मिश्रिख सीतापुर / नगर पालिका परिषद मिश्रिख नैमिषारण्य के चेयर मैन पद के चुनाव में भाजपा को अपने ही बागियों से कड़ा मुकाबला करना पडेगा । नगर के स्थानीय भाजपा पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी से टिकट न मिलने के कारण वह पार्टी से नाराज चल रहे है । निर्दली मैदान में उतर कर भाजपा प्रत्यासी को कडी चुनौती देने के लिए चुनावी मैदान की तैयारी करने में जुट गए है । स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं का आरोप है । कि यहां के क्षेत्रीय विधायक रामकृष्ण भार्गव सपा की तरह वंश वाद की राजनीति से बाज नही आ रहे है । बीते नगर पालिका परिषद के चुनाव में अपने छोटे भाई जानकी प्रसाद की पत्नी सरला देवी को चुनावी मैदान में उतार कर नगर पालिका का अध्यक्ष बनाया था । लेकिन श्री विधायक और सरला देवी के वीच तना चुनी की चर्चाऐ आम हो गई थी । नगर पालिका के घोटाले को लेकर उनको अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था । परन्तु हाई कोर्ट के आदेश पर वह पुनः अध्यक्ष पद पर आशीन हुई थी । लेकिन उसी समय से इस धार्मिक नगर का विकास रुक गया था । और प्रदेश शासन व्दारा नगर मिश्रिख और नैमिषारण्य में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत भेजी गई 40 लाख रुपए की सरकारी धनराशि नगर पालिका में तैनात अधिशासी अधिकारी आर पी सिंह , बड़े बाबू , बेद प्रकाश व कम्प्यूटर आपरेटर नें बिना कोई कार्य कराए ही निकाल कर हजम कर थी । स्थानीय लोगों और सभासदों के बिरोध पर शासन व्दारा मांमले की जांच कराई गई । जिसमें सच्चाई उजागर होकर सामने आई । जिससे सभी लोग जेल की हवा खा रहे है । परन्तु तब तक नगर पालिका अध्यक्ष सरला देवी का कार्य काल समाप्त हो चुका था । वह जेल जाने से बच गई । यहां के भाजपा कार्यकर्ताओं सहित स्थानीय लोगों का आरोप है । कि प्रदेश शासन ने स्पष्ट रूप से कहा था । कि विधायक , सांसद के परिवार वालों को टिकट नही दिया जाएगा । जिसके सम्बंध में भाजपा कार्यकर्ताओं सहित स्थानीय लोगों ने जिलाध्यक्ष अचिन मेहरोत्र सहित प्रदेश के वरिष्ठ पार्टी नेताओं को लिखित रूप से अवगत कराकर नगर मिश्रिख अथवा नैमिषारण्य के स्थानीय निवासी को भाजपा से टिकट देने का अनुरोध किया था । जिसमें दिनांक 15 अप्रैल तक डा. सागर का नाम अध्यक्ष पद हेतु पार्टी में बना रहा । परन्तु यहां के विधायक रामकृष्ण भार्गव ने पार्टी नेताओं के पास ट्रंप कार्ड खेला और अपने सगे छोटे भाई नंद किशोर भार्गव की पत्नी सुमन भार्गव को भाजपा से प्रत्यासी मनोनीत करा दिया । जब कि उनका मिश्रिख नैमिषारण्य से दूर दूर तक कोई लेना देना नही है । और न तो उनका यहां कोई निवास है । उनको कोई जानता पहचानता भी नही है । फिर भी उनका नाम मात्र दस दिनों के अंदर नगर पालिका की वोटर लिस्ट में दर्ज हो गया । जब कि अन्य लोग आज भी अपना नाम दर्ज कराने के लिए तहसील के चक्कर लगा रहे है । पार्टी आला कमान व्दारा मुख्य मंत्री के आदेश को ठेंगा दिखाकर यहां के क्षेत्रीय विधायक रामकृष्ण भार्गव के छोटे भाई नंदकिशोर भार्गव की पत्नी को भाजपा से टिकट दिया गया है । जिससे मिश्रिख नैमिषारण्य के भाजपा पार्टी कार्यकर्ता काफी नाराज चल रहे है । उनके तेवर बागी हो गए है । सभी निर्दली प्रत्यासी मैदान में उतार कर भाजपा को कडी चुनौती देने के लिए तैयार हो गए है ।