अजय डोडियार संवाददाता
उज्जैन.| निजी संस्थाओं द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सकों की टीम व एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध करवाने पर अब अस्पताल प्रशासन संबंधित संस्था से तय शुल्क भी जमा करवाएगा। इससे रोगी कल्याण समिति की आय में बढ़ोतरी होगी। राशि तय करने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों की टीम गठित की है। अभी अस्पताल प्रशासन इस सेवा के एवज में कोई शुल्क वसूल नहीं करता है। आइसीयू की क्षमता और ओपीडी की राशि बढ़ाने जैसे बड़े प्रस्ताव पर साधारण सभा में निर्णय लिया जाएगा।
सोमवार को अपर कलेक्टर ऋषव गुप्ता की अध्यक्षता में सिंहस्थ मेला कार्यालय में रोगी कल्याण समिति कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें रोकस की आय में बढ़ोतरी को लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में प्रस्ताव रखा गया कि निजी संस्था या संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मेडिकल सुविधा लेने पर संबंधित से शुल्क लिया जाए। इस पर सहमति जताते हुए गुप्ता ने यह व्यवस्था लागू करने के लिए सहायक कलेक्टर अभिषेक चौधरी, डिप्टी कलेक्टर मुनीष सिकरवार व सिविल सर्जन की तीन सदस्यीय समिति को रिपोर्ट देने का कहा है। बैठक में जिला अस्पताल के बाहर दुकानों के किराया वृद्धि, दो दुकानों द्वारा किराया न देने पर उनके विरुद्ध अधिनियम अन्तर्गत सात दिवस में कार्रवाई आदि का निर्णय लिया गया। बैठक में सीएमएचओ डॉ महावीर खंडेलवाल, सिविल सर्जन डॉ आरपी परमार, नगर निगम उपायुक्त भविष्य खोबरागड़े, वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ संगीता पलसानिया, पीडब्ल्यूडी उपयंत्री अनिल तोमर, दानदाता शोभा जौहरी मौजूद थे।
आइसीयू व ओपीडी शुल्क पर आम सभा में निर्णय
रोकस कार्यकारिणी की बैठक में दो महत्वपूर्ण मुद्दे आइसीयू की क्षमता 10 बिस्तर से बढ़ाकर 20 बिस्तर करने और ओपीडी का शुल्क 5 से बढ़ाकर 10 रुपए करने का प्रस्ताव भी रखा गया। दोनों ही मुद्दों पर लंबी चर्चा के बाद सर्वानुमति से निर्णय लिया गया कि उक्त प्रस्ताव अंतिम निर्णय के लिए आम सभा में रखा जाएगा। आम सभा के लिए प्रभारी मंत्री से समय लिया जाएगा।
यह निर्णय भी हुए
– जिला चिकित्सालय में इंटरकॉम टेलीफोन सिस्टम का कार्य एक महीने में पूरा किया जाए।
– राज्य सभा सांसद सत्यनारायण जटिया द्वारा उपलब्ध कराई गई एम्बुलेंस को चालू कराया जाए।
– जिला अस्पताल में कैमरे लगाने का कार्य टेण्डर कॉल कर दो महीने में कार्रवाई पूरी की जाए।
– जिला चिकित्सालय परिसर में स्ट्रीट लाइट खराब होने पर नई लाइट लगाने के लिए नगर निगम उपायुक्त को यह कार्य तीन दिन में पूरा कराने के निर्देश दिए।
– जिले के अन्य अस्पतालों में ओपीडी शुल्क के लिए कलेक्टर या अपर कलेक्टर की ओर से संबंधित एसडीएम व बीएमओ को पत्र भेजा जाए।