उत्‍तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों से वॉकी-टॉकी पर हुई बात, ऑक्सीजन और भोजन की सप्‍लाई भेजी

  • फंसे मजदूरों से वॉकी-टाकी से बात भी हुई है, पाइप के जरिए ऑक्सीजन, खाने की सप्लाई दी गई
  • उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रही सुरंग में रविवार सुबह हुई दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है
  • रेस्‍क्‍यू टीम खुदाई करने वाले उपकरणों और भारी मशीनों की मदद से मलबे को हटा रही है

उत्‍तराखंड के उत्‍तरकाशी जिले में बन रही सुरंग रविवार सुबह ढह गई। सुरंग के भीतर करीब 40 मजदूर फंसे हुए हैं। उन तक ऑक्सीजन और खाने की सप्‍लाई की गई है। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। मजदूरों से रात में वॉकी-टॉकी से बात हुई थी।

देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रही सुरंग में रविवार सुबह हुई दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है। सुरंग में चल रहे बचाव अभियान के बारे में लोडर ऑपरेटर मृत्युंजय कुमार ने बताया कि टीम खुदाई करने वाले उपकरणों और भारी मशीनों की मदद से मलबे को हटा रही है। यह भी बताया गया कि मजदूरों से वॉकी-टाकी के जरिए बात भी हुई है। पानी वाले पाइप के जरिए ऑक्सीजन और खाने की सप्लाई हो रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम पुष्‍कर सिंह धामी से हादसे पर बात की है। उन्‍होंने राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली।

एसडीआरएफ टीम बचाव अभियान का नेतृत्व कर रही है। इससे पहले दिन में, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने जानकारी देते हुए कहा था कि प्रशासन की प्राथमिकता सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को बाहर निकालना है। उन्‍होंने बताया कि बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। डीएम ने जिले के सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। साथ ही निर्देश दिया कि वे तत्काल अपने-अपने कार्यस्थलों पर रिपोर्ट करें और राहत और बचाव कार्यों के लिए चौबीसों घंटे तैयार रहें।

उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यादववंशी के अनुसार, ब्रह्मखाल-पोल्गांव में सिल्कीयारा से दंडालगांव को जोड़ने वाली निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के शनिवार रात को ढहने की सूचना मिली थी। सुरंग का एक हिस्सा सिल्कीयारा की तरफ ब्रह्मखाल से करीब 200 मीटर आगे टूट गया। यादववंशी ने कहा कि हाइड्रोइलेक्ट्रिक इन्वेस्टमेंट एंड डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एचआईडीसीएल) के अधिकारियों ने बताया कि 36 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। उन्‍हें सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं। एचआईडीसीएल को ही सुरंग बनाने का ठेका दिया गया है।

एक अन्‍य अधिकारी ने कहा, ‘सुरंग खोलने के प्रयास जारी हैं। सुरंग के अंदर से मलबा हटाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।’ एसडीआरएफ और पुलिस की एक टीम चल रहे बचाव कार्यों की जिम्मेदारी संभाल रही है। सुरंग ढहने की सूचना जिला नियंत्रण कक्ष, उत्तरकाशी में मिली, जिसमें कॉलर ने एसडीआरएफ टीम की मदद मांगी थी। सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसडीआरएफ कमांडर मणिकांत मिश्रा ने आवश्यक बचाव उपकरणों के साथ इंस्पेक्टर जगदंबा विजलवान के नेतृत्व में एक बचाव दल को मौके पर रवाना किया था। उन्होंने कहा, ‘मौके पर पहुंचने के बाद, एसडीआरएफ कर्मियों ने अन्य बचाव दलों के समन्वय में युद्धस्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया था।’

 

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