भोपाल@ हिंदी सिनेमा के सदाबहार और रुमानियत से भरपूर अभिनेता देवआनंद का आज 96वा जन्मदिन हैं।
देवआनंद का जन्म पंजाब के गुरदासपुर जो अब पाकिस्तान में हैं 26 सितंबर 1923 को हुआ था उनका पूरा नाम धर्मदेव आनंद था देवआनंद के बड़े भाई भाई मशहूर निर्माता निर्देशक थे जिनका नाम चेतन आनंद था और छोटे भाई का नाम विजय आनद था जिसने हिंदी सिनेमा की कालजयी फ़िल्म गाइड को निर्देशित किया था।
देवआनंद 1942 में फिल्मी दुनिया मे अपनी किस्मत आजमाने आ गए थे उस वक्त उनकी जेब मे सिर्फ 30 रुपए थे देवआनंद को पहला ब्रेक 1946 में फ़िल्म हम एक हैं से मिला था लेकिन ये फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई और देव आंनद का फिल्मो में संघर्ष जारी हो गया था उसी दौरान देवआनंद को स्थापित अभिनेत्री और गायिका सुरैय्या से प्रेम हो गया था सुरैया के साथ देवआनंद ने करीब सात फिल्मे की थी हम एक हैं की शूटिंग के दौरान देव आनंद की मुलाकात महान अभिनेता और निर्देशक गुरुदत्त से हुई थी जो उस समय फिल्मो में कोरियोग्राफर बनने के लिए संघर्ष कर रहे थे देव आनंद और गुरुदत्त ने आपस मे एक वादा किया था की जो भी फिल्मो में निर्माता बना या निर्देशक बना वो एक दूसरे को अपनी फिल्म में मौका देंगे।
1949 में देवआनंद ने नवकेतन बैनर स्थापित किया और फ़िल्म बाजी का निर्माण किया और अपने वादे के मुताबिक देव आनंद ने फ़िल्म के निर्देशक के तौर पर गुरुदत्त को लिया बाज़ी बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई और देवआनंद का फिल्मी सफर पूरी रफ्तार के साथ चलने लगा उन दिनों दिलीप कुमार और राजकपूर के साथ देव आनंद का फ़िल्म इंड्रस्टीज पर राज था ये तीनो महान अभिनेता अपने दौर में त्रिमूर्ति के नाम से जाने जाते थे तीनो अभिनेताओं के भारतीय सिने जगत पर दबदबा कायम था बाज़ी के बाद देवआनंद की एक और सुपरहिट फिल्म आई जिसने बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी के झंडे गाड़ दिए थे ये फ़िल्म थी टेक्सी ड्राईवर इस फ़िल्म के बाद देव आनंद अपनी फ़िल्मो की सफलता की ग्यारंटी बनकर उभरे।
देवआनंद की कुछ यादगार फिल्मे। बाजी,टेक्सी ड्राइवर,महल,हम दोनों,काला बाज़ार,तेरे घर के सामने,माया,जाल,गाइड,जॉनी मेरा नाम,ज्वेल्थीफ, जब प्यार किसी से होता हैं,असली नकली,प्यार मोहब्बत,इंसानियत,हरे रामा हरे कृष्णा, वारंट,शरीफ बदमाश,अमीर गरीब,पतिता,पेइंग गेस्ट,गैम्बलर और ज़िद्दी आदि फिल्मो में यादगार अभिनय करते हुए देवआनंद ने अपना एक संवाद बोलने का स्टाइल बनाया जो आज तक उनके फैंस को बहुत लुभाता है फिल्मो में अभिनय करने के अलावा देव आनंद ने अपने बैनर तले कई फिल्मों का निर्माण किया और उनका निर्देशन भी किया लेकिन बतौर निर्माता,निर्देशक देव आनंद की फिल्में ज्यादा कामयाब नही हो पाई थी उनकी निर्माता और निर्देशक के तौर पर बनाई फिल्मे जैसे, हरे रामा हरे कृष्णा, हम नोजवान,अव्वल नंबर,लूटमार,स्वामी दादा,सच्चे का बोलबाला,आनंद ही आनंद,हीरा पन्ना,और द प्राइम मिनिस्टर आदि फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी। महान निर्देशक और अभिनेता गुरुदत्त ने जब अपनी पहली फ़िल्म सी आई डी का निर्माण किया था तो वादे के मुताबिक उन्होंने अभिनेता के तौर पर देव आनंद को अपनी फिल्म में लिया था 1956 में रिलीज हुई फ़िल्म सी आई डी बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई और ओ पी नैयर के संगीत ने तो तहलका मचा दिया था इस फ़िल्म के गानों को लोग आज भी बड़े चाव से सुनते हैं।
देवआनंद को 1958 में फ़िल्म काला पानी के लिए बेस्ट एक्टर का फ़िल्म फेयर अवार्ड मिला था और दूसरा फ़िल्म फेयर अवार्ड 1965 में आई फ़िल्म गाइड के लिए मिला था इसके अलावा भारत सरकार ने 2001 में देवआनंद को पद्म विभूषण अवार्ड से नवाजा था 2002 में देवआनंद को फिल्मो में दिए हुए योगदान के लिए दादा साहब फाल्के अवार्ड दिया गया था देवआनंद ने अपने आखरी दिन लंदन में गुज़ारे थे 3 दिसंबर 2011 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से इस महान और सदाबहार अभिनेता का निधन हो गया था बेशक आज देवआनंद हमारे बीच नही हैं लेकिन उनकी फिल्मों में यादगार अभिनय उनका चलने का अंदाज़ संवाद अदायगी और गले मे रुमाल बांधने का स्टाइल आज भी सिने प्रेमियों को रोमांचित करता हैं।