
- बाबूलाल शाक्य, ब्यूरो चीफ
- कलेक्टर ने आबकारी अधिकारी को दिए एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश
- चाइल्ड लाइन और एसजेपीयू को मिला था बालक अहाते में शराब परोसते हुए
शिवपुरी। झांसी रोड स्थित देशी शराब अहाते में एक नाबालिक बालक से शराब परोसने के मामले में संबंधित अहाता संचालक डिंपल उर्फ संजू खटीक के खिलाफ कलेक्टर अनुग्रहा पी ने एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जिला आबकारी अधिकारी को दिए हैं। कलेक्टर ने आबकारी अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि उक्त मामले में किशोर न्याय अधिनियम (जेजेएक्ट) की धारा 77 व 78 के प्रावधान अनुसार एफआईआर दर्ज कराई जाए। कलेक्टर ने बाल कल्याण समिति के पत्र के आधार पर कार्रवाई के निर्देश जिला आबकारी अधिकारी को दिए हैं। चाइल्ड लाइन और विशेष किशोर पुलिस ईकाई एसजेपीयू को बालक झांसी तिराहा स्थित देशी कलारी पर शराब परोसते हुए अहाते में मिला था। यहां पर अहाता संचालक द्वारा नाबालिग बालक से शराब परोसे जाने का काम करवाया जा रहा था। शराब अहाते में बालक के मिलने के बाद उक्त बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। यहां पर बालक व उसके पिता के कथन हुए इसके बाद बाल कल्याण समिति ने कलेक्टर व एसपी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था।
पूरा मामला दबाकर बैठ गई थी कोतवाली पुलिस-
बाल कल्याण समिति के पत्र 18-7-2019 के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने तीन दिवस में कार्रवाई प्रतिवेदन कोतवाली पुलिस को सौंपने के निर्देश दिए थे लेकिन कोतवाली पुलिस ने तब से उक्त मामले में एफआईआर दर्ज करने की बजाए पूरे मामले को लटकाए रखा। जबकि पुलिस प्रशासन की ही एक ईकाई विशेष किशोर पुलिस ईकाई (एसजेपीयू) ही होती है और इसी ने चाइल्ड लाइन के साथ रेस्क्यू कर बालक को शराब अहाते में पाया लेकिन कोतवाली पुलिस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाले रखी। अब कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेकर अपने कार्यालय के पत्र क्रमांक 4510 दिनांक 3-9-19 के माध्यम से आबकारी अधिकारी का निर्देश दिए हैं कि इस मामले में जेजे एक्ट के तहत अहाता संचालक पर एफआईआर कराने सुनिश्चित करें।
सजा के अलावा जुर्माने का है प्रावधान-
नाबालिग बालक से शराब परोसवाना और नशे में लिप्त रखना किशोर न्याय अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। जेजे एक्ट की धारा 77 व 78 के तहत ऐसे काम करवाने वाले आरोपी को तीन से पांच साल की सजा व एक लाख तक जुर्माने का प्रावधान है।