PRIYANKA SINGH reporter
रीवा. जिले में बारिश के चलते दलहनी फसलों पर संंकट के बादल मंडरा रहे हैं। बारिश के कारण शुक्रवार को भी बकिया बराज सहित आस-पास के डैम के गेट खुले रहे। पिछले कई दिनों से लगातार बारिश के चलते पहाडी नदी-नालों के साथ ही तराई अंचल की टमस और बेलन नदी में जलस्तर बढ़ रहा है। शनिवार को जिले के जवा तहसील में सबसे ज्यादा ३.२२ इंच बारिश दर्ज की गई है। जबकि सेमरिया तहसील में २.९९ इंच बारिश हुई है। शेष तहसीलों में २ इंच के आस-पास बारिश रेकार्ड की गई है।
लगातार बारिश के चलते जलजमाव
पितृ पक्ष खत्म होने के बाद भी लगातार बारिश जारी है। शहर में शाम के समय एक घंटे तक जमकर बारिश हुई। जिससे कई जगह पानी भर गया। सडक़ें लबालब रहीं। शनिवार की सुबह भी बारिश हुई। पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। शाम को देरशाम तक बारिश हुई। दिन में एक बार धूप खिली तो लोगों को बारिश से राहत मिली। बारिश के किसानों के चेहरे खिल गए हैं। लेकिन अब दलहली फसल के लिए मुसीबत की बारिश साबित होने लगी है। दलहनी की फसलों को नुकसान होने लगा है। कई किसानों ने बताया कि बारिश इसी तरह जारी रही तो दलहन की फसल पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। उड़द, मूंग, तिल आदि की फसल प्रभावित हो गई है। जबकि धान के लिए पानी रामबाण है।
साढ़े तीन इंच की बारिश में जलमग्न हुआ तराई
जिले में कई तहसील क्षेत्र में मूसलाधार बारिश रेकार्ड की गई है। जवा और सेमरिया तहसील में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। जबकि त्योथर, मऊगंज और हनुमना में दो इंच बारिश रेकार्ड की गई है। मनगवां में भी ढाई इंच से ज्यादा बारिश हुई है। बाणासागर में भी छह गेट खोलकर पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित एरिया में अधिकारियों को सक्रिय कर दिया है। तराई अंचल में टमस नदी में जलस्तर बढ़ रहा है। कुछ जगहों पर पहाड़ी क्षेत्र के नदी और नाले ऊफान पर हैं। इधर, शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में सडक़ और मोहल्लों में जगह-जगह जलजमाव के कारण लोगों की फजीहत बढ़ गई है।