
योगेश जोशी
दुनिया को आतंक परोसने वाला देश पाकिस्तान आज खुद खतरे में है। वह भारत में आतंकियों को भेजना अपनी शान • समझता रहा। आज वही विषधर सांप ट्रेनिंग लेकर पाकिस्तान को ही निशाना बना रहे हैं। पाकिस्तानी आर्मी पर आत्मघाती हमले कर आतंकियों ने दुनिया को बता दिया है कि आतंक जहां जन्म लेता है, वहां भी अपना खौफ कायम करता है। पाकिस्तान को अब यह बात समझ में आ जानी चाहिए कि दूसरे देशों में आतंक फैलाने का मतलब यह नहीं है कि वह खुद सुरक्षित हो जाएगा। पाकिस्तान ने आतंकियों का भरण-पोषण करने में इतना पैसा लगा दिया कि वह वह खुद कंगाल हो गया और अब उसके पाले आतंकी ही उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। क्या आर्मी पर आतंकियों के हमले की घटना से पाक कोई सबक मिलेगा? आतंकियों को वर्षों से दाना-पानी देने वाले इस देश को अब आतंक का फन कुचलना चाहिए। वैसे पाकिस्तान जैसा बो रहा है, वैसा ही काट रहा है। समझदारी तो इसी में है कि पाकिस्तान आतंकी घटनाओं से सबक सीखे और पूरे पाक मे आतंक को खत्म करे । चुन-चुन कर आतंकियों का खात्मा करना होगा। आतंकियों को सारी मदद, फंडिंग बंद कर सारे संसाधन मूलभूत सुविधाओं के लिए ढांचा बनाने और जनता के उत्थान के लिए लगाने चाहिए। आतंक पर पैसा बर्बाद करने से हासिल कुछ भी नहीं होगा, सिवाय दर्द भरे अंत के । पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री बंद कर जनता जनार्दन की कल्याणकारी योजना को मूर्त रूप दे, तभी उसका अस्तित्व बना रह पाएगा। अगर अब भी पाक को आतंक का दर्द महसूस नहीं होता, तो यह समझा जाएगा कि वह समस्या के प्रति गंभीर नहीं है और सर्वनाश की तैयारी कर रहा है। यह तय है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए पाकिस्तान की जनता को पाक के नेताओं पर दबाव डालना होगा, तभी समस्या का कुछ हल निकल पाएगा।