुएं की तन्हा मेड़ पर और उजाड़ तक में दीप रखने चाहिए। कोई भूले-भटके भी कहीं किसी राह पर निकले, तो उसे अंधेरा न मिले। इस रात हरेक के लिए उजाले जुटा दिए जाते हैं। अब उजालों के इस अपूर्व एवं अलौकिक पर्व की जगर-मगर में दीपों की माटी कम और लट्टूओं वाली बिजली एवं पटाखों का प्रदूषण अधिक है। वक्त के साथ खुशियों का अहसास तो नहीं बदलता, पर उसकी आमद के जरिए अलग हो जाते हैं। दीपावली पर रोशनी का परचम बुलंद किए हौसलेमंद दिए ज्यों तम के सामने डट जाते हैं, वह एक कालजयी ऐलान है विजय का। इस विजय को पाने एवं मोह का अंधकार भगाने के लिए धर्म का दीप जलाना होगा। जहाँ धर्म का सूर्य उदित हो गया, वहाँ का अंधकार टिक नहीं सकता। एक बार अंधकार ने ब्रह्माजी से शिकायत की कि सूरज मेरा पीछा करता है। वह मुझे मिटा देना चाहता है। ब्रह्माजी ने इस बारे में सूरज को बोला तो सूरज ने कहा-मैं अंधकार को जानता तक नहीं, मिटाने की बात तो दूर, आप पहले उसे मेरे सामने उपस्थित करें। मैं उसकी शक्ल-सूरत देखना चाहता हूँ। ब्रह्माजी ने उसे सूरज के सामने आने के लिए कहा तो अंधकार बोला-मैं उसके पास कैसे आ सकता हूँ? अगर आ गया तो मेरा अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। जीवन का वास्तविक उजाला लिबास नहीं है, भोजन नहीं है, भाषा नहीं है और उसकी साधन-सुविधाएं भी नहीं हैं। वास्तविक उजाला तो मनुष्य में व्याप्त उसके आत्मिक गुणों क महक ही है, जो मानवीय बनाते हैं, जिन्हें संवेदना और करुणा के रूप में, दया, सेवा-भावना, परोपकार के रूप में हम देखते हैं। असल मंे यही गुणवत्ता उजालों की बुनियाद है, नींव हैं जिसपर खड़े होकर मनुष्य अपने जीवन को सार्थक बनाता है। जिनमें इन गुणों की उपस्थिति होती है उनकी गरिमा चिरंजीवी रहती है। समाज में उजाला फैलाने के लिये इंसान के अंदर इंसानियत होना जरूरी है। जिस तरह दीप से दीप जलता है, वैसे ही प्यार देने से प्यार बढ़ता है और समाज में प्यार और इंसानियत रूपी उजालों की आज बहुत जरूरत है। दीपों की कतारें दीपावली का शाब्दिक अर्थ ही नहीं, वास्तविक अर्थ है। कतारों के लिए निरंतरता जरूरी है। और निरंतरता के लिए नपा-तुला क्रम। दीप जब कतार में होते हैं, तो आनंद का सूचक बन जाते हैं। जैसे कोई मूक उत्सव हो- जगर-मगर उजाले का। उजालों की पंक्तियां उल्लास का द्योतक हैं। दीप होते ही प्रेरक हैं। एक बाती, अंजुरी-भर तेल और राह-भर प्रकाश। जितना सादा दीपावली का दीपक होता है, उससे सादा कुछ नहीं हो सकता। माटी ने ज्यों पक-जमकर, बाती के बीज से ज्योत पल्लवित की हो। यह विजय पताका कार्तिक अमावस्या के अंधेरे की पूरी रात दूर रखती है। दीपावली की रात को हर दीप रोशनी की लहर बनाता है, उजालों के समन्दर में अपना योगदान देता है। शेक्सपियर की चर्चित पंक्ति है- ‘अगर रोशनी पवित्रता का जीवन रक्त है तो विश्व को रोशनीमय कर दो/ जगमगा दो और इसे जी-भरकर बाहुल्यता से प्राप्त करो।’ शेक्सपियर ने यह पंक्ति चाहे जिस संदर्भ में कही हो, पर इसका उद्देश्य निश्चित ही पवित्र था और अनेक अर्थों को लिए हुए यह उक्ति सचमुच मंे जीवन व्यवहार की स्पष्टता के अधिक नजदीक है। दीपावली का पर्व और उससे जुड़े रोशनी के दर्शन का भी यह उद्घोष है। रोशनी! उत्सव का प्रतीक, खुशी के इज़हार करने का प्रतीक है, सफलता का प्रतीत है। अगर हम इस सोच को गहराई में डुबो लें तो ये सूक्तियां हमारे जीवन की रक्त धमनियां बन सकती हैं और उससे उत्तम व्यवहार की रश्मियां प्रस्फुटित हो सकती है। उन रश्मियों की निष्पत्तियां के स्वर होंगे- ”सदा दीपावली संत की आठों पहर आनन्द“, ”घट-घट दीप जले“, ”दीये की लौ सूरज से मिल जाये“। जीवन के हृास और विकास के संवादी सूत्र हैं- अंधकार और प्रकाश। अंधकार स्वभाव नहीं, विभाव है। वह प्रतीक है हमारी वैयक्तिक दुर्बलताओं का, अपाहिज सपनों और संकल्पों का। निराश, निष्क्रिय, निरुद्देश्य जीवन शैली का। स्वीकृत अर्थशून्य सोच का। जीवन मूल्यों के प्रति टूटती निष्ठा का। विधायक चिन्तन, कर्म और आचरण के अभाव का। अब तक उजालों ने ही मनुष्य को अंधेरों से मुक्ति दी है, इन्हीं उजालों के बल पर उसने ज्ञान को अनुभूत किया अर्थात सिद्धांत को व्यावहारिक जीवन में उतारा। यही कारण है कि उसकी हस्ति आजतक नहीं मिटी। उसकी दृष्टि में गुण कोरा ज्ञान नहीं है, गुण कोरा आचरण नहीं है। दोनों का समन्वय है। जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं होता वही समाज मंे आदर के योग बनता है। हम उजालों की वास्तविक पहचान करें, अपने आप को टटोलें, अपने भीतर के काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर आदि कषायों को दूर करंे और उसी मार्ग पर चलें जो मानवता का मार्ग है। हमंे समझ लेना चाहिए कि मनुष्य जीवन बहुत दुर्लभ है, वह बार-बार नहीं मिलता। समाज उसी को पूजता है जो अपने लिए नहीं दूसरों के लिए जीता है। इसी से गोस्वामी तुलसीदासजी ने कहा है-‘परहित सरिस धरम नहीं भाई’। स्मरण रहे कि यही उजालों को नमन है और यही उजाला हमारी जीवन की सार्थकता है। जो सच है, जो सही है उसे सिर्फ आंख मूंदकर मान नहीं लेना चाहिए। खुली आंखों से देखना एवं परखना भी चाहिए। प्रमाद टूटता है तब व्यक्ति में प्रतिरोधात्मक शक्ति जागती है। वह बुराइयों को विराम देता है। प्र्रेेषकः (ललित गर्ग)

उदय पैलेस होटल में दीपावली मिलन समारोह कार्यक्रम हुआ आयोजित

उदय पैलेस होटल में दीपावली मिलन समारोह कार्यक्रम हुआ आयोजित

संवाददाता गोविन्द दुबे उदयपुरा उदयपुरा /जिले के महान समाजसेवी एवं यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर देवेंद्र धाकड़ के नेतृत्व में नर्मदा शक्ति संगठन के द्वारा दीपावली मिलन समारोह का आयोजन देवेन्द्र धाकड़ के गृह निवास उदयपुरा में स्थित उनके उदय श्री पैलेस होटल में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया। जहां हजारों की तादाद में उनके चाहने वाले शामिल हुए। वहीं विशाल कवि सम्मेलन के कार्यक्रम ने इस दीपावली मिलन समारोह में चार चांद लगा दिए रायसेन सहित अन्य जिलों से आए हुए कवियों ने अपनी अपनी कविता पंक्तियों से सभी मेहमानों मन मोह लिया दीपावली मिलन समारोह कार्यक्रम रात्रि 8.00 बजे से प्रारंभ होकर देर रात्रि तक चलता रहा ज्ञात हो कि यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर देवेंद्र धाकड़ एक महान समाज सेवक भी हैं जो लगातार गरीब असहायों के लिए मसीहा बने रहते हैं धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, शिक्षा, खेल, आदि क्षेत्रों में हमेशा आगे रहते हुए उनका सहयोग रहता है इसके अलावा नर्मदा शक्ति संगठन द्वारा निरंतर गौसेवा का कार्य भी किया जा रहा है जो डॉ देवेंद्र धाकड़ के ही सानिध्य में किया जा रहा वहीं डॉक्टर देवेंद्र धाकड़ ने इंसानियत की मिसाल कोरोना महामारी के समय मानव सेवा कर के पेश की जहां लोग घरों से बाहर निकलने में डर महसूस कर रहे थे वहीं समाज सेवक डॉक्टर देवेंद्र आगे आकर लोगों की मदद कर एक वरिष्ठ समाजसेवी की मिशाल दी. वहीं दीपावली मिलन समारोह में आएं सभी मेहमानों का हृदय से आभार व्यक्त किया

मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने किया  हाईटेक  गौशाला निर्माण हेतु  भूमिपूजन

मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने किया हाईटेक गौशाला निर्माण हेतु भूमिपूजन

भोपाल, 23 नवम्बर 2024 मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने बरखेड़ी डोब में 10 हजार गायों की क्षमता वाली हाईटेक गौ-ंउचय-रु39यााला के निर्माण हेतु विधिवत भूमिपूजन किया। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री वि-रु39यवास कैला-रु39या सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृ-ुनवजयणा गौर, प-रु39याुपालन व डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल, महापौर श्रीमती मालती राय, सांसद श्री आलोक -रु39यार्मा, विधायक श्री रामे-रु39यवर -रु39यार्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रामकुंवर नवरंग गुर्जर, नगर निगम अध्यक्ष श्री कि-रु39यान सूर्यवं-रु39याी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में राज्यस्तरीय गौवर्धन पूजा समारोह में मंत्रियों, सांसदों एवं विधायकों के साथ महापौर श्रीमती मालती राय भी सम्मिलित हुई

मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में राज्यस्तरीय गौवर्धन पूजा समारोह में मंत्रियों, सांसदों एवं विधायकों के साथ महापौर श्रीमती मालती राय भी सम्मिलित हुई

भोपाल, 02 नवंबर 2024 मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में राज्यस्तरीय गौवर्धन पूजा समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने -रु39यानिवार प्रातः रवीन्द्र भवन में अन्य अतिथियों के साथ गऊ माता की पूजा की और गुड़-ंउचयचारा खिलाया तथा गौवर्धन पूजा की और तद उपरांत दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का -रु39याुभारंभ किया। इस अवसर पर गो-ंउचयसेवा के क्षेत्र में उत्कृ-ुनवजयठ कार्य करने वाले गो-ंउचयसेवकों को सम्मानित भी किया। गौवर्धन पूजा समारोह में सांसद एवं भाजपा प्रदे-रु39या अध्यक्ष श्री वी. डी.-रु39यार्मा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री वि-रु39यवास कैला-रु39या सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृ-ुनवजयणा गौर, प-रु39याुपालन एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखनसिंह पटेल, महापौर श्रीमती मालती राय, सांसद श्री आलोक -रु39यार्मा, विधायकगण श्री रामे-रु39यवर -रु39यार्मा, श्री भगवानदास सबनानी, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री सुमित पचैरी सहित बड़ी संख्या में महापौर परि-ुनवजयाद के सदस्यगण, पा-ुनवजर्यादगण व अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे

महिदपुर के नवयुवकों द्वारा किया गया प्रभातफेरी का शुभारंभ- हनुमान अष्टमी तक होगा प्रभातफेरी का धर्ममय आयोजन

महिदपुर के नवयुवकों द्वारा किया गया प्रभातफेरी का शुभारंभ- हनुमान अष्टमी तक होगा प्रभातफेरी का धर्ममय आयोजन

अविनाश महाराज/संवाददाता उज्जैन। विगत रविवार से महिदपुर नगर में नवयुवकों द्वारा सनातन हिन्दू एकता प्रभातफेरी का शुभारंभ किया गया। जानकारी देते हुए बताया कि विगत वर्ष की तरह इस बार भी आज से महिदपुर नगर में सनातन हिन्दू एकता प्रभातफेरी का आयोजन किया गया है। जो कि प्रतिदिन सुबह 6 बजे नगर के विभिन्न हिस्सों से निकाली जाएगी। हमारा नगर के धर्मप्रेमी सनातनी परिवारों के सदस्यों से आग्रह है कि आप भी अपने पुरे परिवार के साथ लगभग एक माह तक निकलने वाली प्रभातफेरी में सहभागी बनकर धर्म लाभ लेवे। समापन हनुमान अष्टमी के अवसर पर नगरसेठ श्री रणजीत हनुमान जी भगवान के नगर भ्रमण के रूप में होगा। अष्टमी के एक दिन पूर्व वाहन रैली भी निकाली जाएगी ओर आज से शुरू हुई प्रभात फेरी निरंतर हनुमान अष्टमी तक निकली जाएगी। आज से शुरू हुई प्रभातफेरी की समय सीमा तय अभी नहीं की गई हे। हनुमान अष्टमी तक तो निकलेगी ही बाकी मकर संक्रांति तक भी निकाली जा सकती हे। फिलहाल हनुमान अष्टमी को भव्य प्रभात फेरी निकाली जाएगी।

खेल खबरे

विद्यार्थियों में लयबध्द संगीत के साथ अनुशासन और टीम भावना विकसित करती है बैण्ड गतिविधियां

विद्यार्थियों में लयबध्द संगीत के साथ अनुशासन और टीम भावना विकसित करती है बैण्ड गतिविधियां

बैण्ड गतिविधियां, विद्यार्थियों में लयबध्द संगीत के साथ अनुशासन और टीम भावना विकसित करती है । स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ अन्य रचनात्मक गतिविधियों से जुड़े रहना चाहिए। इससे उनका समग्र रूप से विकास होता है। मध्यप्रदेश के स्कूलों ने राष्ट्रीय स्तर की बैण्ड प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन कर देश भर में अपने राज्य का नाम रौशन किया है। उन्होंने कहा कि बैण्ड गतिविधियों का अधिक से अधिक विद्यालयों में विस्तार किया जायेगा। आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती शिल्पा गुप्ता राजधानी भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित केम्पियन स्कूल में राज्य स्तरीय बैंड प्रतियोगिता के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रही थी। उन्होंने गुब्बारे उड़ाकर बैण्ड प्रतियोगिता के शुभारंभ की उद्घोषणा की। आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के साथ साहित्यिक, गीत-संगीत, खेलकूद और योग से जुड़ी गतिविधियों का विस्तार किया जा रहा है। मैदान में उपस्थित दर्शकों ने प्रदेश के सभी से संभागों से शामिल हो रहे ब्रास बैंड और पाइप बैंड की 19 विजेता टीमों के सहभागी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर संचालक लोक शिक्षण श्री डी.एस. कुशवाहा भी मौजूद थे। प्रतियोगिता में ब्रास बैंड और पाइप बैंड श्रेणियों की विजेता टीमों के द्वारा राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सेदारी की जायेगी। राष्ट्रीय स्तर की विजेता और उप विजेता टीम को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली वर्ष 2025 की गणतंत्र दिवस परेड में सहभागिता करने का अवसर मिलेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों से मध्यप्रदेश की बैण्ड टीम को गणतंत्र दिवस परेड में सहभागिता का अवसर मिल रहा है। प्रदेश में इस वर्ष स्कूल बैण्ड प्रतियोगिता संभागीय स्तर और इसके बाद राज्य स्तर पर आयोजित की जा रही है। वर्ष 2023 में वेस्टर्न जोन बैण्ड प्रतियोगिता का आयोजन श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स पुणे में आयोजित किया गया था। प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश से बालिका ब्रास बैण्ड प्रतियोगिता में भोपाल के कार्मल कॉन्वेन्ट स्कूल बीएचईएल और मॉडल स्कूल टीटी नगर, बालक पाइप बैण्ड प्रतियोगिता में ओलम्पस स्कूल विदिशा, ब्रास बैण्ड बाल प्रतियोगिता में सेंट जोसफ कॉन्वेंट स्कूल इटारसी ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

सलोनी खरे राजस्थान में आयोजित होने वाले  वॉलीबॉल प्रतियोगिता में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन टीम का प्रतिनिधित्व करेगी

सलोनी खरे राजस्थान में आयोजित होने वाले वॉलीबॉल प्रतियोगिता में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन टीम का प्रतिनिधित्व करेगी

प्रहलाद पवार हेमंत सिंह देवड़ा दिव्य गौरव पिपलोदा तहसील पिपलौदा। जिला वाॅलीबॉल एसोसिएशन की खिलाड़ी व यूनिक व्हालीबाल में अभ्यासरत सलोनी खरे कौशल्या दास यूनिवर्सिटी हनुमानगढ़ राजस्थान में 30 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली पश्चिम क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय वॉलीबॉल प्रतियोगिता में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन टीम का प्रतिनिधित्व करेगी। उक्त प्रतियोगिता में भारत की 80 यूनिवर्सिटी की टीमें सहभागिता करेगी। निरंतर अभ्यासरत सलोनी पिता गोविंद खरे स्कूल खेल ओर अम्यूचर व्हालीबाल फेडरेशन गेम में राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। सलोनी के चयन पर शा. भगतसिंह महाविद्यालय जावरा के प्राचार्य अब्दुल गफ्फार पठान, भाजपा खेल प्रकोष्ठ जिला संयोजक अनुज शर्मा, जिला व्हालीबाल सचिव प्रकाशचन्द्र व्यास, खेल अधिकारी रुचिका शर्मा, क्रीड़ाधिकारी महेंद्र सिंह सोलंकी, महाविद्यालय के खेल प्रशिक्षक राहुल सोनावा पिपलौदा महाविद्यालय के खेल प्रशिक्षक मयंक पटेल, भाजपा खेल प्रकोष्ठ मण्डल संयोजक अमित मोगरा, व्यायाम शिक्षक शेरपुर राहुल वर्मा, व्यायाम शिक्षक विशाल परमार, खेल विभाग के शाहीद हुसैन, एकेडमी के विनय जैन, अजय चौहान एवं समस्त खिलाड़ीयो ने बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

महात्मा गांधी हाई स्कूल सिवनी में आयोजित हुआ विधिक_साक्षरता_शिविर

महात्मा गांधी हाई स्कूल सिवनी में आयोजित हुआ विधिक_साक्षरता_शिविर

संदीप विश्वकर्मा दिव्य गौरव,सिवनी / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिवनी श्रीमान सतीश चंद्र राय के मार्गदर्शन में श्री लक्ष्मण कुमार वर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिवनी के निर्देशन में शुक्रवार 22 नंवबर 2024 को महात्मा गांधी हाई स्कूल सिवनी में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त शिविर में श्री जयदीप सिंह सोनबर्से जिला न्यायाधीश द्वारा उपस्थित विद्यार्थियों को नालसा अंतर्गत योजना मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं योजना, पैरालीगल वालेंटियर्स के कार्य, लीगल एड क्लीनिक के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। साथ ही शिविर में उपस्थित सुश्री गार्गी शर्मा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सिवनी द्वारा बाल एवं श्रमिक अपराध एवं नशा उन्मूलन, के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम पश्चात न्यायोत्सव अंतर्गत आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं शिल्ड वितरित किए गए।

68 वी मध्यप्रदेश शालेय राज्य प्रतियोगिता के लिए चयनित हुईं बिछुआ की छात्राएं

68 वी मध्यप्रदेश शालेय राज्य प्रतियोगिता के लिए चयनित हुईं बिछुआ की छात्राएं

बिछुआ न्यूज:- बिछुआ आदिवासी विकास खण्ड स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित खेल गतिविधियों में 17 वर्ष बालिका किक्रेट में विभागीय राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिछुआ की छात्राएं कुमारी भारती खोरगडे, कुन्ती विश्वकर्मा, एवं दुर्गा उईके, ने दक्षिण क्षेत्र की ओर से छिंदवाड़ा जिले का प्रतिनिधित्व किया ओर अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। संस्था प्राचार्य मिथलेश कुमार इवने ने बताया कि 68 वी मध्यप्रदेश शालेय राज्य प्रतियोगिता का आयोजन कटनी जिले में 19 नवम्बर से 24 नवम्बर तक आयोजित हो रही है। इस प्रतियोगिता हेतु छात्राओं का चयन हुआ है। संस्था पीटीआई संजीव गौतम ने बताया कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रदर्शन के आधार पर मध्यप्रदेश दल का चयन होगा। जनजातीय कार्य विभाग की खेल प्रतियोगिता विभाग प्रमुख सहायक आयुक्त सत्येन्द्र सिंह मरकाम के संरक्षण एवं जिला खेल अधिकारी अनुरोध शर्मा के मार्गदर्शन मे सम्पन्न हो रही है। इस उपलब्धि पर बीईओ श्रीमती रजनी अगामे, प्राचार्य मिथलेश कुमार इवने, वी के पडोले, नीरज आसाटी, एल.के मिश्रा, व्यायाम शिक्षक लक्ष्मी डेहरिया, ललित गुप्ता, सुधीर गौतम, शिक्षक गण गणेश घाघरे, स्वाति भट्ट, स्वाति शुक्ला, प्रमोद बागडे, नीतू पवार, संजय परतेती, ब्लाक खेल समन्वयक प्रकाश डेहरिया समेत स्टाफ के शिक्षक शिक्षिकाओं ओर छात्राओं ने शुभकामनाएं दी।

प्रतियोगिता में भाग लेने से मिलता है नया जोश और मनोबल : राज्यपाल श्री पटेल

प्रतियोगिता में भाग लेने से मिलता है नया जोश और मनोबल : राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि प्रतियोगिता में भाग लेने से नया जोश और मनोबल तो मिलता ही है, साथ ही अपने और दूसरों के प्रदर्शन के अनुभव से कौशल का नया स्तर प्राप्त होता है। प्रतियोगिता में ज्ञान और कौशल के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि हार-जीत से कही अधिक महत्वपूर्ण हमारी संस्कृति, सुसंस्कृत जीवनशैली की गरिमा और गौरव का सम्मान है। राज्यपाल श्री पटेल आज केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित विशिष्ट ग्रंथों, “सर्वसमावेशी शिक्षा के परिप्रेक्ष्य में महर्षि दयानन्द सरस्वती” और “भारतीय ज्ञान परम्परा शिक्षक शिक्षा” का लोकार्पण किया। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, युव संसद जयपुर के संस्थापक श्री आशुतोष जोशी मंचासीन थे। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है।दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख ज़रिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी। विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। बताया कि राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान से प्रारम्भ होकर 55वीं वर्ष गांठ के अवसर तक विश्व में संस्कृत का पर्याय बन गया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय मल्टी डिसिप्लिनरी, बहुपरिसरीय विश्वविद्यालय है, जिसमें 12 परिसर, 28 महाविद्यालय और 105 से अधिक मान्यता प्राप्त संस्थाएं शामिल है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में भारतीय विधिशात्र, नाट्य शास्त्र के पाठ्यक्रम के साथ ही बी.ए. ऑनर्स, संस्कृत, सिविल सर्विसेज, शुरू किया गया है, जिसमें संस्कृत एवं सिविल सर्विसेज के पाठ्यक्रम का अध्ययन कराया जाता है। विद्यार्थी पाठ्यक्रम के 5 में से किसी एक विषय में स्नातकोत्तर की एक वर्षीय उपाधि भी प्राप्त कर सकते है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को नेक द्वारा A++ की ग्रेडिंग प्राप्त है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति विगत 2 वर्षों से सफलता पूर्वक क्रियान्वित की जा रही है। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय देश के 12 प्रांतों में प्रस्तारित है। आयोजित, प्रतियोगिता में राज्य स्तरीय स्पर्धा के विजेता शामिल हो रहे है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए विषय विशेषज्ञ विद्वान शामिल है। धन्यवाद ज्ञापन भोपाल परिसर के सहायक निदेशक प्रोफेसर नीलाभ तिवारी ने किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों द्वारा वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अतिथियों का शॉल, शंख और पौधा भेंट कर स्वागत किया गया।

विकलांग शिविर में 215 लाभार्थी चिह्नित, उपलब्ध कराएंगे उपकरण

विकलांग शिविर में 215 लाभार्थी चिह्नित, उपलब्ध कराएंगे उपकरण

जिला ब्यूरो शिवकुमार दुबे रायसेन उदयपुरा | जनपद पंचायत में बुधवार को विकलांगों का परीक्षण करने और चिन्ह्यांकन हेतु एक शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में सीईओ अशोक उइके सहित डॉक्टरों की पूरी टीम मौजूद थी। इन विकलांगों को टोकन सिस्टम से डॉक्टरों की टीम के पास पहुंचाया गया जहां विकलांग हेतु विभिन्न उपकरण इनको प्रदान करने हेतु चिन्हित किया गया। इस अवसर पर लगभग 215 दिव्यांग चिन्हित किए गए, जिन्हें विभिन्न प्रकार की विकलांगता हेतु उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा विकलांग प्रमाण पत्र की भी जांच की गई और विकलांगता के प्रतिशत तथा अन्य चीजों को बारीकी से चेक किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विकलांग अपने माता-पिता सहित पहुंचे। जनपद पंचायत के सीईओ अशोक उइके ने बताया कि आज विकलांगता शिविर में जिन लोगों का चिंतन किया गया है। उन्हें शीघ्र ही विकलांगता से संबंधित उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।

विभागीय राज्य स्तर क्रिकेट मे बिछुआ ब्लाक के 04 खिलाड़ियों का चयन*

विभागीय राज्य स्तर क्रिकेट मे बिछुआ ब्लाक के 04 खिलाड़ियों का चयन*

बिछुआ न्यूज:- बिछुआ के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा विभागीय राज्य स्तर में कुमारी भारती खोरगडे ,कुंती विश्वकर्मा ,दुर्गा उईके ,शिवानी बट्टी का चयन हुआ है जो कि 16 नवम्बर को अमरवाड़ा स्टेडियम में अपना प्रदर्शन किया। उनके चयन पर सहायक आयुक्त जनजाति कार्यविभाग सत्येन्द्र सिंह मरकाम, टा्ईवल जिला खेल अधिकारी अनुरोध शर्मा, बीईओ श्रीमती रजनी आगामे, प्राचार्य मिथलेश कुमार इवने, प्राचार्य वी के पडोले, पीटीआई संजीव गौतम, ललित गुप्ता, श्रीमती लक्ष्मी डेहरिया, गणेश घाघरे, स्वाति शुक्ला, स्वाति भट्ट, प्रमोद बागडे, रामप्रसाद परतेती, जयदेव कडवे, मोनिका पलवार, रेखा भमोरे, रूपाली हुरडे, नीतु पवार, संजय परतेती, सीमा बघेल, नीना पाटिल, रानी चौरिया, चारूमित्रा चौरे, प्रज्ञा इंदौरकर, कविता मालवीय, विनोद ठाकरिया, ब्लॉक खेल समन्वयक प्रकाश डेहरिया,समेत स्टाफ के शिक्षक शिक्षिकाएं और छात्राओं ने शुभकामनाएं दी।

राइजिंग स्टार कबड्डी क्लब झारड़ा से दो बालिकाओं का राज्य स्तर पर हुआ चयन ।

राइजिंग स्टार कबड्डी क्लब झारड़ा से दो बालिकाओं का राज्य स्तर पर हुआ चयन ।

उज्जैन महिदपुर दैनिक दिव्य गौरव।(राज कछवाय ) महिदपुर स्कूल गेम फेडरेशन ऑफ इंडिया में झारड़ा  से कुसुम माली (वैष्णो कॉन्वेंट) और माही कुमावत (कन्या शाला) का राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ यह प्रतियोगिता 2 से 6 नवम्बर 24 तक गाडरवाड़ा ज़िला नरसिंगपुर में आयोजित होंगी । कोच तूफान सिंह ठाकुर ने बताया कि उनका उद्देश्य बच्चों को मानसिक तथा शारीरिक दोनों तरह से मजबूत बनाना है, वे खेलों में बच्चों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं व विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता में बच्चों को भागीदारी करवाते है  श्री ठाकुर का मानना है कि बच्चे जितनी अधिक प्रतियोगिता में भाग लेंगे उतने अच्छे सीख पाएंगे उनके कौशल में उतनाही सुधार आएगा । अलग अलग स्कूलों से  खिलाड़ियों को तराश कर प्रतिदिन शाम 4 से 6 झारड़ा में निःशुल्क प्रशिक्षण देते हैं । क्लब के खिलाड़ियों की इस उपलब्धि पर कबड्डी कोच तूफान सिंह ठाकुर, सविता पालीवाल धर्मेंद्र प्रजापत, जितेंद्र खारोल, विष्णु माली, दीपेश कुमावत, विशाल रघुवंशी, आदेश खारोल, शुभम मेतवासिया, चेतन्य पालीवाल, विनय सिसोदिया, वीरेंद्र प्रजापत, गौरव  पिंटू, विनीत,मयूर,विकास आदि सभी  खिलाड़ी साथियों ने हर्ष जताया और बधाईयां दीं। उक्त जानकारी गौरव त्रिवेदी ने दी । फोटो -चयनित छात्राओं कुसुम माली, माही कुमावत। छिपे हुए ईमेल दिखाएं

68 वी राज्य स्तरीय शतरंज  प्रतियोगिता में जिले का किया प्रतिनिधित्व*

68 वी राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में जिले का किया प्रतिनिधित्व*

बिछुआ न्यूज:- बिछुआ में मध्यप्रदेश जनजाति कार्यविभाग की विभागीय राज्य शतरंज प्रतियोगिता विगत दिनों धार जिले के कुक्षी में दक्षिण क्षेत्र की और से शानदार प्रदर्शन किया। जिसमें शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उल्हावाडी का छात्र 17 वर्ष चंचलेश साहू का चयन हुआ। उसके इस चयन पर नगर में खुशी का माहौल है जो 14 से 18 अक्टूबर तक नर्मदापुरम जिले में अपना प्रदर्शन किया। उनके इस चयन पर सहायक आयुक्त जनजाति कार्यविभाग सत्येन्द्र मरकाम, ट्राईबल जिला खेल अधिकारी अनुरोध शर्मा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती रजनी अगामे, बीआरसी दिनेश डिगरसे, संकुल प्राचार्य बी के पड़ोले, संस्था प्राचार्य भूपेश पातुरकर, प्राचार्य मिथलेश कुमार युवने, खेल शिक्षक सुधीर गौतम, नारायण गोनेकर, श्रीमती संतोषी शर्मा, विनायक राव कराडे, रविन्द्र कडवे, संजीव गौतम, ब्लाक खेल समन्वयक प्रकाश डेहरिया समेत ग्रामवासियों माता-पिता व स्टाफ के शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राओ ने शुभकामनाएं दी

संभाग स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता हुई आयोजित।।।

संभाग स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता हुई आयोजित।।।

शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित अंडर 14 एवं अंडर-19 बालक बालिकाएं कबड्डी प्रतियोगिता शा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टिमरनी में आयोजित की गई जिसमें होशंगाबाद बेतुल और हरदा कि कुल 12 टीमों ने हिस्सा लिया।। जिसमें बालक एवं बालिका वर्ग में 19 वर्ष में हरदा जिला की टीम विजेता रही वही 14 वर्ष में बालक में हरदा एवं बालिका में होशंगाबाद की टीम विजेता रही प्रतियोगिता का शुभारंभ के अवसर पर आनंद जी मुजूमदार सचिन जी दुबे अनिल राजपूत श्रद्धा उईके भवानी राजपूत हिमांशु वैष्णव के द्वारा किया गया।। प्रतियोगिता में से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन किया गया जो की रीवा में संभाग टीम का हिस्सा होंगे।

देश-विदेश

विश्व एड्स दिवस 2024

विश्व एड्स दिवस 2024

विश्व एड्स दिवस, 1988 से प्रति वर्ष 01 दिसंबर को मनाया जा रहा है। यह एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस)/एड्स (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लोगों को एकजुट करने तथा महामारी के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है। यह सरकारों, संगठनों और समुदायों के लिए इस रोग की वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डालने तथा इसके रोकथाम, उपचार एवं देखभाल में की गई प्रगति को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन को वैश्विक रूप से सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य अवलोकनों में से एक के रूप में मान्यता प्रदान की गई है, जो न केवल जागरूकता फैलाता है बल्कि उन लोगों को भी याद भी करता है जिनकी मौत एचआईवी/एड्स के कारण हुई है। यह स्वास्थ्य सेवाओं तक विस्तारित पहुंच जैसे मील के पत्थर का भी उत्सव मनाता है। एचआईवी जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के बारे में ज्ञान को बढ़ावा देकर, विश्व एड्स दिवस एचआईवी से लड़ने तथा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज एवं स्वास्थ्य अधिकार प्राप्त करने के बीच के अभिन्न संबंधों पर प्रकाश डालता है। 2024 का विषय: "सही रास्ता अपनाएं: मेरी सेहत, मेरा अधिकार!" विश्व एड्स दिवस 2024 का विषय, "सही रास्ता अपनाएं: मेरी स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!" है, जो स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच और लोगों को अपने स्वास्थ्य प्रबंधन में सशक्त बनने के महत्व पर बल देता है। यह उन प्रणालीगत असमानताओं को संबोधित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है जो कमजोर आबादी को एचआईवी के आवश्यक रोकथाम एवं उपचार सेवाएं प्राप्त करने से वंचित करती है। वर्ष 2024 का विषय मानवाधिकारों की भूमिका को उजागर करता है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी लोगों को, उनकी पृष्ठभूमि या परिस्थितियों पर ध्यान दिए बिना, स्वास्थ्य अधिकार प्राप्त हो सके। अधिकार-आधारित दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करके, 2024 का अभियान समावेशिता को बढ़ावा देने, कलंक को कम करने और एचआईवी/एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने के लिए वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करने की कोशिश करता है। एचआईवी/एड्स की वर्तमान स्थिति: एक वैश्विक एवं राष्ट्रीय दृष्टिकोण एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (यूएनएड्स) द्वारा जारी वैश्विक एड्स अपडेट 2023 के अनुसार, वैश्विक स्तर पर एचआईवी/एड्स से लड़ने में महत्वपूर्ण प्रगति प्राप्त की गई है। भारत जैसे देशों में नए एचआईवी संक्रमण मामलों में कमी आई है, जहां एक मजबूत कानूनी संरचना और बढ़े हुई वित्तीय निवेशों ने 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने के लक्ष्य की प्राप्ति करने की दिशा में प्रगति की है। विशेष रूप से, भारत की पहचान कमजोर आबादी के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कानूनों को मजबूत बनाने के रूप हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर, भारत एचआईवी अनुमान 2023 रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में 25 लाख से ज्यादा लोग एचआईवी से पीड़ित हैं। इसके बावजूद, देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें वयस्क एचआईवी प्रसार 0.2% दर्ज किया गया है और अनुमान है कि वार्षिक रूप से नए एचआईवी संक्रमणों की संख्या 66,400 है, जिसमें 2010 के बाद से 44% की कमी आयी है। भारत ने 39% की वैश्विक कमी दर को पीछे छोड़ दिया है, जो निरंतर किए गए मध्यवर्तनों की सफलता को दर्शाता है। 16.06 लाख एचआईवी (पीएलएचआईवी) से पीड़ित लोगों के लिए 725 एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) केंद्रों के माध्यम से मुफ्त उच्च गुणवत्ता वाले आजीवन उपचार की उपलब्धता (जून 2023 के अनुसार) और 2022-2023 में किए गए 12.30 लाख वायरल परीक्षण भारत द्वारा प्रभावित जनसंख्या के लिए देखभाल सुविधा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। भारत की एचआईवी/एड्स महामारी पर प्रतिक्रिया: एक व्यापक दृष्टिकोण भारत में एचआईवी/एड्स महामारी के खिलाफ लड़ाई 1985 में शुरू हुई। इसे विभिन्न जनसंख्या समूहों एवं भौगोलिक स्थानों में वायरस का पता लगाने के लिए सीरो-सर्वेक्षण के साथ शुरू किया गया। अभियान का प्रारंभिक चरण (1985-1991) एचआईवी मामलों की पहचान, ट्रांसफ्यूजन से पहले रक्त सुरक्षा सुनिश्चित करना और लक्षित जागरूकता उत्पन्न करने पर केंद्रित था। इस अभियान में 1992 में राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) की शुरूआत के साथ तेजी आई। यह देश में एचआईवी/एड्स से निपटने के लिए एक व्यवस्थित एवं व्यापक दृष्टिकोण की शुरुआत थी। 35 वर्षों में, एनएसीपी विश्व के सबसे बड़े एचआईवी/एड्स नियंत्रण कार्यक्रमों में से एक बन चुका है। एनएसीपी चरणों का विकास एनएसीपी के पहले चरण (1992-1999) में जागरूकता फैलाने और रक्त सुरक्षा सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी गई। दूसरे चरण (1999-2007) की शुरुआत के साथ, रोकथाम, पहचान और उपचार के लिए सीधे मध्यवर्तन प्रस्तुत किए गए। राज्यों को प्रभावी कार्यक्रम प्रबंधन क्षमता से युक्त किया गया। तीसरे चरण (2007-2012) में गतिविधियों का प्रमुख विस्तार हुआ, जिसमें विकेंद्रीकृत कार्यक्रम प्रबंधन जिला स्तर तक पहुंचा। चौथे चरण (2012-2017) में पहले के प्रयासों को एकीकृत किया गया, जिसमें सरकारी वित्तपोषण में वृद्धि हुई और कार्यक्रम की स्थिरता सुनिश्चित की गई। विस्तारित एनएसीपी के चौथे चरण (2017-2021) में कई ऐतिहासिक पहलों को शुरू किया गया, जिसमें एचआईवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017 को पारित करना शामिल है, जो एचआईवी-पॉजिटिव लोगों को समान अधिकारों की गारंटी प्रदान करता है और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकता है। यह अधिनियम सितंबर 2018 में प्रभावी हुआ और इसने एचआईवी (पीएलएचआईवी) से ग्रसित लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत की कानूनी संरचना को मजबूत किया। इस चरण के दौरान, सरकार ने 2017 में 'टेस्ट और ट्रीट' नीति की शुरुआत की, यह सुनिश्चित करते हुए कि एचआईवी से निदान प्राप्त प्रत्येक व्यक्ति को उनके नैदानिक चरण की परवाह किए बिना मुफ्त एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) प्राप्त हो। पीएलएचआईवी लोग, जिन्होंने उपचार बंद कर दिया, उन्हें फिर से जोड़ने के लिए 2017 में 'मिशन संपर्क' पहल की शुरुआत की गई। 2020-2021 के दौरान, कोविड-19 महामारी ने कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां सामने आई। हालांकि, एनएपीसी ने कार्यक्रम की समीक्षा, समन्वय और क्षमता निर्माण के प्रयासों को बढ़ाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया। कई महीनों की दवाओं का एकसाथ वितरण करके और सामुदाय-आधारित एआरटी रिफिल जैसी नवाचारों के माध्यम से महामारी के दौरान उपचार सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित की गई। एनएसीपी का पांचवां चरण: एचआईवी/एड्स की समाप्ति पर नये सिरे से ध्यान केंद्रित करना एनएसीपी का पांचवां चरण केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में 2021-26 के लिए 15,471.94 करोड़ रुपये की लागत के साथ शुरू किया गया। एनएसीपी के पांचवे चरण का उद्देश्य पिछली उपलब्धियों को आगे बढ़ाना और लगातार चुनौतियों का समाधान करना, साथ ही 2010 के आधारभूत मूल्य से 2025-26 तक वार्षिक नए एचआईवी संक्रमण एवं एड्स संबंधित मृत्यु दर में 80% तक कमी लाना है। इसके अतिरिक्त, एनएसीपी के पांचवें चरण का उद्देश्य जोखिम और असुरक्षित आबादी के लिए गुणवत्तापूर्ण एसटीआई/आरटीआई सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच को बढ़ावा देते हुए ऊर्ध्वाधर ट्रांसमिशन का दोहरा उन्मूलन, एचआईवी/एड्स से संबंधित कलंक को समाप्त करना है। एनएसीपी के पांचवें चरण को आठ मार्गदर्शक सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करके विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण, तालमेल निर्माण, प्रौद्योगिकी एकीकरण, लिंग-संवेदनशील प्रतिक्रियाएं और साझेदारी को बढ़ावा देना शामिल है। इस चरण में लागत प्रभावी सेवा वितरण के लिए मौजूदा सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के साथ प्रमुख सहयोग की योजना बनाई गई है। एनएसीपी के पांचवें चरण का मुख्य उद्देश्य एचआईवी/एड्स का रोकथाम एवं नियंत्रण: 95% उच्च जोखिम वाले व्यक्ति तक व्यापक रोकथाम सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना। 95-95-95 लक्ष्य की प्राप्ति: एचआईवी पॉजिटिव 95% लोग अपनी स्थिति से अवगत हों, निदान किए गए 95% लोगों का उपचार होता रहे और उन रोगियों में से 95% वायरल दमन प्राप्त करें। यह सुनिश्चित करके ऊर्ध्वाधर ट्रांसमिशन का समाप्त करना कि एचआईवी ग्रसित 95% गर्भवती महिलाओं ने वायरल लोड का दमन किया है। एचआईवी और प्रमुख आबादी के साथ रहने वाले 10% से कम लोग कलंक एवं भेदभाव का अनुभव करें। एसटीआई (यौन संचारित संक्रमण)/आरटीआई (प्रजनन प्रणाली संक्रमण) रोकथाम एवं नियंत्रण: जोखिम वाली आबादी को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना। सिफलिस के ऊर्ध्वाधर ट्रांसमिशन को समाप्त करना। निष्कर्ष विश्व एड्स दिवस 2024 एचआईवी/एड्स की समाप्ति की दिशा में किए जाने वाले कार्यों की याद दिलाता है। एनएसीपी का पांचवां चरण और इसके अधिकार-आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से, भारत ने रोकथाम, उपचार एवं देखभाल में महत्वपूर्ण प्रगति प्राप्त की है। हालांकि, प्रणालीगत असमानताओं और सामाजिक कलंक जैसी चुनौतियों पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसका विषय "सही रास्ता अपनाएं: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!" जिसमें समावेशिता को बढ़ावा देने, मानवाधिकारों को बनाए रखने और समान स्वास्थ्य देखभाल पहुंच सुनिश्चित करने का सामूहिक अभियान शामिल है। जैसे-जैसे दुनिया 2030 तक एड्स को समाप्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के नजदीक पहुंच रही है, भारत सहयोगात्मक कार्रवाई, नवीन रणनीतियों और स्वास्थ्य समानता के प्रति एक अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण प्रस्तुत करता है। संरचनात्मक चुनौतियों का समाधान करके एवं सफल मध्यवर्तनों को बढ़ावा देकर, भारत एचआईवी/एड्स के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए तैयार है, जो सभी के लिए एक स्वस्थ, कलंक मुक्त भविष्य सुनिश्चित करता है। संदर्भ https://www.who.int/campaigns/world-aids-day https://x.com/MoHFW_INDIA/status/1828618507556155485/photo/1 https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2058434 Lok Sabha Unstarred Question No. 2555 Dated 4th August, 2023 https://naco.gov.in/sites/default/files/NACP_V_Strategy_Booklet.pdf https://x.com/MoHFW_INDIA/status/1068693667731238912/photo/1 Kindly find the pdf file

हमारी इच्छाशक्ति के आगे देव भी नतमस्तक हो जाते है- मुनिश्री विनंद सागर

हमारी इच्छाशक्ति के आगे देव भी नतमस्तक हो जाते है- मुनिश्री विनंद सागर

धैर्य और संकल्प लक्ष्य प्राप्ति में सहयोगी आष्टा।जो हम संकल्प लेते हैं वह संकल्प अंतरंग में शक्ति प्रदान करता है जिससे हम बड़े से बड़े से लक्ष्य को भी सहजता से प्राप्त कर लेते हैं ।संकल्प एक वृक्ष हैं और विकल्प उसकी शाखाएं हैं,सारे विकल्प संकल्प की धारा पर ही उगते हैं ।दृढ़ संकल्प व्यक्ति अपने आप में मजबूत होता है।परिस्थितियां चाहे कुछ भी हो लेकिन दृढ़ संकल्प हमें उसी कार्य को करने के लिए ही शक्ति प्रदान करता है ।जिनेंद्र भगवान के स्मरण मात्र से समस्त प्रकार की पीड़ा दुख दूर हो जाया करते हैं ।जिनेंद्र भगवान के सामने हमें अपनी कोई भी पीड़ा कोई भी दुख कोई भी बात कहने में शर्म नहीं करनी चाहिए।जैसे बच्चा बोलना नहीं जानता फिर भी वह बोलता है और परिवार के लोगो को उसमें एक अलग ही आनंद की अनुभूति होती है। इसी प्रकार भगवान के सामने भी हमें शर्म नहीं करनी चाहिए‌।मान कषाय लोगों के सामने शर्म करनी चाहिए जिनेंद्र भगवान के सामने मन की बात कहने से भी हमे आंतरिक संबल प्राप्त होता है ।स्वयं को अल्पज्ञ समझने वाला व्यक्ति ही भगवान की स्तुति कर सकता है।पूर्ण समर्पण भाव से जिनेंद्र भगवान की स्तुति करनी चाहिए। उक्त बातें नगर के श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर अरिहंत पुरम में विराजमान मुनि श्री विनंद सागर जी महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहीं। आपने उदाहरण दिया जैसे एक 35 साल का युवा उसने देखा कि उसकी पत्नी 5 किलोमीटर दूर एक पहाड़ पर चढ़ कर फिर दूसरी तरफ पानी भरने के लिए जाती है ,तब उसने संकल्प लिया कि मैं इस पहाड़ को काटकर और यहां से सहज रास्ता बना दूंगा। आज 25 वर्ष समय उपरांत उस व्यक्ति ने धैर्य पूर्वक कार्य करते हुए उस पहाड़ को काटकर के ऐसा रास्ता बना दिया जो पूरे गांव में समस्त व्यक्तियों के लिए सुगमता पूर्वक जल लाने के लिए रास्ता बन गया। आज उसकी पत्नी नहीं है लेकिन उसने जो अपनी पत्नी के लिए जो संकल्प लिया था उसे संकल्प में चाहे उसे 25 वर्ष का समय लगा, लेकिन उस युवा ने उस कार्य को बहुत धैर्य पूर्वक पूर्ण किया ।इसी प्रकार व्यक्ति के जीवन में धैर्य ,दृढ़ संकल्प यह ऐसे दो कारक हैं जो उसको लक्ष्य की प्राप्ति करने में सहयोगी होते हैं ।गुरुदेव ने कहा जैसे ही संकल्प करते हैं तो हर विघ्न नष्ट हो जाता है।हमारी इच्छाशक्ति के आगे देव भी नतमस्तक हो जाते हैं, इसी प्रकार दृढ़ संकल्प पूर्वक नियम और संयम का पालन करने वाले स्वर्ग और मोक्ष को प्राप्त करते हैं। गुरुदेव ने कहा कि जब हम वीतरागता का चिंतन करते हैं तो सिद्धि प्राप्त होती है ध्यान करने से रिद्धि प्राप्त होती है पीड़ा दूर करने के लिए सदैव जिनेंद्र भगवान का स्मरण करते रहना चाहिए। मुनिश्री अभिषेक मंत्र एवं शांतिधारा में बीजमंत्रो का अर्थ बताते हुए शुद्ध उच्चारण करवाया।हमारी इच्छाशक्ति के आगे देव भी नतमस्तक हो जाते है।

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक टिकट जारी किए गए

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक टिकट जारी किए गए

विश्व डाक दिवस के मौके पर, केन्द्र सरकार के डाक विभाग ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकटों का एक विशेष सेट जारी किया। डाक विभाग की सचिव सुश्री वंदिता कौल ने मेघदूत भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान, ये टिकट जारी किए। डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के प्रति अपना सम्मान जताने के लिए इस मौके पर उपस्थित थे और उन्होंने UPU की स्थायी विरासत और वैश्विक डाक सेवाओं को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 9 अक्टूबर, 1874 को बर्न, स्विटजरलैंड में स्थापित UPU आधुनिक डाक सहयोग की आधारशिला है तथा भारत इसके सबसे पुराने और सबसे सक्रिय सदस्यों में से एक है। UPU ने अंतर्राष्ट्रीय डाक विनियमनों को मानकीकृत करने, अपने 192 सदस्य देशों के बीच निर्बाध मेल एक्सचेंज सुनिश्चित करने और डाक सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्रीय संचार एवं उत्तरपूर्व क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इस मौके पर अपना संदेश भेजा, 'यह बहुत गर्व की बात है कि विश्व डाक दिवस पर, भारत सरकार के डाक विभाग ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकटों का एक विशेष सेट जारी किया है। UPU ने एक ऐसे विश्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहाँ संचार की कोई सीमा नहीं है। इन टिकटों के साथ, हम नवाचार और समावेशिता के लिए भारत की साझा कटिबद्धता का आदर करते हैं और वैश्विक डाक नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में भारतीय डाक विभाग की भूमिका की पुनः पुष्टि करते हैं। आइए, हम सब मिलकर दूरियाँ कम करते रहें, समुदायों को एकजुट करते रहें और राष्ट्रों के बीच संचार को बढ़ावा देते रहें।" इस कार्यक्रम में बोलते हुए, सुश्री कौल ने यूपीयू के योगदान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "डाक सेवाओं में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में यूपीयू की विरासत अमूल्य है। यूपीयू की पहलों में भारत की सक्रिय भागीदारी और डिजिटल प्रगति तथा ई-कॉमर्स के जरिए डाक सेवाओं को आधुनिक बनाने के हमारे प्रयासों ने वैश्विक डाक परिदृश्य में भारत की स्थिति को बेहतर बनाया है।" इस वर्ष, विश्व डाक दिवस का आयोजन विशेष रूप से सार्थक है, क्योंकि भारतीय डाक ने राष्ट्र को अपनी 170वीं वर्ष की सेवा प्रदान की है। शहरी केंद्रों से लेकर दूरदराज के गांवों तक, भारतीय डाक देश भर में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने और लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। आज जारी किए गए तीन स्मारक टिकटों का सेट भारत के यूपीयू के साथ मजबूत संबंधों को दर्शाता है तथा सहयोग, नवाचार और समावेशिता के साझा मूल्यों का प्रतीक हैं। ये डाक टिकट दूरियों को पाटने, संचार को सुगम बनाने और दुनिया भर के लोगों को जोड़ने में डाक सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हैं। विश्व के सबसे बड़े डाक नेटवर्क के साथ-साथ, भारतीय डाक विभाग यूपीयू के मिशन के साथ तालमेल बनाए हुए है और अपनी सेवाओं का आधुनिकीकरण कर रहा है तथा विश्व भर में डाक अवसंरचना के विकास में सहयोग दे रहा है। https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/WhatsAppImage2024-10-09at14.30.59C9VY.jpeg

वेंकटेश एकेडमी के खिलाड़ियों ने जिला में किया राग्युल मांडेकर ने नाम रोशन

वेंकटेश एकेडमी के खिलाड़ियों ने जिला में किया राग्युल मांडेकर ने नाम रोशन

बिछुआ न्यूज:- बिछुआ नगर वेंकटेश एकेडमी खिलाड़ियों ने 14 वी जिला स्पोर्टस कराटे एसोसिएशन छिंदवाड़ा के द्वारा जिला खेल व युवा कल्याण विभाग हाल में जिला स्तरीय कराटे प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 175 लड़कियां वह 122 लड़कों ने भाग लिया टोटल 297 कराते खिलाड़ी ने भाग लिया जिसमे प्रथम स्थान सानिया अली, द्वितीय स्थान राग्युल मांडेकर, तृतीय स्थान बबन चौरियां, चिरायु चौरिया, धानी वर्मा, तन्वी वर्मा ,सक्षम वर्मा, रोहन उईके, श्रद्धा उईके, लकी इनवती, सफल कुशराम, दुर्गेश कुमरे ,राज सुखदेव ऐज ग्रुप अनुसार काता कुमिते प्रतिस्पर्धा में अपना स्थान प्राप्त किया ।वेंकटेश अकादमी के संचालक वेदांत दुबे, कराते कोच अर्जुन कामडे (ब्लैकबेल्ट सेकंड डॉन), खमारपानी प्रशिक्षक अनिल साहू (ब्लैक बेल्ट थर्ड डान) स्कूल के प्राचार्य आर पाटिल , प्रशिक्षक नेहा मांडेकर , चंचल निर्मलकर , नगर परिषद उपाध्यक्ष मंगलेश दुबे, हेमराज मांडेकर पत्रकार,पालक गण राधेलाल चौरिया ,सुग्रीव वर्मा, झनकलाल अबूद अली,झीटो बाई धुर्वे ,रविंद्र आरगुडे मीडिया संगठन के अध्यक्ष श्रवण कामडे, जितेंद्र सिंह ठाकुर और सदस्यों ने खिलाड़ियों की इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं आशीर्वाद प्रदान किया साथ ही उज्जवल भविष्य की कामना की।

बच्चों को भिक्षा नही शिक्षा दे

बच्चों को भिक्षा नही शिक्षा दे

आयुक्त, संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल मध्य प्रदेश के निर्देश अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों हेतु बाल भिक्षा वृत्ति रोकथाम एवं जागरूकता अभियान चलाए जाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं , निर्देशों के परिपालन में कलेक्टर महोदय हरदा एवम मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजस्व टीमरनी के मार्गदर्शन में विकासखंड स्तर पर भिक्षावृत्ति रोकथाम एवं जागरूकता हेतु आज दिनांक 11 अक्टूबर 2024 को टिमरनी शहर के मुख्य स्थान पर भिक्षा वृत्ति रोकथाम अभियान एवं जागरूकता अभियान चलाया गया , जिसमें जागरूकता रैली निकालकर एवम मुख्य स्थान बस स्टैंड रेलवे स्टेशन , अस्पताल , मां दुर्गा के पांडालों एवम व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर नागरिकों से भेंट कर उन्हें इस अभियान में सहयोग कर बाल भिक्षावृत्ति को रोकने हेतु अपील की गई। बताया गया कि बच्चो को भिक्षा नही शिक्षा दे, किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 76 के तहत बालक का भिक्षा हेतू प्रयोग करने पर या बच्चे से भिक्षा वृत्ति कराने पर 5 वर्ष का कारावास व एक लाख रुपए के दंड का प्रावधान है। अभियान के दौरान पंपलेट, ब्रोशर वितरित किये गये व बताया गया कि बालभिक्षा वृत्ति रोकथाम का मुख्य उद्देश्य देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। कार्यक्रम में महिला बाल विकास की पर्यवेक्षक संगीता राजपूत, पूजा चौहान और उनकी टीम उपस्थित थी।

सत्य एवं न्याय के पथ पर निरन्तर चलते रहने पर एक ना एक दिन ईश्वर जरुर मिलेंगे जिला मंत्री राजेश तिवारी

सत्य एवं न्याय के पथ पर निरन्तर चलते रहने पर एक ना एक दिन ईश्वर जरुर मिलेंगे जिला मंत्री राजेश तिवारी

।। जाकी रही भावना जैसी। प्रभु मूरत देखी तिन तैसी ।। प्रयागराज। सत्य एवं न्याय के पथ पर निरन्तर चलते रहने पर एक ना एक दिन ईश्वर जरुर मिलेंगे यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने वरिष्ठ समाजसेवी एवं मण्डल अध्यक्ष भाजपा प्रतापपुर प्रयागराज कमला प्रसाद पाण्डेय से उग्रसेनपुर रेलवे स्टेशन के समीप कही। संज्ञानित कराते चले कि जिला मंत्री एवं वरिष्ठ समाजसेवी एवं मण्डल अध्यक्ष भाजपा प्रतापपुर प्रयागराज श्री पाण्डेय के बीच बहुत ही घनिष्ठ मैत्रिक एवं पारिवारिक सम्बन्ध हैं।जिला मंत्री किसी विशेष कार्य से प्रतापपुर कि ओर निकले थे तभी दोनों सम्भ्रांत जनों की आपसी मुलाकात उग्रसेनपुर रेलवे स्टेशन के समीप हुई।जिला मंत्री ने अवगत कराया कि वरिष्ठ समाजसेवी एवं मण्डल अध्यक्ष भाजपा प्रतापपुर प्रयागराज श्री पाण्डेय बहुत ही नेकदिल इन्सान हैं एवं गरीब दुखियारों की सेवा में निरन्तर तत्पर रहते हैं।जिला मंत्री ने यह भी बताया कि श्री पाण्डेय महान ईश्वरभक्त के साथ ही साथ सत्य एवं न्याय पथगामी हैं।प्रेम,दया,परोपकार एवं सहानुभूति श्री पाण्डेय के आत्मिक आभूषण हैं।लोगों की सेवा ही उनका परम धर्म है।जिला मंत्री वरिष्ठ समाजसेवी एवं मण्डल अध्यक्ष प्रतापपुर प्रयागराज श्री पाण्डेय से मिलने पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि सत्य एवं न्याय के पथ पर निरन्तर चलते रहने पर एक ना एक दिन ईश्वर जरुर मिलेंगे क्योंकि सत्य ही ईश्वर है एवं न्याय ही उनका निवास स्थल है।जिला मंत्री ने आगे यह भी कि जब कोई व्यक्ति सत्य एवं न्याय पथगामी हो जाता है तो उसके आत्मा में प्रेम,दया,परोपकार एवं सहानुभूति के गुण स्वतः ही उत्पन्न हो जाते हैं और यह सब किसी व्यक्ति के जीवन में तभी घटित होता है जब उस पर साक्षात ईश्वर की कृपा होती है।जिला मंत्री ने यह भी कहा ईश्वर सर्वत्र विद्यमान है बस उन्हें देखने एवं समझने का अपना अपना नजरिया है।दूसरे शब्दों में कहा गया है कि जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी एवं भूतपूर्व मण्डल अध्यक्ष भाजपा मेजा पं० रुप नारायण मिश्रा ने कहा कि आज बड़े ही सौभाग्य का दिन है जो वरिष्ठ समाजसेवी एवं मण्डल अध्यक्ष भाजपा प्रतापपुर प्रयागराज श्री पाण्डेय से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ एवं जिला मंत्री द्वारा उपदेशित तथ्य ही मानव जीवन का वास्तविक कर्मभूमि है।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला ने कहा कि जिला मंत्री की ही देन है जो श्री पाण्डेय जैसे महान विभूति से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ और जिला मंत्री द्वारा उपदेशित एक एक वाणी सदैव मानव कल्याणकारी होती है वास्तव में सत्य एवं न्याय के पथ पर चलकर ईश्वर देखा व जाना जा सकता है।इस साहित्यिक एवं आध्यात्मिक वार्ता के दौरान शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय,शिक्षाविद जोखू लाल पटेल एवं राजकुमार सहित आस पास बहुतायत लोग मौजूद रहे।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने सीखे आनंद के तरीके

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने सीखे आनंद के तरीके

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण और वेयर हाउसिंग के अधिकारियों ने 28 से 30 नवंबर तक वाल्मी भवन में आनंद संस्थान के प्रशिक्षकों से आनंदित रहने के तरीके सीखे। प्रशिक्षण में "स्वयं की स्वयं से मुलाकात", "पॉवर ऑफ साइलेंस" का अनुभव एवं जीवन को आनंददायक बनाने के तरीकों को सिखाया गया। समापन सत्र में प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती रश्मि अरूण शमी और आनंद संस्थान के निदेशक श्री प्रवीण गंगराड़े भी शामिल हुए। प्रशिक्षण में लगभग 50 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। प्रशिक्षण श्री रामसहाय यादव, श्रीमती अर्चना शर्मा, श्रीमती अंजना श्रीवास्तव, श्री मुकेश कामले और श्री कमलकान्त द्वारा दिया गया।

मत्स्य पालन और जलीय खेती में ड्रोन तकनीक के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कल कोच्चि में एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी

मत्स्य पालन और जलीय खेती में ड्रोन तकनीक के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कल कोच्चि में एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत मत्स्य पालन विभाग और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद 8 नवंबर, 2024 (सुबह 10:45 बजे) को आईसीएआर-केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान, कोच्चि, केरल में मत्स्य पालन और जलीय खेती में ड्रोन तकनीक के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर एक कार्यशाला का आयोजन कर रहे हैं। इस कार्यशाला में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में केरल के विभिन्न प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, राज्य मत्स्य अधिकारी, महिला और पुरूष मछुआरे भी शामिल होंगे। कार्यशाला की शुरुआत सीएमएफआरआई के निदेशक के स्वागत भाषण से होगी, जिसके बाद मछली पालकों को "कैडलमिन बीएसएफ प्रो" मछली आहार वितरित किया जाएगा, जिसे स्थायी जलीय खेती विधियों का समर्थन करने के लिए बनाया गया है। इसके अलावा, " ईजी सैलास सेंटर ऑफ एक्सीलेंस " नामक एक पुस्तिका का भी विमोचन किया जाएगा, जिसमें इस क्षेत्र में प्रगति और योगदान का उल्लेख किया गया है। कार्यशाला के दौरान भारतीय समुद्री जैविक संघ (एमबीएआई) राष्ट्रीय संगोष्ठी का आधिकारिक शुभारंभ होगा , जिसका उद्देश्य पूरे देश में समुद्री विज्ञान पेशेवरों के बीच सहयोग और ज्ञान-साझा करने पर बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड-एनएफडीबी अभिनव स्टार्टअप के साथ मिलकर मत्स्य पालन और जलीय खेती क्षेत्र में ड्रोन तकनीक की परिवर्तनकारी क्षमता का उल्लेख करते हुए प्रस्तुति देगा। इस कार्यक्रम का समापन मत्स्य पालन में विभिन्न ड्रोन अनुप्रयोगों जैसे मछली परिवहन, मछली चारा वितरण और बचाव अभियान के लिए लाइफ जैकेट वितरण आदि पर लाइव ड्रोन प्रदर्शन के साथ होगा। यह कार्यशाला मत्स्य पालन के क्षेत्र में बदलाव और इसकी क्षमता को अधिकतम करने में ड्रोन तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए अभिनव तकनीकी प्रगति को बढावा देने के लिए एक विशिष्ट मंच प्रदान करेगी। इस कार्यक्रम में 700 से अधिक महिला और पुरूष मछुआरे भाग लेंगे। इसके अलावा, मत्स्य पालन विभाग द्वारा नौवहन महानिदेशक, नौवहन, बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तकनीकी सहयोग से, 8 नवंबर, 2024 को (सुबह 9:30 बजे) केंद्रीय मत्स्य नौवहन और इंजीनियरिंग प्रशिक्षण संस्थान (सीआईएफएनईटी), कोच्चि, केरल में मछली पकड़ने वाले जहाजों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और प्रमाणन के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक दिवसीय इंटरैक्टिव कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय नौवहन रजिस्ट्री (आईआरएस), भारतीय नौवहन निगम (एससीएल) और मत्स्य पालन संस्थान सीआईएफएनईटी, भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण (एफएसआई), आईसीएआर-केंद्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईएफटी), आईसीएआर-केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) और समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) के विशेषज्ञ सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य अधिकारियों के साथ इस कार्यशाला में भाग लेंगे। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य पालन विभाग को सहायता प्रदान करना है, जिन्हें वाणिज्य पोत परिवहन अधिनियम, 1958 के अंतर्गत 'मत्स्य पालन जहाजों के रजिस्ट्रार' के रूप में कार्य करने के लिए शक्तियां सौंपी गई हैं और जिन्हें मछली पकड़ने वाले जहाजों के तकनीकी फिटनेस मूल्यांकन के लिए विशेषज्ञता हासिल करने की आवश्यकता है। यह मछली पकड़ने वाले जहाजों के पंजीकरण या पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए एक पूर्व-आवश्यकता है। कार्यशाला क्षमता को बढ़ाएगी और राज्य मत्स्य पालन विभागों को सहायता प्रदान करेगी ताकि वे मछली पकड़ने वाले जहाजों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और प्रमाणन के संचालन के लिए प्रशिक्षित श्रमशक्ति के साथ अपनी संस्थागत प्रणाली स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ सकें। इसके अलावा, कार्यशाला भारत में मत्स्य अनुसंधान/सर्वेक्षण/प्रशिक्षण और जहाजों के रखरखाव तथा संचालन में केंद्र सरकार के सभी संगठनों को सुविधा प्रदान करेगी। मत्स्य पालन क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) का उद्देश्य मत्स्य पालन और जलीय खेती के क्षेत्र में स्थायी, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है। तकनीक का सम्मिश्रण आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला में अंतिम समाधान प्रदान करता है। ड्रोन मत्स्य पालन क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान प्रदान करते हैं, जिसमें जल के नमूने की जांच, रोग का पता लगाना, गतिविधियों की निगरानी, ​​​​चारा प्रबंधन और मछली परिवहन में प्रमुख अनुप्रयोग शामिल हैं। ड्रोन का दायरा जलीय खेती फार्मों, मछली बाजारों के प्रबंधन, मत्स्य पालन के बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का आकलन करने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव कार्यों में सहायता करने तक विस्‍तृत है। इसके अलावा, ड्रोन से मत्स्य क्षेत्र में भंडारण का आकलंन करने में मदद मिलती है। पानी के भीतर ड्रोन के उपयोग से प्राकृतिक पर्यावास में मछलियों की आदतों पर निगरानी करने की क्षमता में बढावा मिलता है। इससे उनकी असामान्य गतिविधियों के बारे में भी पता चल सकता है।

इन्सानियत ही इस संसार की सबसे बड़ी दौलत है जिला मंत्री राजेश तिवारी

इन्सानियत ही इस संसार की सबसे बड़ी दौलत है जिला मंत्री राजेश तिवारी

।। एक इन्सान का मूल आभूषण दया,प्रेम व परोपकार है। सहानुभूति सहित नम्रता मानव मानव का आत्मिक श्रृंगार है ।। प्रयागराज। इन्सानियत ही इस संसार की सबसे बड़ी दौलत है यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने सुजावन देव परिसर के स्थानीय सज्जन करन सिंह एवं अजय कुमार से सुजावन देव मन्दिर के आश्रय स्थल देवरिया घूरपुर प्रयागराज में कही।संज्ञानित कराते चले कि जिला मंत्री सारीपुर ग्राम पंचायत में श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने हेतु पधारे थे।उसी दरमियान सुजावन देव प्रभू महादेव के दर्शन की अभिलाषा लिए हुए जिला मंत्री सुजावन देव परिसर में पहुँचे हुए थे तभी स्थानीय दोनों सज्जनों से जिला मंत्री की मुलाकात हुई।जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि इन्सानियत ही इस संसार की सबसे बड़ी दौलत है।इन्सान को कभी भी अपने इन्सानियत को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि इन्सान की असली पहचान उसके इन्सानियत से ही है।जिला मंत्री ने आगे यह भी अवगत कराया कि दोनों ही स्थानीय सज्जन बहुत ही प्रेमी स्वभाव एवं मानव सेवा के प्रतिमूर्ति हैं।जिला मंत्री ने आगे कहा कि दोनों सज्जनों में से एक ने अपने बाइक की चाभी देकर सुजावन देव प्रभू महादेव तक पहुँचने में मदद की एवं दोनों ही स्थानीय सज्जन बहुत ही मृदुलभाषी एवं इन्सानियत के परिचारक हैं।जिला मंत्री ने आगे कहा कि वास्तव में इस संसार में ना ही कोई अपना है और ना ही पराया।जो भी व्यक्ति जहाँ भी मिले जिस रुप में मिले उसके साथ अपने इन्सानियत का परिचय देते हुए यथा सम्भव उसकी मदद करनी चाहिए।इन्सान इस जगत में खाली हाथ आया है और जाएगा भी खाली हाथ।केवल उसके द्वारा इस धरती पर किए गए कर्म ही उसको इस धरती पर गुण व दोष के रुप में प्रचलित करेंगे और साथ ही साथ उसके यही कर्म अगले जन्म की योनि को प्रतिस्थापित करेंगे।जिला मंत्री ने आगे कहा कि एक इन्सान का मूल आभूषण दया,प्रेम व परोपकार है,सहानुभूति सहित नम्रता मानव का आत्मिक श्रृंगार है।इस अवसर पर उपस्थित आचार्य प्रकाशानन्द महराज ने कहा कि जिला मंत्री द्वारा इन्सान के प्रति उपदेशित वचन सर्वथा सत्य हैं और इन्सान जिला मंत्री के बताए हुए मार्ग से ही अपने मानव जीवन को साकार कर सकता है। इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी एवं संघ खण्ड कार्यवाह मेजा विंध्यवासिनी यादव ने कहा कि जिला मंत्री का जन्म हमारे मेजा में होना ईश्वर का एक वरदान है जिनके मुखारबिंदु से नित मानव कल्याणकारी वचन ही अग्रसारित होते रहते हैं।इस साहित्यिक एवं आध्यात्मिक वार्ता के दौरान शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय, शिक्षाविद जोखू लाल पटेल एवं रवि कुमार सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद