सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्री कुमार सौरभ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वर्ष 2020 तक दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य है। इसके मद्देनजर कई तरह के सुरक्षा उपायउपयोग में लाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज सभी जिलों को ब्रीथ एनालाईजर उपलब्ध कराये गये। साथ ही उपयोग विधि द्वारा इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। श्री सौरभ ने कहा कि उपकरण का बेहतर ढ़ग से उपयोग हो ताकि अच्छे परिणाम सामने आयें। श्री सौरभ आज पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पी.टी.आर.आई) में सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति के नोडल अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। एम.ए.एन.आई.टी. के प्रोफेसर और विषय विशेषज्ञ श्री राहुल तिवारी ने बताया कि दुर्घटनाएँ अधिकतर कन्‍फ्यूजन से होती हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिये रफ्तार पर नियंत्रण बहुत जरूरी है। दुर्घटना के समय जितनी ज्यादा स्पीड होती है, उतनी ज्यादा मृत्यु की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। दुर्घटनाओं को कम करने में रोड सेफ्टी के घटकों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इसमें इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन बहुत जरूरी है। इसके अलावा, दुर्घटना के बाद इमरजेंसी केयर की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। विशेषज्ञ श्री तिवारी ने बताया कि कई बार गलत साईन बोर्ड भी दुर्घटना के कारण बनते हैं। समय और स्थान पर आवश्यकता के अनुसार साईन बोर्ड का उपयोग किया जाना चाहिये। अधिकतर देखने में आता है कि दुर्घटना के समय लोग एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में व्यर्थ समय बर्बाद करते हैं और पीड़ित की सुध नहीं लेते। उन्होंने स्टॉपिंग साइट डिस्टेंस और ओवर टेकिंग साइट डिस्टेंस सहित ब्लैक स्पॉट और ब्लाइंड स्पॉट की जानकारी भी दी। प्रशिक्षण में सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती अनिता मालवीय और श्री प्रशांत शर्मा भी उपस्थित थे।

योगिता अहिरवार ि‍विशेष संवाददाता

पुलिस महानिरीक्षक श्री कुमार सौरभ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वर्ष 2020 तक दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य है। इसके मद्देनजर कई तरह के सुरक्षा उपायउपयोग में लाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज सभी जिलों को ब्रीथ एनालाईजर उपलब्ध कराये गये। साथ ही उपयोग विधि द्वारा इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। श्री सौरभ ने कहा कि उपकरण का बेहतर ढ़ग से उपयोग हो ताकि अच्छे परिणाम सामने आयें। श्री सौरभ आज पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पी.टी.आर.आई) में सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति के नोडल अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

एम.ए.एन.आई.टी. के प्रोफेसर और विषय विशेषज्ञ श्री राहुल तिवारी ने बताया कि दुर्घटनाएँ अधिकतर कन्‍फ्यूजन से होती हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिये रफ्तार पर नियंत्रण बहुत जरूरी है। दुर्घटना के समय जितनी ज्यादा स्पीड होती है, उतनी ज्यादा मृत्यु की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। दुर्घटनाओं को कम करने में रोड सेफ्टी के घटकों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इसमें इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन बहुत जरूरी है। इसके अलावा, दुर्घटना के बाद इमरजेंसी केयर की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।

विशेषज्ञ श्री तिवारी ने बताया कि कई बार गलत साईन बोर्ड भी दुर्घटना के कारण बनते हैं। समय और स्थान पर आवश्यकता के अनुसार साईन बोर्ड का उपयोग किया जाना चाहिये। अधिकतर देखने में आता है कि दुर्घटना के समय लोग एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में व्यर्थ समय बर्बाद करते हैं और पीड़ित की सुध नहीं लेते। उन्होंने स्टॉपिंग साइट डिस्टेंस और ओवर टेकिंग साइट डिस्टेंस सहित ब्लैक स्पॉट और ब्लाइंड स्पॉट की जानकारी भी दी।

प्रशिक्षण में सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती अनिता मालवीय और श्री प्रशांत शर्मा भी उपस्थित थे।

सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्री कुमार सौरभ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वर्ष 2020 तक दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य है। इसके मद्देनजर कई तरह के सुरक्षा उपायउपयोग में लाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज सभी जिलों को ब्रीथ एनालाईजर उपलब्ध कराये गये। साथ ही उपयोग विधि द्वारा इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। श्री सौरभ ने कहा कि उपकरण का बेहतर ढ़ग से उपयोग हो ताकि अच्छे परिणाम सामने आयें। श्री सौरभ आज पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पी.टी.आर.आई) में सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति के नोडल अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

एम.ए.एन.आई.टी. के प्रोफेसर और विषय विशेषज्ञ श्री राहुल तिवारी ने बताया कि दुर्घटनाएँ अधिकतर कन्‍फ्यूजन से होती हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिये रफ्तार पर नियंत्रण बहुत जरूरी है। दुर्घटना के समय जितनी ज्यादा स्पीड होती है, उतनी ज्यादा मृत्यु की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। दुर्घटनाओं को कम करने में रोड सेफ्टी के घटकों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इसमें इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन बहुत जरूरी है। इसके अलावा, दुर्घटना के बाद इमरजेंसी केयर की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।

विशेषज्ञ श्री तिवारी ने बताया कि कई बार गलत साईन बोर्ड भी दुर्घटना के कारण बनते हैं। समय और स्थान पर आवश्यकता के अनुसार साईन बोर्ड का उपयोग किया जाना चाहिये। अधिकतर देखने में आता है कि दुर्घटना के समय लोग एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में व्यर्थ समय बर्बाद करते हैं और पीड़ित की सुध नहीं लेते। उन्होंने स्टॉपिंग साइट डिस्टेंस और ओवर टेकिंग साइट डिस्टेंस सहित ब्लैक स्पॉट और ब्लाइंड स्पॉट की जानकारी भी दी।

प्रशिक्षण में सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती अनिता मालवीय और श्री प्रशांत शर्मा भी उपस्थित थे।

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