शिवराज के विधानसभा क्षेत्र बुदनी की सबसे बड़ी कंपनी ट्राइडेंट पर आयकर विभाग की छापेमार कार्यवाही

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां घोषित हो चुकी हैं। 17 नवंबर मध्यप्रदेश में मतदान होने हैं। इसी बीच मध्यप्रदेश की बड़ी कंपनी ट्राइडेंट पर आयकर विभाग की छापेमार कार्यवाही ने प्रदेश के नेताओं को सख्ते में डाल दिया है। खासतौर से भाजपा से जुड़े सभी नेता इस बात को लेकर अचंभित हैं कि प्रदेश में 18 वर्षों से जिस विधानसभा क्षेत्र बुदनी से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव जीतते आये हैं उसी विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी ट्राइडेंट पर आखिर कैसे छापेमार कार्यवाही हो गई? छापेमार कार्यवाही के बाद हर तरफ इस बात को लेकर चर्चा है कि आचार संहिता के दौरान इस कार्यवाही के माध्यम से मोदी सरकार ने किसे चेतावनी दी है। चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस कार्यवाही से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सचेत किया है कि आगामी चुनावी सभाओं में वे किसी भी तरह से खुद को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट न करें।

आखिर ट्राइडेंट से शिवराज का क्या संबंध
ट्राइडेंट कंपनी के ऊपर छापेमार कार्यवाही के बाद सियासी गलियारे में इस बात को लेकर चर्चा है कि बुदनी की इस कंपनी में शिवराज सिंह चौहान का क्या संबंध है। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस कंपनी में शिवराज सिंह चौहान की साझेदारी हो। सूत्रों के अनुसार शिवराज सिंह चौहान ने पहले सांसद और फिर मुख्यमंत्री बनने के बाद इस कंपनी को औने-पौने दाम पर जमीन उपलब्ध करवाई और पूरी सुविधाएं देकर कंपनी को खड़ा करने में मदद की है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि कंपनी के संचालन की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़े लोग संभाल रहे थे।
कहीं यह मोदी और शाह की चेतावनी तो नहीं
पिछले कुछ समय से शिवराज सिंह चौहान हर चुनावी रैली में खुद जनता से हामी भरते दिखाई दे रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री उन्हें बनायेंगे या नहीं। मैं चुनाव लडूं या नहीं। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान की इस साजिश की भनक केंद्रीय नेतृत्व को लग गया और उन्होंने न चाहते हुए भी शिवराज सिंह चौहान को बुदनी से टिकट दिया। लेकिन टिकट देने के कुछ दिन बाद ही मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र की बड़ी कंपनी में छापेमार कार्यवाही हुई। यह प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की शिवराज को चेतावनी है कि वे खुद को पार्टी से बड़ा न समझें। मुख्यमंत्री कौन बनेगा, किसे प्रोजेक्ट करेंगे और कौन बड़ा चेहरा होगा यह पार्टी निर्णय लेगी, शिवराज सिंह चौहान नहीं।

मोदी के चेहरे पर उतरी है प्रदेश भाजपा
अब तक हुए पिछले तीन चुनावों में जहां हर मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान को प्रोजेक्ट कर प्रमुख चेहरा बनाया जाता था। वहीं, इस बार ऐसा बिल्कुल नहीं है। परिस्थिति बिल्कुल उलट है और इस बार चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़ा जा रहा है। यही कारण है कि प्रदेश में जितने भी चुनाव अभियान से जुड़े प्रचार-प्रसार की सामग्रियां वितरित की जा रही हैं, चाहे वह फ्लेक्स, होर्डिंग, बैनर, पम्पलेट, टेलीविजन विज्ञापन हो। सभी में सिर्फ एक लाइन का जिक्र है फिर एक बार भाजपा सरकार। पार्टी द्वारा एक बार शिवराज सरकार की लाइन हटाने के बाद से शिवराज सिंह चौहान और खेमा बुरी तरह से सख्ते में है। यही कारण है कि शिवराज सिंह चौहान को चुप कराने के लिये शाह और मोदी ने ट्राइडेंट कंपनी पर छापेमार कार्यवाही की है।

60 गाड़ियों ने मारा था एक साथ छापा
इनकम टैक्स के अधिकारियों ने 17 अक्टूबर को सुबह सीहोर जिले के बुधनी में ट्राइडेंट कंपनी में छापा मारा है। कंपनी कैम्पस को जांच के लिए सील किया गया है। करीब 60 गाड़ियों में आईटी की टीम यहां पहुंची। टीम ने कंपनी के दस्तावेजों को पड़ताल करने के लिए कब्जे में लेना शुरू किया है। इसके साथ ही आयकर विभाग ने कंपनी के भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित नादिर कॉलोनी के ऑफिस में भी छापेमार कार्यवाही कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज एकत्रित किये हैं। ट्राइडेंट ग्रुप ऑफ़ कंपनीज के मालिक राजेंद्र गुप्ता हैं। कंपनी द्वारा पेपर मैन्युफैक्चरिंग, बेडशीट, तौलिया केमिकल, धागा, फर्नीचर और बिजली के सामान बनाए जाते हैं। ट्राइडेंट कंपनी में बनाए जाने वाले 75 प्रतिशत प्रोडक्ट्स विदेश में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। विभाग की टीम ने कंपनी को पूरी तरह से सील कर दिया है। अभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। सभी तरह के लेन-देन और कंपनी द्वारा एक्सपोर्ट किए जाने वाले सामान का ब्योरा निकाला जा रहा है। अभी टीम द्वारा सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। ये बात सामने आई है कि करीब 75 प्रतिशत सामान कंपनी द्वारा विदेश में भेजा जाता है। जल्द ही इस मामले में कई खुलासे होने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्य सचिव अंटोनी डिसा 01 अक्टूबर 2013 से 31 अक्टूबर 2016 तक प्रदेश के मुख्य सचिव रहे। इस दौरान डिसा कंपनी में स्वतंत्र डायरेक्टर के रूप में पदस्थ रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान शासकीय खजाने से भी कंपनी को करोड़ों की मदद शिवराज सिंह चौहान के इशारे पर की गई है।

विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन

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